क्या है पूरा मामला?
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी मां का दो साल पहले निधन हो गया था. करीब आठ महीने पहले उसके पिता ने उसकी शादी करवा दी थी. ससुरालवाले उसे पीटते थे, उसके साथ गलत व्यवहार करते थे. ऐसे में वो वहां से भागकर अपने पिता के पास लौट गई. लेकिन पिता ने उसे घर में रखने से इनकार कर दिया. इसके बाद वो वह बीड ज़िले के अंबाजोगई में एक बस स्टैंड पर भीख मांगने लगी. यहां पर दो लोगों ने उसे नौकरी दिलाने का वादा किया और नौकरी के नाम पर उसका रेप किया. इसके बाद छह महीने तक 400 अलग-अलग लोगों ने उसका रेप किया. अभी पीड़िता दो महीने की गर्भवती है. पीड़िता ने बाल कल्याण समिति के फ़र्स्ट-क्लास मजिस्ट्रेट को बताया,''मेरे साथ कई लोगों ने दुर्व्यवहार किया है. मैं शिकायत दर्ज करने के लिए कई बार अंबाजोगई पुलिस स्टेशन गई, लेकिन पुलिस अक्सर मेरा पीछा करती थी. मेरी बात सुनने के बाद भी दोषियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई. मुझे एक पुलिस कर्मचारी ने प्रताड़ित भी किया है.''इस मामले में लड़की के पिता और रिश्तेदारों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक, रेप के आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है. आज तक से जुड़े रोहीदास हटागले की रिपोर्ट के मुताबिक़, विक्टिम को बाल कल्याण समिति में ही रखा गया है. जल्द ही उसका अबॉर्शन कराया जाएगा.
आख़िर क्यों रेप केस में सज़ा इतनी कम सुनाई जाती है?
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