"तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेटा, जितिन प्रसाद, अरुण जटेली का बेटा, राजनाथ सिंह का बेटा, निर्मला सीतारमन की बेटी क्यों विदेश में पढ़े. क्या उन्हे यहां एडमिशन नही मिला था."
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प्रभाकर ने तंज कसते हुए लिखा,
"जोशी जी, कुछ फेल होने वाले मंत्री भी बनते हैं!"
"इस आदमी से पूछो कि इतनी बड़ी आबादी का देश जहां सिर्फ यूपी में ही हर साल 25 से 30 लाख विद्यार्थी 12 पास करते हैं. सवाल ये है कि एमबीबीएस की सीटें कितनी बढ़ाई गई है इन 7सालो में?"
"ये लीजिये एक और महाज्ञान मंत्री जी, अपने देश में मेडिकल कॉलेज 350 के आसपास हैं और सीटें 80,000 हैं तथा नीट की परीक्षा 16 लाख बच्चे देते हैं. बाकी के 15 लाख बीस हजार बच्चे कौन से कॉलेज में पढ़ाई करेंगे कभी ये सोचा है. गज़ब का दौर चल रहा है बोलना है मतलब कुछ भी बोल दो."
"मंत्री जी आप कहना क्या चाहते हैं कि छात्रों को यूक्रेन में ऐसे ही फंसे रहना दिया जाए."
"पढ़ ही रहे हैं ना? कुछ ग़लत काम तो नहीं कर रहे? आबादी के हिसाब से मौक़े कम हैं और अगर किसी को मौक़ा नहीं मिल रहा तब वो आपसे शिकायत किए बिना विदेश जाकर पढ़ाई कर रहा है तो आपको क्या दिक़्क़त? मंत्रियों के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, वो भी यहां किसी एग्ज़ाम में फेल हो जाते हैं?"
फिलहाल यूक्रेन में हालात चिंताजनक हैं. कीव के फ्रीडम स्क्वेर के आसपास के इलाकों में लगातार चेतावनी के सायरन बज रहे हैं. बिगड़ते माहौल को देखते हुए भारत ने भी अपने सभी छात्रों को आज ही कीव को छोड़ने के लिए कहा है. हालांकि, छात्रों का कहना है कि बिना किसी साधन के वो कहीं नहीं जा सकते और ऊपर से सड़कों पर लड़ाई चल रही है. इस बीच एक भारतीय छात्र की यूक्रेन में मौत हो गई है.
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