पुलिस ने नहीं दी थी इजाजत
इंडिया टुडे/आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक जिस जगह पर हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया था, वो जमीन डीडीए (DDA) की है. पुलिस का कहना है कि आयोजन करने से पहले DDA से इजाजत नहीं ली गई थी, फिर भी महापंचायत की गई और 700-800 लोग कार्यक्रम में शामिल हुए. इस बारे में डीडीए की तरफ से कोई टिप्पणी अभी तक नहीं आई है. पुलिस ने बताया कि मामले में तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं. उसने कहा,"रविवार, 3 अप्रैल की शाम को भड़काऊ भाषण देने के कारण यति नरसिंहानंद के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी. इसके बावजूद इसे आयोजित किया गया. इस वजह से पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए और 188 के तहत मामला दर्ज किया है."आईपीसी की धारा 153ए तब लगाई जाती है कि जब किसी व्यक्ति या समूह पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल कार्य करने का आरोप हो. वहीं धारा 188 लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन करने पर लगाई जाती है.
नरसिंहानंद ने क्या कहा था?
बुराड़ी की हिंदू महापंचायत में यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर धर्म विशेष को निशाना बनाकर आपत्तिजनक बातें कही थीं. उनके इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें नरसिंहानंद कह रहे हैं,"वर्ष 2029 में या वर्ष 2034 में या वर्ष 2039 में मुस्लिम प्रधानमंत्री बन जाएगा. अगर इस देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री बना तो अगले 20 सालों में 50 प्रतिशत हिंदू अपना धर्म बदल लेंगे. 40 प्रतिशत हिंदुओं की हत्या कर दी जाएगी और बाकी बचे 10 प्रतिशत या तो शरणार्थी शिविरों में होंगे या दूसरे देश में होंगे. अगर ऐसा नहीं होने देना चाहते तो मर्द बनो. मर्द कौन होता है? जिसके हाथ में हथियार होता है, वो मर्द होता है. एक मर्द वो होता है जो अपने घर की औरतों से इतना प्यार करता है कि अपनी घर की औरतों के लिए मर-मिट जाता है, उसे मर्द कहते हैं. और जितना प्यार एक पतिव्रता स्त्री अपने पति और मंगलसूत्र से करती है, मर्द उतना प्यार अपने हथियार से करते हैं."
कौन है प्रीत सिंह?
आजतक की खबर के मुताबिक डीसीपी (नार्थ वेस्ट) उषा रंगनानी ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन मंगोलपुरी निवासी प्रीत सिंह ने किया था. वो ‘सेव इंडिया फाउंडेशन’ के अध्यक्ष भी हैं. हिंदुस्तान टाइम्सकी रिपोर्ट के मुताबिक जब प्रीत सिंह से हिंदू महापंचायत में दिए गए भड़काऊ भाषण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,"ये नरसिंहानंद के अपने विचार हैं. हम उनका समर्थन नहीं करते. जब वो ऐसा बोल रहे थे तो हमने उन्हें रुकने के लिए भी बोला था. हमने शिक्षा का समान अधिकार, घुसपैठ रोकने जैसे पांच कानूनों के पक्ष में समर्थन हासिल करने के लिए महापंचायत का आयोजन किया था."ये वही प्रीत सिंह हैं, जो पिछले साल जंतर मंतर के उस कार्यक्रम के भी आयोजक थे जिसमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती नारे लगाए गए थे. तब दिल्ली पुलिस ने उनको अरेस्ट भी किया था. नरसिंहानंद ने भी सफाई दी है. डासना देवी मंदिर के महंत ने कहा है कि उन्होंने लोगों को हथियार उठाने के लिए नहीं, हथियार रखने के लिए कहा था. उनकी और उनके परिवार की आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने को कहा था. यति का मानना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो तमाम हिंदुओं का हाल भी वही होगा जो कश्मीर के हिंदुओं का हुआ है.
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