मामला क्या है?
ट्विटर पर 18 फरवरी को एक ट्वीट किया गया. जिसमें लिखा था,"शक्तिशाली कुवैती सांसदों के एक समूह ने कुवैत सरकार से मांग की है कि वह भारत की सत्ता पर काबिज़ भाजपा सरकार के किसी भी सदस्य के कुवैत में प्रवेश करने पर तुरंत प्रतिबंध लगाए. हम मुस्लिम लड़कियों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित होते हुए नहीं देख सकते. ये उम्माह के एकजुट होने का समय है."इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लिखा,
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ट्वीट के साथ लगाया गया लेटर (फोटो: ट्विटर)
"घरेलू मामलों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर होता है. मैं खाड़ी में रहने वाले अपने दोस्तों से भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया पर उनकी बेचैनियों के बारे में सुनता हूं. इसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई तो दूर प्रधानमंत्री निंदा तक नहीं करते. हमें भारत पसंद है. लेकिन ऐसे हालात ना बनाएं कि हम आपको दोस्त ना बना सकें."
भारतीय दूतावास ने ये कहा
थरूर के इस ट्वीट पर कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने नाराज़गी ज़ाहिर की. दूतावास ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा,"भारतीय संसद के एक माननीय सदस्य को एक पाकिस्तानी एजेंट द्वारा भारत विरोधी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए देखकर दुख हुआ. ये वो पाकिस्तानी एजेंट है, जिसे भारत विरोधी गतिविधियों के लिए 'शांति का दूत' नाम से पाकिस्तानी पुरस्कार मिला था. हमें ऐसे भारत विरोधी तत्वों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए."
"मैं इस व्यक्ति का समर्थन नहीं करता, ना ही मैंने उसके बारे में कभी नहीं सुना है. लेकिन उसके द्वारा व्यक्त की गई से भावना से मैं चिंतित हूं, जिसे भारत के कई दोस्तों ने शेयर किया है. मैं दूतावास की बात से सहमत हूँ, और सरकार को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे देश विरोधी तत्वों को मौका मिले."
वहीं विदेश मंत्रालय ने कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर कुछ देशों की आलोचना पर साफ शब्दों में कहा है कि भारत के आंतरिक मामलों में दूसरे देशों की टिप्पणियां स्वीकार नहीं होंगी.
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