दावा
बीते दिनों में देश के तमाम पावरप्लांट्स से कोयले की कमी की खबरें लगातार सामने आई हैं. इस बीच कोयले की आपूर्ति से जुड़ा एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में कोयले से लदी एक मालगाड़ी दिख रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और BJP नेता प्रकाश जावड़ेकर ने इस वीडियो को बिजली संयंत्रों को की जा रही कोयला आपूर्ति से जोड़ते हुए लिखा,
"4 इंजन वाली 4 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी को बिजली संयंत्रों की कोयला आपूर्ति करने के लिए युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. ये है मोदी सरकार और मोदी जी #NewIndia" (आर्काइव)
पंजाब बीजेपी के
IT सेल हेड राकेश गोयलने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा (
आर्काइव )-
पंजाब बीजेपी के ट्विटर हैंडलसे भी इसी दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया गया है.
(
आर्काइव )
फेसबुक पर भी ऐसे दावे वायरल हैं.
पड़ताल
दी लल्लनटॉप ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमने पाया कि ये वीडियो हाल का नहीं, जनवरी 2021 का है. साथ ही ये कोयला संकट के मद्देनज़र की गई कोई विशेष व्यवस्था नहीं है.
वायरल वीडियो में वीडियो के ऊपरी हिस्से में बाईं ओर लिखे टेक्स्ट से हमें क्लू मिला. यहां IRTS Association लिखा हुआ है. इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (
IRTS Association) के ट्विटर हैंडलसे ये वायरल वीडियो 6 जनवरी 2021 को शेयर किया गया था.
IRTS Association ने अपने ट्वीट के कैप्शन में लिखा
VASUKI, 4 भरी हुई मालगाड़ियां पहली बार कोरबा, बिलासपुर मंडल में जोड़ी गईं. 500 ट्रकों के बराबर 16000 टन कोयला लेकर यह कोरबा से भिलाई तक दौड़ी. श्री रवीश कुमार सिंह के नेतृत्व में पूरी ऑपरेशन टीम द्वारा किया गया सराहनीय कार्य #IRTS #IRTSMovingIndia. (आर्काइव )
हमने जब IRTS Association के ट्वीट को कंफर्म करने के लिए कीवर्ड्स की मदद ली तो पता चला कि 6 जनवरी 2021 को वासुकी नहीं, सुपर शेषनाश मालगाड़ी का ट्रायल हुआ था.
इस बात की जानकारी
रेल मंत्रालय ने ट्विटरके जरिए दी थी. रेल मंत्रालय के इस ट्वीट में वायरल हो रहा वीडियो देखा जा सकता है.
रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा,
"एक और सफलता. 'शेषनाग' के सफल संचालन के बाद, अब साउथ ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे के बिलासपुर मंडल ने 'सुपर शेषनाग' का संचालन किया. कोरबा से 20906 टन के वजन के साथ 4 लोडेड ट्रेन से बने फॉर्मेशन की पहली दौड़." ( आर्काइव )
इसके अगले ही दिन- 7 जनवरी 2021 को उस समय रेलमंत्री रहे पीयूष गोयल ने भी
सुपर शेषनाग ट्रेनके सफलतापूर्वक संचालन की जानकारी दी थी. (
आर्काइव )
क्या हालिया कोयला संकट में सुपर शेषनाग का इस्तेमाल हुआ?
इस बारे में जानकारी के लिए हमने साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बिलासपुर मंडल से संपर्क किया. बिलासपुर रेलवे मंडल के प्रवक्ता साकेत रंजन ने बताया,
"हाल-फिलहाल किसी भी सुपर शेषनाग ट्रेन का संचालन नहीं किया गया है. जनवरी में ये फॉर्मेशन चलाई गई थी. कोयला ढुलाई के लिए हम (SECR) आजकल लॉन्गहॉल ट्रेन चला रहे हैं. इसमें 2 इंजन जोड़े जाते हैं. हम फिलहाल एक दिन में 10-11 लॉन्गहॉल ट्रेनें चला रहे हैं, जिसके ज़रिए क़रीब 7 हज़ार से ज्यादा कोयला वैगन रोज़ाना देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जा रहे हैं."
उन्होंने आगे बताया,
"इस तरह की खास फोर्मेशन का मकसद ट्रैक की व्यस्तता को कम करना होता है. किन्हीं दो निरंतर स्टेशनों की बीच एक ट्रैक पर एक ही ट्रेन हो सकती है. जब हमें ज्यादा माल ढोना होता है तो हम कई इंजन साथ जोड़ लेते हैं ताकि एक बार में 3-4 ट्रेनों का माल इकट्ठा ढोया जा सके. हालांकि ये नियमित अभ्यास नहीं है. कभी-कभार ही इसकी ज़रूत पड़ती है."
क्या है सुपर शेषनाग ट्रेन ?
सुपर शेषनाग अब तक भारतीय रेलवे नेटवर्क पर चलने वाली सबसे लंबी मालगाड़ियों में से एक है. सुपर शेषनाग ट्रेन में 4 भरी हुई मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया जाता है. रेलवे के मुताबिक, सुपर शेषनाग ट्रेन की लंबाई क़रीब 2.8 किलोमीटर होती है जो 2 इंजन वाली लॉन्गहॉल ट्रेन से लगभग दोगुनी होती है.
एक ट्रेन में कई इंजन जोड़ने के लिहाज से भारत में अब तक सबसे लंबी ट्रेन वासुकी है, जिसमें कुल 5 भरी हुई मालगाड़ियों को आपस में जोड़कर चलाया गया था.
नतीजा
हमारी पड़ताल में नतीजा निकला कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2021 के कोयला संकट से जुड़ा हुआ नहीं है. ये वीडियो साल 2021 के जनवरी महीने का है जब भारतीय रेलवे ने 4 इंजन वाली सुपर शेषनाग ट्रेन का ट्रायल रन किया था. ये ट्रायल साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे जोन के बिलासपुर डिवीजन में हुआ था. स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है.
वीडियो: LAC पर भारत-चीन की वायरल फोटो का सच यहां जान लीजिए