# Virender Sehwag- The Destroyer
जैसा कि सबको पता है, सहवाग बैटिंग करते हुए किशोर कुमार का गाना गुनगुनाते थे. इसके साथ ही सहवाग के बारे में एक और बात मशहूर थी- वह अंधविश्वासी भी थे. उनका मानना है कि वह जब भी टीम इंडिया को सपोर्ट करते थे, टीम हार जाती थी. ये बात समझ में आने के बाद सहवाग ने फैसला लिया कि अब से वह टीम इंडिया को सपोर्ट नहीं करेंगे. बल्कि उनकी हार की दुआ करेंगे, ताकि टीम इंडिया जीत जाए.# India vs Sri Lanka, Rajkot ODI
और उनकी इसी कसम के बाद आया साल 2009 का 15 दिसंबर. भारत और श्रीलंका के बीच राजकोट में वनडे मुकाबला खेला गया. श्रीलंकाई टीम महीने भर से भारत दौरे पर थी. यहां उन्हें तीन मैचों की टेस्ट सीरीज, दो मैचों की T20 सीरीज और पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलनी थी. पहले टेस्ट सीरीज खेली गई. जहां भारत ने श्रीलंका को 2-0 से मात दी. ये वही टेस्ट सीरीज थी, जिसमें विरेंदर सहवाग तीसरा तिहरा शतक लगाने से सिर्फ सात रन से चूक गए थे. और फिर आई वनडे सीरीज. राजकोट वनडे में श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया. बल्लेबाजी के लिए उतरे सचिन-सहवाग. और आते ही शुरू हो गए. सचिन-सहवाग ने 19 ओवर में ही 150 रन जोड़ दिए. इस दौरान दोनों बल्लेबाजों ने अपना पचासा भी पूरा किया. 20वें ओवर में भारत का पहला विकेट गिरा. सचिन 63 गेंदों में 69 रन बनाकर आउट हुए. तीसरे नंबर पर आए कप्तान एमएस धोनी. इसके बाद सहवाग और धोनी ने दूसरे विकेट के लिए सिर्फ 96 गेंदों में 156 रन की साझेदारी कर डाली. नज़फगढ़ के नवाब ने मात्र 66 गेंदों का सामना करते हुए अपने वनडे करियर का 12वां शतक जड़ दिया. 12 चौके और पांच छक्के लगाए. शतक जड़ने के बाद वीरू धीमे हो गए. और अंततः वह 102 गेंदों पर 146 रन बनाकर आउट हुए. धोनी के धुआंधार 53 गेंदों में 72 रन की बदौलत भारत ने सात विकेट खोकर 414 रन बनाए.# Dilshan-Sangakkara
दिलशान के शतक के बाद थरंगा ने भी 51 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया. और फिर रन गति बढ़ाने के चक्कर में 67 रन बनाकर स्टंप भी हो गए. लेकिन भारत की असली परेशानी थरंगा के आउट होने के बाद बढ़ी. तीसरे नंबर उतरे संगकारा. और ऐसे बल्लेबाजी की मानो माता आई हो. सिर्फ 24 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया और इसके बाद भी कुटाई जारी रखी. और ये कुटाई देख ऐसा लग रहा था कि ऊपरवाला सहवाग की दुआ सुन रहा है. टीम इंडिया सच में हार जाएगी. लेकिन 37वें ओवर में प्रवीण कुमार ने संगकारा को आउट कर दिया. संगकारा ने 43 गेंदों में 10 चौके और पांच छक्के की मदद से 90 रन बनाए. जब वह आउट हुए. उस समय श्रीलंका को जीत के लिए 81 गेंद में सिर्फ 99 रनों की जरूरत थी. लेकिन हरभजन सिंह ने दिलशान और जयसूर्या को आउट कर श्रीलंका को बैकफुट पर धकेल दिया. इसके बाद लगातार विकेट गिरते चले गए. नौबत ये आई कि आखिरी ओवर में श्रीलंका को जीत के लिए 11 रन बनाने थे. क्रीज पर मैथ्यूज और कुलसेकरा थे. और आशीष नेहरा ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए पहले मैथ्यूज को आउट किया. फिर 11 रन भी डिफेंड कर लिए. इस तरह भारत ने रोमांचक मैच जीता और श्रीलंका ने दिल.# Superstitious Sehwag
बाद में मैन ऑफ द मैच चुने गए विरेंदर सहवाग ने रवि शास्त्री से बात करते हुए खुद ही बताया कि वह भारत की हार की दुआ कर रहे थे. क्योंकि वीरू का ये अंधविश्वास था कि जब वह टीम इंडिया को सपोर्ट करते थे. टीम हार जाती थी. और इस मैच का रिजल्ट देख सबको लगा कि सहवाग का अंधविश्वास सही ही था. उन्होंने श्रीलंका को सपोर्ट किया और श्रीलंका हार गई.आखिर क्यों साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में एक साथ नहीं दिखेंगे रोहित-विराट?
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