'सभी अच्छी चीजों का अंत होता है. आज मैं उस खेल से विदा लेता हूं, जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने इस 23 साल की लंबी यात्रा को सुंदर और यादगार बनाया. आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया. आभार.'
'जालंधर की तंग गलियों से टीम इंडिया का टर्बनेटर बनने का पिछले 23 साल का मेरा सफर बहुत ही खूबसूरत रहा. जब भी मैं इंडिया की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरा हूं. उससे बड़ा मोटिवेशन मेरी जिंदगी में शायद ही कुछ और हो. लेकिन एक मुकाम आता है जब लाइफ में आपको फैसले लेने होते हैं. और जिंदगी में आगे बढ़ना होता है. मैं पिछले कुछ साल से एक ऐलान करना चाहता था. और इस चीज का इंतजार कर रहा था कि मैं आपके साथ इसे कब शेयर करूं. मैं आज क्रिकेट के हर फॉर्मेट से रिटायरमेंट ले रहा हूं. हालांकि ज़हनी तौर पर मैं यह रिटायरमेंट पहले ही ले चुका था. लेकिन ऐलान नहीं कर पाया. वैसे भी पिछले कुछ वक्त से मैं एक्टिव क्रिकेट नहीं खेल पा रहा था.'बताते चलें कि हरभजन सिंह ने अपना पहला टेस्ट मैच 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट 2015 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था. वहीं भज्जी ने अपना पहला वनडे मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 1998 में खेला था. उनका आखिरी वनडे मुकाबला 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ था. अपने 23 साल के इंटरनेशनल करियर में हरभजन सिंह ने टीम इंडिया के लिए 103 टेस्ट मैच में 417 विकेट झटके. वहीं वनडे में उन्होंने 236 मैच में 269 विकेट हासिल किये. जबकि T20I में भज्जी ने भारत के लिए 28 मुकाबले खेले हैं और 25 विकेट झटके. हरभजन सिंह 2011 वनडे विश्वकप और 2007 T20 विश्वकप जीतने वाली टीम इंडिया का अहम हिस्सा भी रहे.
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