IPL ने डेविड वॉर्नर, पोलार्ड, मलिंगा और रसल को लोकप्रिय बनाया. लेकिन क्रिस्टोफर हेनरी गेल ने IPL को लोकप्रिय बनाया. थैंक यू क्रिस गेल.
'IPL को अब दूसरा क्रिस गेल कभी नहीं मिलेगा.'
'एक युग की समाप्ति. एबी डीविलियर्स और क्रिस गेल के बगैर अब IPL पहले जैसा नहीं रहेगा. यादों के लिए शुक्रिया.'
'2022 के IPL में गेलस्टॉर्म नहीं. क्या बिग मैन का सफ़र यहीं खत्म हो गया?'
'RCB का स्तंभ होने और अपनी बल्लेबाजी से हमें एंटरटेन करने के लिए शुक्रिया यूनिवर्स बॉस. आपकी 66 गेंदों में नाबाद 175 रन की पारी हमेशा याद की जाएगी.'
'मानिए या न मानिए, लेकिन दुनिया में बहुत लोग IPL सिर्फ एबी डिविलियर्स और क्रिस गेल की वजह से देखते थे.'
'T20 क्रिकेट में 14321 रन, 1045 छक्के और 109 फिफ्टी प्लस स्कोर. IPL के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक. क्रिस गेल को RCB की जर्सी में सबसे ज्यादा मिस करेंगे.
'पहली बार हम लोग क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स के बिना IPL ड्राफ्ट देखने जा रहे हैं.'एक यूजर ने गेल के छक्कों का आंकड़ा शेयर करते हुए लिखा,
'क्रिस गेल के 357 छक्के. एबी डीविलियर्स के 251 छक्के. रोहित शर्मा के 227 छक्के. दुर्भाग्यवश, लिस्ट के टॉप-2 अब IPL का हिस्सा नहीं हैं. गेल और एबी के बगैर अब IPL पहले जैसा नहीं रहेगा. एंटरटेनमेंट के लिए शुक्रिया यूनिवर्स बॉस. क्रिस गेल.'
'ये अच्छा फैसला है कि क्रिस गेल ने IPL ऑक्शन में अपना नाम नहीं दिया. उन्हें फिटनेस की दिक्कत रही है. IPL 2021 और T20 विश्वकप में भी गेल कुछ कर नहीं पाए थे. लेजेंड को हमेशा याद किया जाएगा.'
'कई T20 खिलाड़ी आते और जाते रहेंगे. लेकिन शर्त लगा सकता हूं कि कोई क्रिस गेल जैसा नहीं हो पाएगा. IPL को ज्यादा मनोरंजक बनाने के लिए शुक्रिया यूनिवर्स बॉस. न सिर्फ अपनी पावर हिटिंग से बल्कि मैदान पर जो आप मौज-मस्ती करते थे उससे भी.'
'क्रिस गेल T20 क्रिकेट में अपने समय से 20 साल आगे थे.'
'अब जबकि इस साल क्रिस गेल नहीं खेलेंगे. बिना किसी शक के वह IPL के महान प्लेयर हैं. उन्हें सम्मान देने के लिए IPL को हर सीजन सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले खिलाड़ी को क्रिस गेल अवॉर्ड देना चाहिए.'
'तो एक और T20 लेजेंड IPL ट्रॉफी जीते बगैर ही रिटायर हो रहा है. बात ट्रॉफीज की नहीं है. बात है लेगेसी की, जो उन्होंने अपने पीछे छोड़ी है. और क्रिस गेल की लेगेसी की कोई सीमा नहीं है. थैंक यू यूनिवर्स बॉस.
'क्रिस गेल के 22 T20 शतक के रिकॉर्ड को तोड़ना उतना ही मुश्किल है. जितना सचिन के 34 हजार रन और मुथैया मुरलीधरन के 1350 प्लस विकेट को तोड़ना.'
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