सचिन तेंडुलकर के बारे में खुद शेन वॉर्न क्या सोचते थे?

05:24 PM Mar 07, 2022 |
Advertisement
शेन वॉर्न. स्पिन के जादूगर. विजडन प्लेयर ऑफ द सेंचुरी. वॉर्न के नाम विश्व क्रिकेट में कई बड़े रिकॉर्ड्स दर्ज हैं. उन्होंने अपने करियर में बड़े-बड़े बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाया. लेकिन जब सचिन तेंडुलकर की बात आती है. तो कहीं न कहीं, वॉर्न हल्के पड़ जाते हैं. भले ही शेन वॉर्न इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन सचिन के साथ की उनकी ऑन फील्ड राइवलरी आज भी प्रासंगिक है. खुद वॉर्न ने भी कई बार माना है कि सचिन तेंडुलकर उनके सपने में आकर छक्के मारते थे. कई क़िस्से हैं. जो सुने और सुनाए जा चुके हैं. ऐसा ही एक क़िस्सा खुद वॉर्न ने साल 2017 में इंडिया टुडे द्वारा आयोजित सलाम क्रिकेट में सुनाया था. शो के दौरान जब जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई ने शेन वॉर्न से सचिन के साथ की राइवलरी पर सवाल किया. तो वॉर्न ने कहा,
'मैं सचिन को ज्यादा बार आउट नहीं कर सका. जैसे ही मैं बॉल डालता था, सचिन गेंद को बाउंड्री के बाहर भेज देते थे. चाहे मुकाबला भारत में हो, ऑस्ट्रेलिया में या फिर कहीं भी. लेकिन मुझे बैटल पसंद है. ज्यादा बार तो नहीं लेकिन मैं कुछेक बार उन्हें आउट कर सका. वह अद्भुत प्लेयर थे. मैंने भारत का तीन बार दौरा किया. 1998, 2001 और 2004 में. मैं फिंगर इंजरी से वापस लौटा था. लेकिन ये कोई बहाना नहीं हो सकता है. मेरे ख्याल से मैंने सचिन के खिलाफ पहली बार 1992 में ऑस्ट्रेलिया में खेला था. उसने पर्थ और सिडनी में शतक लगाए थे. वो मेरा पहला मैच था. दुर्भाग्यवश दूसरी बार सचिन के खिलाफ खेलने में आठ साल लग गए. और ये बड़े शर्म की बात है. हमें इतना इंतज़ार करना पड़ा.
बता दें कि 1998 और 2002 के भारत दौरे पर शेन वॉर्न ने औसत प्रदर्शन किया. 1998 में तीन टेस्ट खेले और 54 के ऐवरेज से 10 विकेट झटके. वहीं 2002 के भारत दौरे पर वॉर्न ने 50 के बोलिंग ऐवरेज से 10 अपने नाम किये. जबकि 2004 के भारत दौरे पर वॉर्न ने 14 विकेट झटके थे. भारत दौरे का जिक्र करते हुए वॉर्न आगे कहते हैं,
'1998 की वो सीरीज काफी अहम थी. और मेरे लिए तो सबसे ज्यादा ही. क्योंकि मैं भारत और सचिन के खिलाफ खेलना चाहता था. लंबे समय से हम लोगों को भारत के खिलाफ खेलने का मौका भी नहीं मिला था. 1998 की सीरीज मेरे लिए अच्छी नहीं रही.  दुर्भाग्यवश, इसके बाद मुझे कंधे में चोट लगी. जिसकी वजह से मुझे 15 महीनों के लिए मैदान से बाहर बैठना पड़ा. और 2001 में मेरा फिंगर ऑपरेशन हुआ. मुझे काफी निराशा हुई थी. फिर 2004 में मैंने बढ़िया गेंदबाजी की. शायद पहले तीन टेस्ट में मैंने 14-15 विकेट चटकाए. लेकिन भारत में खेलने का अलग ही अनुभव है. साथ ही दुनिया के बेस्ट बल्लेबाजों के खिलाफ खेलने से आपको काफी कुछ सीखने को मिलता है. उस टीम में सहवाग, गांगुली, राहुल द्रविड़, सचिन और लक्ष्मण थे, जो स्पिन को बेहतर खेलते थे. इसलिए मुझे भारत में खेलना पसंद था.'
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के इस महान स्पिनर ने भारत के खिलाफ भारत में नौ टेस्ट मुकाबले खेले. 43.11 के बोलिंग ऐवरेज से 34 विकेट अपने नाम किये. जिसमें एक फाइव विकेट हॉल भी शामिल था. शेन वॉर्न अब इस दुनिया में नहीं हैं. 4 मार्च 2022, शुक्रवार के दिन वॉर्न का निधन हो गया.
रविंद्र जडेजा को इस नाम से बुलाते थे शेन वॉर्न, राजस्थान रॉयल्स ने किया ट्वीट
Advertisement
Advertisement
Next