इधर मोदी ने शपथ ली और उधर शाहरुख की टीम ने कमाल कर दिया!

07:17 PM Mar 31, 2022 |
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सीज़न 15 में पहले फ्राइडे को दो बार की IPL चैम्पियन कोलकाता नाइट राइडर्स का मुकाबला पंजाब किंग्स के साथ है. 1 अप्रैल को यह मुकाबला मुंबई के वानखेड़े क्रिकेट मैदान पर खेला जाएगा. कोलकाता और पंजाब दोनों ही टीम्स ने अपनी जीत का खाता खोल लिया है. KKR ने इस सीज़न अब तक दो मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने पहले मैच में डिफेंडिंग चैम्पियंस चेन्नई सुपर किंग्स को हराया है. वहीं दूसरे मैच में RCB से तीन विकेट से हार देखी है. दूसरी तरफ है पंजाब की टीम. जिसने RCB को पांच विकेट से हराया है.
KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर अब तक कप्तानी के लिए खूब तारीफ बटोर रहे हैं. पहले मैच में CSK को हराया. दूसरे मैच में RCB को कम स्कोर पर भी फंसाए रखा. दूसरी तरफ हैं मयंक अग्रवाल. जिन्होंने पहले मैच में ही RCB को हराया है. अब देखना होगा कि दोनों युवा कप्तानों में कौन इस मुकाबले में बाज़ी मारता है.

#KKR vs PBKS News

KKR की टीम के लिए मुकाबले से पहले एक बड़ी टेंशन आ गई है. स्टार आंद्रे रसल पूरी तरह से फिट नहीं बताए जा रहे. दरअसल बुधवार वाले मुकाबले में भी रसल ने महज़ तीन ओवर ही गेंदबाज़ी की थी. जिसके बाद हेड कोच ब्रेंडन मैक्कलम ने बताया था कि मैच में बाउंड्री के पास डाइव करने की वजह से उनके कंधे में परेशानी है. ऐसे में अगर रसल 100% फिट नहीं हुए, तो उनकी जगह पर मोहम्मद नबी या चमिका करुणारत्ने को खिलाया जा सकता है.

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आंद्रे रसल. फोटो: PTI

वहीं दूसरी तरफ पंजाब के लिए एक अच्छी खबर आ गई है. स्टार पेसर कगीसो रबाडा ने अपना क्वारंटीन पूरा कर लिया है और वो टीम के सेटअप में शामिल होकर ट्रेनिंग कर रहे हैं. हालांकि जॉनी बेयरस्टो अब भी टीम के साथ नहीं जुड़े हैं. उन्हें अभी अपना क्वारंटीन पूरा करना होगा.

# KKR-PBKS Top Players

पहले मैच में मिडल ऑर्डर चला, लेकिन दूसरे मैच में वो नहीं चला. RCB के खिलाफ़ टीम महज़ 128 रन ही बना पाई. 25 रन के साथ आंद्रे रसल टीम के हाईएस्ट स्कोरर रहे. ऐसे में टीम की बैटिंग का क्लिक करना बेहद ज़रूरी है. अजिंक्य-वेंकटेश अय्यर की ओपनिंग टीम के लिए अब तक कुछ नहीं कर पाई है. मिडल ऑर्डर में कप्तान श्रेयस, नितीश राणा और सुनील नरेन को भी चलना होगा.
क्योंकि अब तक ना तो टीम बड़ा स्कोर खड़ा कर पाई है, और ना ही उन्हें बड़ा स्कोर चेज़ करने का मौका मिला है. गेंदबाज़ी की बात करें तो यहां टीम के पास काफी पॉज़िटिव्स हैं. उमेश यादव दोनों मैच में कमाल के दिखे हैं. RCB के खिलाफ टिम साउदी का लय में आना अच्छी ख़बर है. इनके साथ सुनील नरेन भी अच्छे दिखे हैं.
दूसरी तरफ है पंजाब किंग्स की टीम. इस टीम का मामला KKR से उलट है. इनकी बैटिंग ने तो कमाल किया है. लेकिन गेंदबाज़ी ने पहले मैच में ही धोखा दे दिया था. बल्लेबाज़ी की बात करें तो इस टीम ने 206 का टार्गेट भी आसानी से चेज़ करके दिखाया है. इनके लिए बैटिंग में कप्तान मयंक, शिखर धवन ने टीम को अच्छी शुरुआत दी. जिसके बाद भानुका राजपक्षे का अटैकिंग गेम और आखिर में ओडियन स्मिथ का फिनिशिंग टच. सारी चीज़ें इस टीम के काम आईं.
लेकिन जब सामने वाली टीम 205 रन बना जाए तो गेंदबाज़ी में कुछ लूप होल्स ज़रूर रहे होंगे. पंजाब की गेंदबाज़ी में तीन गेंदबाज़ 12 से ज़्यादा की इकॉनमी से रन देकर गए. ओडियन स्मिथ 13, हरप्रीत बराड़ 12.66 और लियम लिविंग्सट्न ने 14 की इकॉनमी से रन खर्चे. ऐसे में इन गेंदबाज़ों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाना होगा. रबाडा के आने से ये चीज़ें बेहतर होने की उम्मीद है.

# 2014 का ऐतिहासिक फाइनल

टीम्स और खिलाड़ियों की बात के बाद अब बढ़ते हैं अगले सेक्शन की ओर, जिसमें हम आपको सुनाते हैं एक क़िस्सा. और आज का क़िस्सा है 2014 के फाइनल का. 2014 में जब नरेन्द्र मोदी दिल्ली की कुर्सी की तरफ बढ़ रहे थे. तभी IPL का शेड्यूल भी आ गया. BCCI ने उस वक्त की भारत सरकार से IPL के लिए सुरक्षा मांगी. लेकिन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुरक्षा देने से इनकार कर दिया. जिसकी वजह से IPL का पहला हिस्सा UAE में कराना पड़ा.
और फिर मोदीजी दिल्ली की गद्दी पर बैठ गए. IPL का फाइनल आ गया. फाइनल में KKR का सामना किंग्स इलेवन पंजाब से था. वही पंजाब, जो नए नाम के साथ एक बार फिर KKR के सामने आ खड़ी है. उस वक्त KKR की कमान गौतम गंभीर के हाथ थी. जबकि पंजाब के कप्तान थे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जॉर्ज बेली.
KKR की टीम इससे पहले 2012 में ही चैम्पियन बनी थी. जबकि पंजाब की टीम पहली बार फाइनल तक पहुंची थी. 1 जून को बेंगलुरु के मैदान पर फाइनल का टॉस हुआ. गंभीर ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी. किंग्स इलेवन पंजाब की शुरुआत खराब रही. विरेंदर सहवाग और कप्तान जॉर्ज बेली फाइनल में फुर्सत में निकल लिए. वीरू ने सात, वहीं बेली ने एक रन बनाया. उमेश यादव और सुनील नरेन ने इनके विकेट लिए. ये दोनों ही गेंदबाज़ KKR के इस वाले सीज़न का भी हिस्सा हैं.
खै़र, मैच पर लौटते हैं. दोनों के आउट होने पर लगने लगा कि इस बार भी शाहरुख की टीम खिताब जीतने वाली है. लेकिन यहां से ऋद्धिमान साहा ने एक हिस्टॉरिकल पारी खेली. उन्होंने मनन वोहरा के साथ क्रीज़ पर ही घर बना लिया. महज़ 55 गेंदों में आठ छक्के, 10 चौकों के साथ साहा ने नॉट-आउट 115 रन बनाए. और पंजाब ने बोर्ड पर 199 रन टांग दिए.
फाइनल में KKR के सामने 200 का टार्गेट. ये बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला था. ऐसे टार्गेट को अचीव करने के लिए KKR के किसी बल्लेबाज़ को साहा की पारी को ढकने वाला कमाल करना था. और ऐसा ही हुआ. 2020 से पहले 2014 ही वो सीज़न था. जिसमें मनीष पांडे खुलकर खेले थे. KKR के लिए उस साल मनीष ने 400 से अधिक रन बनाए थे. जिसमें सबसे बड़ी पारी तो फाइनल में ही आई थी.
चेज़ करते हुए शुरुआत में रॉबिन उथप्पा, पावरप्ले के बाद कप्तान गंभीर के विकेट गिर गए. लेकिन मनीष एक एंड पर डटे रहे. उन्होंने फाइनल में महज़ 50 गेंदों में 94 रन की ऐसी पारी खेली, कि KKR ने इस फाइनल को पंजाब के हाथों से छीन लिया. मनीष पांडे ने उस पारी में 188 के स्ट्राइक रेट से छह छक्के और सात चौके लगाए. मनीष पांडे की इस पारी के बाद आखिरी सात गेंदों में पीयूष चावल के छक्के और चौके से KKR ने दूसरी बार IPL का टाइटल उठा लिया.


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