'मनी हाइस्ट' के इस वॉल्यूम की खास बात ये है कि ये अपने सारे लूज़ एंड्स को बांधकर एक सैटिसफाइंग सी एंडिंग दे देती है. मगर टोक्यो का नैरेशन का आखिर तक चलते रहना बहुत खलता है. क्योंकि उस चीज़ का कोई प्रॉपर जस्टिफिकेशन नहीं है. मनी हाइस्ट एक ही फॉर्मूले को रिपीट करके हमें दिखाती है. इसमें कोई संदेह नहीं है. मगर उस रेपिटिशन को देखने के लिए भी लोगों में इतनी एक्साइटमेंट होना, सीरीज़ के बारे में काफी कुछ बताता है. इस सीरीज़ और इसके कैरेक्टर्स के साथ आपका कनेक्शन ऑलरेडी बना हुआ है. इसलिए ये जानने की उत्सुकता बनी रहती है कि इस हाइस्ट के अंत में क्या होता है. इन किरदारों के साथ आगे क्या होने वाला है. हर दूसरे मिनट कहानी में एक नया ट्विस्ट आ रहा है. आपका एंगेजमेंट बना हुआ है.
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प्रोफेसर की टीम का बाहर निकालने के लिए बैंक ऑफ स्पेन में घुसती पुलिस.
जब किसी फिल्ममेकर को पता होता है कि वो किसी कहानी का आखिरी हिस्सा बनाने जा रहा है, तो वो उसे विदाई मोड में प्लैन करता है. हाई ऑन इमोशन. ताकि पब्लिक को ऐसा फील दिया जाए, जैसे उनका अपना कोई छूट रहा है. जिसकी उन्हें आगे भी याद आएगी. ये चीज़ 'मनी हाइस्ट' भी करती है. मगर हल्केपन के साथ नहीं है. थोड़ा वजन रखती है. अपने कहे में. अपने किए में. वो वाला भाव जिसके लिए अंग्रेज़ी में Profound शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
पुलिस के हाथों पकड़े जाने के बाद घुटनों के बल बैठी प्रोफेसर की पूरी टीम.
'मनी हाइस्ट' के बारे में बात करने की सबसे बड़ी समस्या ये है कि आप इसके प्लॉट के बारे में बात नहीं कर सकते. क्योंकि हर चीज़ एक-दूसरे से जुड़ी हुई है. एक धागा खुला, तो पूरी कहानी उधड़ जाएगी. अब किरदारों की बात करते हैं. बर्लिन वो कैरेक्टर है, जिसने प्रोफेसर के साथ मिलकर हाइस्ट प्लैन की. फिर कुछ सीज़न पहले उसकी मौत हो गई. मगर वो कैरैक्टर अब भी कहानी का बड़ा हिस्सा है. बर्लिन की बड़ी ट्रैजिक बैकस्टोरी थी. मगर ये सीरीज़ उस किरदार के लिए आपको और बुरा फील करवाती है. ताकि उस कैरेक्टर के साथ आपका कनेक्शन न छूटे. आप उसके लिए बुरा फील करते रहें. ताकि बर्लिन पर बन रही स्पिन ऑफ सीरीज़ में आप उससे फौरन री-कनेक्ट कर सकें.
दिल टूटने के बाद, हमको तो अपनों ने लूटा, गै़रों में कहां दम था गाता बर्लिन.
आर्तुरो के बाद इस सीरीज़ की सबसे हेटेड कैरेक्टर थी अलिशिया. मगर इस वॉल्यूम में अलिशिया के कैरेक्टर का एक आर्क दिखता है. उसके जीवन में ढेर सारी समस्याएं हैं, जिसकी वजह से वो बड़ी गार्डेड रहती है. हमेशा टफ दिखती है. मगर इस वॉल्यूम में हमें उसका ह्यूमन साइड देखने को मिलता है. जैसा हमने कहा न कि इस सीरीज़ को विदाई मोड में प्लैन किया गया है. वो इसीलिए कहा क्योंकि इस सीरीज़ फिनाले में कोई नेगेटिव या बुरा कैरेक्टर नहीं है. सबकुछ अच्छा-अच्छा हो रहा है, ताकि सालों से चली आ रही एक कहानी को स्वीट और हैप्पी एंडिंग दी जा सके. मगर मुझे पर्सनली ये लगता है कि ये चीज़ किसी भी फिल्ममेकर को लिमिट कर देती है. क्योंकि फिर उसके ऊपर शुरू हुई कहानी को पूरी नहीं, खत्म करने का प्रेशर आ जाता है.
अलिशिया सिएरा पुलिस से प्रोफेसर के चोरों वाली टीम में शामिल होने वाली दूसरी कैरैक्टर हैं.
सबकुछ अच्छा हो रहा है इसका मतलब ये नहीं कि 'मनी हाइस्ट' का आखिरी सीज़न खामी प्रूफ है. इस कहानी का क्लाइमैक्स इतना अनरियल है कि फनी लगने लगता है. मगर उस सीरीज़ के लिहाज़ से वो बड़ा नॉर्मल है. क्योंकि वो पूरी सीरीज़ ही इस तरह के अनरियल सिचुएशंस में घटती है. आपको देखते समय लग रहा है कि ये थोड़ा ज़्यादा हो रहा है. ऐसा नहीं है कि ये हमें पहली बार रियलाइज़ हुआ है. शायद 'मनी हाइस्ट' की पॉपुलैरिटी के पीछे का रीज़न भी इसका अनरियल होते हुए भी यकीनी होना है. इसका मतलब ये नहीं कि हम इसे सीरीज़ की कमज़ोरी कड़ियों में न गिनें. पिछले पांच सीज़न से हम यही सुनते आ रहे हैं. Everything is part of the plan. ये इतनी बार सुन चुके हैं कि समझ नहीं आ रहा, मनी हाइस्ट देख रहे हैं कि 'अजनबी'.
बस अक्षय कुमार के चेहरे पर प्रोफेसर का फेस चिपकाना रह गया.
तमाम बातें कहने-सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि दर्शकों का एक सेक्शन ऐसा है, जो 'मनी हाइस्ट' को सलमान खान की फिल्म मान चुका है. उन्हें स्टोरी-स्क्रीनप्ले-रिव्यू से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें वो पिक्चर देखनी ही है. हमें इस सीरीज़ के बारे में जो लगा, वो हमने आपको बता दिया. जाते-जाते मनी हाइस्ट का एक डायलॉग सुनाते हैं. जिसे सिर्फ सुनिएगा नहीं, समझने की कोशिश भी करिएगा.
अपने साथियों की मौत से दुखी रियो रॉकेट लॉन्चर उठाता है और बैंक खाली कराने आई स्पैनिश आर्मी को उड़ाने निकल जाता है. लिस्बन उसे रोकती है. कहती है कि अब उस बैंक में कोई नहीं मरेगा. इसके जवाब में रियो कहता है-
That is our problem. We want to be the good guys. In war, there are no good guys.
यानी यही हमारी प्रॉब्लम है. हम अच्छे लोग बनना चाहते हैं. मगर वॉर में हिस्सा लेने वाला कोई शख्स अच्छा नहीं होता.वीडियो देखें: वेब सीरीज़ रिव्यू- मनी हाइस्ट Season 5 Vol. 1