क्या है मामला?
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र में पिछले साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी. इस साल कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने ऑफलाइन परीक्षा कराने का फैसला किया. 14 फरवरी से 12वीं और 25 फरवरी से 10वीं की परीक्षा होनी है. छात्रों की ओर से इस फैसले का विरोध किया गया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि वे पिछले 2 साल से स्कूल नहीं गए. इस दौरान उनकी सारी पढ़ाई लिखाई ऑनलाइन ही हुई है. अब जब परीक्षा देने का समय आया तो फिर ऑफलाइन व्यवस्था क्यों की जारी रही है?31 जनवरी को अलग-अलग जिलों में छात्र सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. मुंबई और नागपुर में पुलिस ने बल प्रयोग कर छात्रों को सड़क से हटाया. पुलिस ने हिंदुस्तानी भाऊ उर्फ विकास फाटक को छात्रों को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. उसके खिलाफ दंगा भड़काने, आपदा प्रबंधन अधिनियम और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है.
कौन है हिंदुस्तानी भाऊ?
असली नाम विकास फाटक है. महाराष्ट्र का रहने वाला है. टीवी शो‘बिग बॉस’ में भी शामिल हो चुका है. सोशल मीडिया पर गाली-गलौज वाले वीडियो बनाकर सुर्खियों में आया था. उसके वीडियो काफी देखे जाते हैं. हालांकि लगभग सभी वीडियो में गालियां, मारपीट जैसी बातें ही होती हैं. मुंबई पुलिस ने बताया कि धारावी में छात्रों को इकट्ठा करने के मामले में विकास फाटक का नाम मुख्य रूप से सामने आया है. पुलिस उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है. मुंबई पुलिस के डीसीपी जोन 5 प्रणय अशोक ने इंडिया टुडे से बात करते हुए छात्रों को किसी के बहकावे में न आने की अपील भी की. उन्होंने कहा,आज की जो हमारी युवा पीढ़ी है उससे हमारी अपील है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल प्रॉपर तरीके से करें. कोई ऐसा काम न करें जिसकी वजह से आपके करियर या फ्यूचर पर प्रभाव पड़े. बच्चों के परिजन से भी हमारी अपील है कि बच्चों का ध्यान रखें कि वे गलत एन्फ्लुएंस में तो नहीं आ रहे हैं. ये पता करना भी जरूरी है कि अगर बच्चे आपको बिना बताए इतनी दूर आ रहे हैं तो क्या कारण है और किस वजह से उन्होंने आपको कम्यूनिकेट नहीं किया?
सरकार ने क्या कहा?
छात्रों के प्रदर्शन के बाद शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि वे छात्रों से बातचीत के लिए तैयार हैं. सरकार की यह भावना है कि छात्रों को अकादमिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा,छात्र दोहरी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन पर बहुत दबाव और तनाव होता है. छात्रों का स्वास्थ्य और छात्रों की सुरक्षा सरकार के लिए महत्वपूर्ण है. ऑफलाइन परीक्षा का फैसला विशेषज्ञों से बातचीत के बाद ही लिया गया है. आंदोलन कर रहे छात्र पढ़ाई करें. हम विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं. सरकार सही फैसला करेगी.दूसरी ओर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने ऑनलाइन परीक्षा की मांग कर रहे छात्रों का समर्थन किया है. बीजेपी नेताओं द्वारा अपील की जा रही है कि सीएम उद्धव ठाकरे को खुद इस मामले में दखल देनी चाहिए और छात्रों की मांगों पर विचार करना चाहिए.
ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे प्रशांत ने की है.
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