REET क्या है?
REET यानी Rajasthan Eligibility Examination for Teachers (राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा). इस परीक्षा के जरिए ही तय होता है कि आप शिक्षक बनने के योग्य हैं या नहीं. 26 सितंबर 2021 को 32000 पदों के लिए राजस्थान की ये सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित की गई थी. लेवल-1 यानी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए 15 हजार 500 पद और लेवल-2 यानी कक्षा 6 से 8 तक के लिए 16 हजार 500 पद थे. REET परीक्षा में शामिल होने के लिए करीब 16.5 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इतनी बड़ी संख्या में परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थियों को दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार की ओर से रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की घोषणा की गई थी. इधर सरकारी महकमा बसों के इंतजाम में लगा रहा और दूसरी तरफ पेपर लीक हो गया.REET पेपर लीक मामले में 100 से अधिक गिरफ्तारी हुई. एक प्रशासनिक सेवा अधिकारी, दो पुलिस अधिकारी, एक शिक्षा अधिकारी, 12 शिक्षक और तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परीक्षा से पहले कहा था कि अगर पेपर लीक हुआ या फिर नकल की तो फिर शामत आ जाएगी. इसके बावजूद कई जगहों से पेपर लीक होने की खबर आई तो मुख्यमंत्री के दावों पर सवाल उठने लगे.
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चप्पल में डिवाइस लगाकर नकल करने की कोशिश में पकड़े गए लोग. (PTI)
बीजेपी और प्रतियोगी छात्रों ने REET परीक्षा को रद्द करने और CBI जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. जिसके बाद राज्य सरकार ने परीक्षा लीक प्रकरण की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को सौंप दी. जनवरी 2022 में SOG ने बताया कि REET का पेपर परीक्षा से दो दिन पहले यानी 24 सितंबर को ही लीक हो गया था. उसने खुलासा किया कि जयपुर स्थित राजस्थान सरकार के शिक्षा संकुल के पेपर संग्रहण केंद्र से 24 सितंबर को ही पेपर निकालकर गिरोह को दे दिया गया था. SOG के मुताबिक इस परीक्षा के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर ने जयपुर में शिक्षा संकुल के रामकृपाल मीणा को पेपर उपलब्ध करवाया था.
REET परीक्षा धांधली पर चौतरफा घिर रही राजस्थान सरकार ने पेपर आउट कराने के मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा के एसएस कॉलेज को 2 फरवरी को ढहा दिया. जयपुर विकास प्राधिकरण ने ये कार्रवाई कॉलेज को कब्जे की जमीन बताकर की.
REET पेपर लीक मामले के आरोपी भजनलाल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ वायरल तस्वीर (फोटो- आजतक)
SOG के खुलासे के बाद 29 जनवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जारोली को बर्खास्त और सचिव अरविंद सेंगवा को निलंबित कर दिया. राज्य सरकार ने आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का फैसला किया. इसको 45 दिन में रिपोर्ट देनी है. लेकिन विपक्षी दलों की ओर से लगातार CBI जांच की मांग की जा रही थी. बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोपियों के संबंध कांग्रेस नेता और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा से होने के भी आरोप लगाए.
राजस्थान में REET, सब इंस्पेक्टर के बाद अब ये पेपर हुआ लीक!