"मैंने उनसे (सोवनदेब से) पूछा है कि क्या उन्होंने स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के इस्तीफा दिया है. मैं उनके जवाब से संतुष्ट हूं और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है."
"CM दो बार भवानीपुर से जीती थीं. पार्टी के सभी नेताओं ने चर्चा की और जब मैंने सुना कि वे यहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं, तो मैंने सोचा कि मुझे अपनी सीट छोड़ देनी चाहिए. मैंने किसी दबाव में ऐसा नहीं किया है. मैंने उनसे बात की. यह उनकी सीट थी. मैं बस इसकी रक्षा कर रहा था."
कृषि मंत्री बनाए गए थे सोवनदेब
बीते 10 मई को ममता सरकार के नए मंत्रिमंडल में 43 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया था. सोवनदेब को प्रदेश का कृषि मंत्री बनाया गया था. इससे पिछली सरकार में भी वो मंत्री रह चुके हैं. पिछले कार्यकाल में वो विद्युत और ऊर्जा मंत्री थे. चुनावी गलियारों में ऐसी भी चर्चा थी कि सोवनदेब को राज्य सभा की सीट से नवाज़ा जाने वाला है. हालांकि उनसे ये सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बात पर फ़ैसला पार्टी करेगी. बताते चलें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में TMC ने बड़ी जीत दर्ज़ की लेकिन ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार गईं. बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी, जो अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्होंने TMC सुप्रीमो को 1,953 मतों से हराया. नतीजों के बाद CM ममता ने आरोप लगाया था कि नंदीग्राम की सीट में मतगणना में हेरफेर हुआ है. उन्होंने फ़ैसले को स्वीकार करते हुए कहा था-"मैं अदालत का रुख़ करूंगी क्योंकि मुझे जानकारी है कि परिणाम घोषित होने के बाद कुछ जोड़-तोड़ किए गए थे और मैं उन्हें सब के सामने लाना चाहती हूं."चुनाव नतीजों के अगले दिन ममता बनर्जी ने मीडिया से मुख़ातिब होते हुए दावा किया था कि उन्हें एक SMS मिला था, जिसमें ऐसा बताया गया था कि नंदीग्राम के रिटर्निंग ऑफिसर ने लिखा था कि अगर वह फिर से गिनती की अनुमति देते हैं तो उनकी जान को खतरा होगा. ममता ने धमकी के दावे के बाद कहा था कि चार घंटे से सर्वर डाउन था, यहां तक कि राज्यपाल ने भी मुझे जीत की बधाई दे दी लेकिन फिर अचानक सब कुछ बदल गया.
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