'शट अप यू बिच'
सोनिया भरी अदालत में वकील प्रिया से कहती है. प्रिया पलटकर कहती है,
'मिसेज सोनिया, बिच वो होती है जिसे पता नहीं होता कि उसके बच्चे का बाप कौन है, जैसे आप.'
अब अगर आपने पर्याप्त बॉलीवुड फ़िल्में देखी हैं तो आपको शायद याद आ गया हो कि ये डायलॉग किस फिल्म का है. ऐतराज़ फिल्म के ऐतिहासिक कोर्ट रूम सीन का डायलॉग है ये. फिल्म में प्रियंका ने एक विलेन का किरदार किया है. हालांकि विलेन लड़की हो तो उसे हमारे यहां वैंप बुलाते हैं. अब इस फिल्म में क्या - क्या गलत है, इसपर तो एक अलग एपिसोड बना सकती हूं मैं. एम्बिशस लड़की का पैसों के लिए शादी करना, मॉडल होकर बुरे चरित्र का होना, किसी से अफेयर के बाद उसका बच्चा गिराना, शादी के बाहर सेक्स की कोशिश करना, किसी से बदला लेने के लिए उसके ऊपर सेक्शुअल हरासमेंट का झूठा केस कर देना- यानी एक लड़की से जुड़े जितने भी बुरे स्टीरियोटाइप हैं, उसको सिर्फ सोनिया याने प्रियंका चोपड़ा के किरदार में ठूंस दिया गया. लेकिन मेरा फोकस है उस बिच शब्द पर, जिसे सोनिया के लिए इस्तेमाल किया गया.
जिस सीन का मैंने अभी ज़िक्र किया वो तो फिर भी एक सीरियस और हाई वोल्टेज ड्रामा से भरा सीन है. लेकिन लड़कियों को मज़े-मज़े में अपमानजनक और हलके शब्द कहना हमारी भाषा में इतना आम है कि हमें पता भी नहीं चलता. इनफैक्ट, दोस्तों के बीच और हलके माहौल में लोग इन शब्दों का इस्तेमाल कर खुद को कूल समझ लेते हैं. तो आज मैं आपको कुछ ऐसे ही हिंदी और अंग्रेजी शब्दों के बारे में बता रही हूं.
लड़कियों के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल होते हैं ये शब्द
मैंने एक फिल्म के उदाहरण से शुरू किया था तो एक और फिल्म का उदाहरण ही देख लीजिए. 'मुझसे शादी करोगी' फिल्म में प्रियंका चोपड़ा अपनी बालकनी में नाच रही होती हैं. एक तो मुझे ये समझ नहीं आता कि फिल्मों में लोग सबकुछ अपनी बालकनी या खिड़की में क्यों करते हैं. खैर, उनकी बालकनी, उनके रूल्ज़. तो बालकनी में नाचती रानी को अक्षय कुमार का किरदार यानी सनी अपनी बालकनी में खड़ा हवस भरी निगाहों से देख रहा होता है. देखते हुए लीचड़ सा एक्सप्रेशन देता है और कहता है- "क्या माल है यार!"मेरा माल है, बढ़िया माल है, क्या माल लग रही है- लड़कियों के लिए इस टाइप के डायलॉग फिल्मों में धड़ल्ले से लिखे गए हैं और रियल लाइफ में बोले जाते हैं. लेकिन ये बेहद ओफेंसिव है. क्योंकि जब हम किसी लड़की को माल कहते हैं, हम उसे एक ऑब्जेक्ट, एक वस्तु बना देते हैं जिसका मालिक बना जा सकता है, जिसकी अदला-बदली की जा सकती है. और इस केस में ये वस्तु महज़ एक सेक्स ऑब्जेक्ट है.
मुझसे शादी करोगी फिल्म का वो सीन जहां अक्षय कुमार प्रियंका चोपड़ा कॉ देखकर मेरा माल कहते है (साभार : फिल्म)
ऐसा ही एक शब्द है- आइटम. ये शब्द तो इतना प्रचलित है कि इससे गाने की एक केटेगरी बन गई है- आइटम सॉन्ग. आइटम का लिटरल मीनिंग भी एक वस्तु या ऑब्जेक्ट होता है.
"उसकी गर्लफ्रेंड तो बिलकुल आइटम है यार",
"ये आइटम जैसे कपड़े पहनकर कहां जा रही हो"
"तू मेरी आइटम है"
वगैरह ऐसे डायलॉग हैं तो खूब बोले जाते हैं लेकिन इनको लेकर किसी तरह के सवाल नहीं उठते. वास्तव फिल्म का एक सीन है जिसमें संजय दत्त एक डांस बार में जाकर एक क़त्ल देते हैं और कहते हैं- "तुम आइटम लोग नाचना चालू रखो."आइटम का अर्थ साफ़ है, एक ऐसी लड़की जो पुरुषों को रिझाने के लिए, उन्हें सिड्यूस करने के लिए नाचती है. जाहिर है, ये कभी हीरो की प्रेमिका नहीं होती, बल्कि फिल्म में सिर्फ एक डांस करने के लिए रखी गई होती है. उसका कोई चरित्र नहीं होता- वो बस खुद को हीरो के ऊपर फेंक रही होती है.
इस तरह के शब्द बोलचाल की हिंदी तक सीमित नहीं है. बोलचाल की अंग्रेजी में भी इस तरह के शब्द भरे पड़े हैं.
शो की शुरुआत में ही हमने बिच शब्द का ज़िक्र किया था. ये शब्द हिंदी से लेकर अंग्रेजी- दोनों में इस्तेमाल किया जाता है. एक तथाकथित रैपर हैं, MC स्टैन, 20 लाख से ज्यादा लोग इन्हें यूट्यूब पर फॉलो करते हैं. इनके एक गाने के लिरिक्स देखिए,
"क्यूं करी डिच
थोड़े से पैसे के लिए टू बनी बिच
मालूम था मेको , ये सब है पैसे का ट्रिप "
अंग्रेज़ी के शब्द भी कम महिला विरोधी नहीं
बिच शब्द इसी स्टीरियोटाइप पर काम करता है कि कि लड़की सेल्फिश होगी, कभी सेक्स के लिए तो कभी पैसों के लिए अपने भोले - भाले बॉयफ्रेंड को धोखा दे ही देगी.
एक शब्द है बिंबो, जो खूबसूरत लड़कियों के लिए इस्तेमाल होता है. खूबसूरत यानी खूबसरती की ट्रेडिशनल परिभाषा में फिट होने वाली लड़की. जो मेकअप लगाती है, चलती है तो सब उसी को देखते रह जाएं, फैशन में अप टू डेट रहे, लेकिन दिमाग से पैदल हो. ये शब्द इस स्टीरियोटाइप पर काम करता है कि लड़की खूबसूरत होती है तो दिमाग वाली नहीं होती. साइंस साइड लेने वाली लड़कियां तो मर्द लगती हैं, ऐसा अक्सर कहते हैं. क्योंकि पढ़ने वाली सीरियस लड़की नही ही होगी, 'सुंदर' नहीं.
मेक - अप करने वाली, बन - थन के रहने वाली लड़की को तुरंत बिंबों गर्ल कह देते हैं लोग. (सांकेतिक तस्वीर)
ऐसा ही एक शब्द है स्लट. जिसका अर्थ हुआ एक वेश्या. अक्सर अमेरिकी शोज़ में आप देखेंगे कि यूं ही किसी लड़की को स्लट बोल दिया जाता है, चाहे उसने छोटे कपड़े पहने हों, एक से अधिक लड़कों को डेट कर रही हो, किसी से के साथ वन नाइट स्टैंड किया हो, रात को देर से घर लौटे, वगैरह-वगैरह. कोई भी लड़की जो समाज की बनाई 'गुड गर्ल' की परिभाषा में फिट नहीं बैठती, उसे स्लट कह दिया जाता है.
कुछ और महिला विरोधी शब्द भी देखिए
अंग्रेजी में एक शब्द है चिक, जो कम उम्र की लड़कियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कम उम्र का अर्थ तो समझते हैं न- कि वो युवा होगी, शारीरिक संबंधों के मामले में उसकी समझ कच्ची होगी, वो ऊर्जा से भरी होगी पर थोड़ी डरी होगी, वो पैसे वाले लड़के के पट जाएगी, और सबसे बड़ी बात- उसके पास खुद के फैसले लेने की समझ नहीं होगी.
इसी का ठीक उल्टा एक शब्द है- कूगर. वो महिला जिसके खुद से छोटे उम्र के पुरुष से संबंध हों. इसके लिए एक और शब्द इस्तेमाल होता है- MILF. MILF शब्द भी लोग हंसते-हंसते इस्तेमाल कर देते हैं. खासकर 40 से ज्यादा उम्र वाली महिलाओं के लिए जिन्हें टिप टॉप रहना, तैयार होना पसंद है. चूंकि समाज ये मानता है कि महिला हमेशा पुरुष को रिझाने के लिए सजती संवरती है, तो 40 से ऊपर की ये महिला भी किसी युवा लड़के को रिझाने के लिए ही तैयार हुई होगी. हमारे यहां कहते हैं न, बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम. अपने बच्चों की शादी में में कोई मां मेकअप लगा ले तो कहते हैं, बिटिया से ज्यादा खुद सजी हैं, जैसे इन्हें ही अपनी शादी करनी हो. कूगर और MILF जैसे शब्द भी इसी मानसिकता पर काम करते हैं.
लिखने वाली लड़कियों को मर्दाना कहने में बिल्कुल नहीं सकुचाते लोग. (सांकेतिक तस्वीर )
इसके अलावा महिलाओं के जननांगों और स्तनों के लिए भी तमाम अपशब्द इस्तेमाल किये जाते हैं, और खुद महिलाओं को उन शब्दों से बुलाया जाता है.
हमारी भाषा में महिलाओं को लेकर जितने स्टीरियोटाइप हैं, उतने ही शब्द उनके लिए ऐसी बनाए गए हैं जो उन्हें दोयम दर्जे का इंसान मानते हैं, उनका अपमान करते हैं. और ये शब्द हमारी भाषा में इतने आम हैं, कि इन्हें कभी भी, कोई भी आराम से बोल देता है. किसी समुदाय और समाज की भाषा वैसी ही होती है जैसे उसके लोग होते हैं. और इस तरह के शब्द पूरी दुनिया में इस्तेमाल होते हैं. सोचिए, ये एक सभ्यता के तौर पर हमारे बारे में क्या कहता है.
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अक्षय कुमार से लेकर संजय दत्त तक की फिल्मों में महिलाओं के खिलाफ ये हरकतें हुई हैं!