हम Realme 8 Pro का 8GB रैम मॉडल दो हफ्तों से इस्तेमाल कर रहे हैं. इस फ़ोन में कई चीजें काफ़ी सही लगीं. मगर कुछ चीजें खटकती भी हैं. हमारे रिव्यू में हम इस बात का जवाब देने की कोशिश करेंगे कि क्या आपको 17,999 रुपए इस फ़ोन पर लगाने चाहिए या नहीं?
Realme 8 Pro Review
क़ीमत: 17,999 रुपए (6GB रैम/128GB स्टोरेज के साथ) | 19,999 रुपए (8GB रैम/128GB स्टोरेज के साथ) Advertisement
फ़ोन काफ़ी पतला है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
स्पेक्स:
#6.4-इंच सुपर AMOLED स्क्रीन
#क़्वालकॉम स्नैपड्रैगन 720G प्रोसेसर
#108+8+2+2 मेगापिक्सल बैक कैमरा
#16 मेगापिक्सल फ्रन्ट कैमरा
#4500mAh बैटरी+50W फ़ास्ट चार्जिंग
डिजाइन कैसा है?
फ़ोन को हाथ में लेते ही सबसे पहले अहसास होता है कि ये कितना हल्का और पतला है. इसकी मोटाई केवल 8.1 मिलीमीटर है और वज़न 176 ग्राम. ये रियलमी 7 प्रो के 182 ग्राम वज़न से भी हल्का है. फोन पकड़ने में बहुत आसान है. बड़ी स्क्रीन होने के बावजूद ज़्यादातर टाइम ये एक हाथ से आराम से चल जाता है. इसके डिब्बे में एक बैक कवर मिलता है. इसे लगाने के बाद भी ये फ़ोन कई दूसरे फ़ोन जितना मोटा नहीं होता.हमारी रिव्यू यूनिट Inifnite Black कलर वाली है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
दूसरी चीज़ जो आपका ध्यान खींचती है वो है बैक पर लगे हुए कैमरे. इन चार बड़े-बड़े कैमरों का साइज एक जैसा है. हालांकि 108 मेगापिक्सल वाले कैमरा सेन्सर को छोड़कर बाकी सभी का साइज ऐसा नहीं है कि उनके लिए इतना बड़ा लेंस लगाया जाए. शायद रियलमी ने सबको एक जैसा साइज़ देने के लिए ये काम किया है. अब लेंस एक जैसे तो लग रहे हैं लेकिन अच्छे कतई नहीं. हां, नज़र पड़ने पर अजीब सी फीलिंग ज़रूर दे रहे हैं. और स्क्रीन ऊपर करके रखने पर फोन टेबल पर खड़बड़ाता रहता है.
हमारे पास जो फोन है वो Infinite Black में है. इसकी बैक पर दिया हुआ मैट फिनिश काफ़ी बढ़िया है. सैंड-पेपर तो आपने देखा ही होगा. फोन पर हाथ फेरने पर वैसा ही फ़ील होता है. इस टेक्स्चर की वजह से फ़ोन पर पकड़ अच्छी बनती है. साथ में उंगलियों के निशान भी नहीं छपते. बैक प्लास्टिक की है. लेकिन इस डिजाइन की वजह से इसका पता नहीं चलता. एक दिक्कत जरूर है. बैक पर ऊपर से लेकर नीचे तक 'DARE TO LEAP' लिखा हुआ है. ये कुछ ज़्यादा ही डेरिंग लग रहा है और फ़ोन की खूबसूरती घटा रहा है.
स्क्रीन का क्या हाल है?
स्क्रीन को लेकर हमें Realme 8 Pro से किसी तरह की कोई शिकायत नहीं रही. इसकी ब्राइट्नेस काफ़ी तेज़ है. आप धूप में भी आराम से कॉल वग़ैरा कर सकते हैं. फोन की ब्राइटनेस बहुत कम लेवल पर भी सेट हो जाती है. इसलिए आपको रात में कमरे में बत्ती बुझा कर फ़ोन चलाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती. AMOLED स्क्रीन होने की वजह से डिस्प्ले का एक-एक पिक्सल अपनी लाइट बंद कर सकता है. इस वजह से ब्लैक और बाकी के रंग अच्छे से उभरकर सामने आते हैं. स्क्रीन का कॉन्ट्रास्ट अच्छा है और साइड से देखने पर चिमड़ा भी नहीं दिखता.सामने एक पंच-होल कैमरा है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
फ़ोन की स्क्रीन अपनी जगह पर ठीक है. लेकिन रेडमी नोट 10 प्रो मैक्स से मुक़ाबला करने के लिए इसे हाई रिफ्रेश रेट
भी देना चाहिए था. रिफ्रेश रेट का मतलब एक सेकंड में स्क्रीन कितनी बार बदलती है. रेडमी के फ़ोन में 120 हर्ट्ज की Super AMOLED स्क्रीन है. यानी ये एक सेकंड में 120 बार बदलती है. इस वजह से फ़ोन में स्क्रॉल करने पर या सोशल मीडिया चलाने में ज़्यादा स्मूद फ़ील मिलता है. Realme 8 Pro की AMOLED स्क्रीन 60 हर्ट्ज की है, जो आमतौर पर स्मार्टफोन्स में होती ही है.
परफॉरमेंस कैसी है?
प्रोसेसर:रियलमी 8 प्रो में क़्वालकॉम स्नैपड्रैगन 720G प्रोसेसर लगा हुआ है. ये वही चिप है जो कंपनी के पिछले साल के रियलमी 7 प्रो स्मार्टफ़ोन में लगी हुई था. प्रोसेसर सही है, मगर सेकेंड जनरेशन के फ़ोन में एक ही चिप का होना थोड़ा खटकता है. ये चिप 8 नैनो मीटर साइज़ की है. आम तौर पर चिप का साइज़ जितना छोटा होता है ये उतना ही अच्छा काम करता है. अच्छा रहता अगर रियलमी इसमें 7 नैनोमीटर वाला कोई प्रोसेसर फिट कर देता. रही बात इस चिप की परफॉरमेंस की तो ये ठीक-ठाक ही रही.फ़ोन एंड्रॉयड 11 पर चलता है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/The Lallantop)
परफॉरमेंस टेस्ट:हमारे दो हफ्तों के भयंकर इस्तेमाल के बाद भी फ़ोन एक बार भी हैंग नहीं हुआ है. बस ऐप खुलने की स्पीड थोड़ी धीमी है. फ़ोन की परफॉरमेंस की हद चेक करने के लिए हमने इसमें क्रोम ब्राउजर की 30 टैब खोलीं और साथ में 15-20 ऐप्स. जब हम क्रोम में टैब जोड़ रहे थे, तब 12वीं और 23वीं टैब खुलने पर फ़ोन थोड़ा सा अटका. लेकिन एक बार सारी टैब खुलने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई. टेस्टिंग में हम टैब्स और ऐप्स को जल्दी-जल्दी आपस में बदलते रहे. फ़ोन बिल्कुल भी नहीं अटका. लेकिन इसकी स्पीड कुछ कम महसूस हुई.
सॉफ्टवेयर:रियलमी 8 प्रो एंड्रॉयड 11 पर बने हुए realmeUI 2.0 सॉफ्टवेयर पर चलता है. ये स्किन फीचर से भरा पड़ा है, फिर भी स्लो नहीं मालूम पड़ता. वजह शायद इसके एनिमेशन हैं. अपनी पसंद के आइकन के चुनाव से लेकर कलर थीम तक के कंट्रोल यूजर के पास हैं. मतलब कि आप जैसा चाहें अपने फ़ोन का लुक वैसा बना सकते हैं, वो भी अलग से कोई ऐप डाले बिना.
COD Mobile गेम फ़ोन पर Max फ्रेम रेट पर चलता है.
गेमिंग: गेमिंग के मामले में हमारे पास मौजूद रियलमी 8 प्रो की 8GB रैम काफ़ी बढ़िया काम कर रही है. कॉल ऑफ ड्यूटी मोबाइल गेम High ग्राफिक सेटिंग पर Max फ्रेम रेट पर चलता है. ग्राफिक क्वालिटी ज़्यादा होने पर हर चीज़ बढ़िया दिखती है और फ्रेम रेट ज़्यादा होने पर गेमप्ले स्मूद भागता है. ग्राफिक सेटिंग को Very High करने पर फ्रेम रेट कम होकर Very High पर आ जाता है. दोनों ही सेटिंग पर गेम एकदम बढ़िया चलता है. घंटे भर गेम खेलने के बाद भी फ़ोन गर्म नहीं पड़ता.
कैमरा कैसा है?
मेन कैमरा:रियलमी 8 प्रो का मेन कैमरा 108 मेगापिक्सल का है. इसमें Samsung ISOCELL HM2 सेन्सर लगा है. यही कैमरा शाओमी के Redmi Note 10 Pro Max स्मार्टफ़ोन में भी लगा हुआ है. रियलमी का कहना है कि ये सेन्सर 9-इन-1 पिक्सल बिनिंग टेक्नॉलजी सपोर्ट करता है. इसका मतलब ये हुआ कि इतने बड़े सेन्सर में 9 छोटे-छोटे पिक्सल को मिलाकर एक बड़ा पिक्सल बनाया जाएगा. यानी 108 मेगापिक्सल के कैमरा से 12 मेगापिक्सल की फ़ोटो क्लिक होगी. पिक्सल बिनिंग की मदद से 0.7 माइक्रॉन का पिक्सल बड़ा होकर 2.1 माइक्रॉन का बन जाता है. पिक्सल का साइज़ जितना बड़ा होगा, वो उतनी ही ज़्यादा लाइट अंदर लेगा. और जितनी ज्यादा लाइट अंदर जाएगी, उतनी ही ज़्यादा अच्छी फ़ोटो क्लिक होगी. ये तो हो गई थ्योरी. मगर अपने को फ़र्क पड़ता है प्रैक्टिकल से. सो हमें देखना था कि ये असल में कैसी पिक्चर लेता है.कैमरा ऐप कुछ ऐसा दिखता है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/The Lallantop)
दिन की पिक्चर: दिन के उजाले में मेन कैमरा अच्छी फ़ोटो क्लिक करता है. इसमें काफ़ी अच्छी डिटेल होती हैं. छोटी-छोटी बारीक चीजें भी क्लियर दिखाई पड़ती हैं. कैमरा कॉन्ट्रास्ट काफ़ी सही पकड़ता है. डाइनैमिक रेंज पर भी कैमरा की सही पकड़ है. मतलब कि अगर आप बिल्डिंग का फ़ोटो खींच रहे हैं तो उसके पीछे का नीला आसमान और सफेद बादल भी सही से आएंगे. एक छोटी कमी ये दिखी कि छांव वाले हिस्से में डिटेल थोड़ी कम आती हैं. लेकिन ओवरऑल कैमरा बढ़िया है.
दिन में खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
मेन कैमरा से खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
कलर:कैमरा AI मोड सीन को पहचान कर उसके हिसाब से सेटिंग कर देता है. मगर ऐसा करने पर कई बार पिक्चर ओवर-सैचुरेट हो जाती हैं. मतलब कलर कुछ ज़्यादा ही उछाल मार देते हैं. जब आपके सामने सीन में कलर कम होते हैं या दूर की सीनरी की फ़ोटो लेनी होती है, तब ये उभरे हुए कलर सही लगते हैं. मगर बाकी चीजों में फ़ोटो नकली जैसी लगने लगती है. आपको फ़ोटो क्लिक करते वक़्त इस बात का ख्याल खुद से रखना पड़ेगा. उसके बाद AI मोड को चालू या बंद कर के फ़ोटो क्लिक करनी होगी. ये बटन कैमरा सॉफ्टवेयर में ऊपर की ही तरफ़ है.
इसमें सही कलर आ रहे हैं। (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
इसमें कलर की वजह से फ़ोटो अजीब लग रही है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
इसके कलर बढ़ गए हैं. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
HDR: HDR मोड काफ़ी सही काम करता है. इसे आप ऑटोमेटिक पर सेट करके भूल जाइए. जब फ़ोटो में आपका सब्जेक्ट लाइट के ऑपजिट होता है या पीछे का बैकग्राउन्ड बिल्कुल सफेद सा दिखने लगता है, तब HDR अपने आप चालू हो जाता है. फ़ोटो क्लिक होने के बाद आपको बैकग्राउन्ड में आसमान और बादल सही से नज़र आने लगते हैं. HDR मोड एक टाइम पर एक से ज़्यादा जगह पर फोकस सेट करके कई सारी फ़ोटो क्लिक करता है और फ़िर उन दोनों को आपस में मिला देता है.
HDR चालू करके खींची हुई फ़ोटो. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
ज़ूम: फ़ोन के कैमरा में आमतौर पर सामने डबल (या 2x) ज़ूम का ऑप्शन मिलता है. यहां कैमरा है 108 मेगापिक्सल का. इसलिए 3x और 5x का ऑप्शन भी दिया गया है. हालांकि 3x ज़ूम पर ही क्लिक हुई फ़ोटो धुंधली आती है. 2x पर फ़ोटो कुछ सही आती हैं. अगर किसी का क्लोज़-अप शॉट लेना हो तो इसे खुद से स्लाइड कर के 2x पर लाना पड़ता है. अच्छा होता कि इधर 3x की जगह 2x का बटन होता.
बिना ज़ूम के खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
3x ज़ूम पर खींची हुई फ़ोटो. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
कम लाइट में फ़ोटो:कम लाइट में कैमरा की परफॉरमेंस काफ़ी गिर जाती है. फ़ोटो के अंधेरे वाले हिस्से में बहुत ज़्यादा नॉइस होती है. नॉइस का मतलब वैसी वाली झिलमिलाहट जो पहले TV में सिग्नल चले जाने पर आया करती थी. मगर फ़ोन का नाइट मोड कमाल कर देता है. ये फ़ोटो को एकदम अच्छा नहीं करता, लेकिन नॉइस को काफी कम कर देता है. ये फ़ोटो के ऊपर सफेदी मारने की जगह बड़ी ही सावधानी से उजाला बढ़ाता है. आपको डिटेल तो बहुत ज़्यादा नहीं मिलेंगी, लेकिन नॉर्मल फ़ोटो और नाइट मोड से खींची हुई फ़ोटो में काफी फ़र्क दिखेगा.
रात में नॉर्मल मोड में खींची हुई पिक्चर. फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
रात में नाइट मोड में खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
दूसरे फीचर:कैमरा ऐप में जो फ़िल्टर दिए हुए हैं, वो नाइट मोड में भी काम करते हैं. Cyberpunk और Flamingo वाले फ़िल्टर तो सीन को एकदम ही बदल देते हैं. इसके साथ ही कैमरा में कई और फीचर दिए गए हैं. आप एक ही टाइम पर बैक और फ्रन्ट कैमरा से वीडियो बना सकते हैं. डॉक्यूमेंट का फ़ोटो खींचने पर ये अपने आप उसके किनारे सही करके बढ़िया सी फाइल बना देता है. इसमें सितारों की फ़ोटो खींचने के लिए एक Starry मोड भी है. इसे चालू करने पर ये 4 मिनट तक फ़ोटो खींचता रहता है. उसके बाद इन सब को मिलाकर रिजल्ट पेश करता है. हमें अपने यहां इतने दिनों से तारे नज़र ही नहीं आए. इसलिए इसका टेस्ट नहीं हो पाया.
नाइट मोड में Flamingo फ़िल्टर वाली पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
नाइट मोड में Cyberpunk फ़िल्टर वाली पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
अल्ट्रावाइड लेंस:फ़ोन में 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड लेंस है. ये कलर और डाइनैमिक रेंज के मामले में अच्छा है. मगर डिटेल के मामले में मात खा जाता है. परछाईं वाले हिस्से में नॉइस भी बहुत ज़्यादा होती है. अंधेरे में या कम लाइट में इसकी परफॉरमेंस और नीचे गिर जाती है.
अल्ट्रावाइड लेंस से खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
मैक्रो लेंस:रियलमी 8 प्रो का 2 मेगापिक्सल का मैक्रो लेंस काफ़ी ऊपर-नीचे परफॉरमेंस देता है. ज़्यादातर फ़ोटो में रंग बिल्कुल बेजान आते हैं. आपका फोकस हल्का सा भी इधर-उधर होता है तो धुंधली पिक्चर मिलती है. रियलमी के पिछले कई फ़ोन में मैक्रो लेंस को लेकर यही दिक्कत आ रही है. कंपनी को इसे सुधारने पर काम करना चाहिए.
मैक्रो लेंस से खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
सेल्फ़ी कैमरा:रियलमी 8 प्रो का 16 मेगापिक्सल सेल्फ़ी कैमरा सही फ़ोटो क्लिक करता है. चेहरे की डिटेल सही आती हैं और HDR मोड बैकग्राउन्ड को भी अच्छे से कैप्चर करता है. ब्यूटी मोड की सेटिंग को आप अपने हिसाब से भी सेट कर सकते हैं.
फ्रन्ट कैमरा से खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
ब्यूटी मोड को 15% पर सेट कर के खींची हुई पिक्चर. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
बैटरी और चार्जिंग स्पीड
चार कैमरा फ़ोन की बैक पर हैं. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
Realme 8 Pro की 4500mAh की बैटरी आराम से डेढ़ दिन चल जाती है. अगर आप फ़ोन का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आपके पास ये फ़ोन 8 घंटे बहुत प्यार से चल जाएगा. रही बात चार्जिंग की तो फ़ोन 50 वॉट की फ़ास्ट चार्जिंग सपोर्ट करता है. मगर डिब्बे में मिलता है 65 वॉट का फ़ास्ट चार्जर. रियलमी का कहना है कि फ़ोन बस 47 मिनट में फुल चार्ज हो जाता है. हमारी टेस्टिंग में ये टाइम 55 मिनट आया, जो काफ़ी सही है. सिर्फ 20 मिनट में फ़ोन 0 पर्सेंट से 50 पर्सेंट चार्ज हो जाता है.
दूसरे फीचर
फ़ोन में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिन्ट सेन्सर है, जो काफ़ी नीचे की तरफ़ लगा हुआ है. हालांकि दिक्कत ये नहीं है. दिक्कत ये है कि ये कई बार फ़ेल हो जाता है. ऐसा काफ़ी टाइम के बाद देखने को मिला है कि किसी फ़ोन का फिंगरप्रिन्ट सेन्सर गड़बड़ काम कर रहा हो. फ़ेस अन्लॉक सही है और कम लाइट में भी सही से काम करता है.फ़ोन पर लिखा हुआ टेक्स्ट काफ़ी बड़ा है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
फ़ोन में 3.5 मिलीमीटर ऑडियो जैक का होना अच्छी बात है. इसमें दो सिम कार्ड के साथ-साथ मेमरी कार्ड लगाने का भी स्लॉट है. फ़ोन में एक और बात क़ाबिल-ए-ग़ौर है. रियलमी का कहना है कि फ़ोन का साउन्ड Hi-Res ऑडियो सर्टिफाइड है. सीधा कहें तो बढ़िया क्वालिटी वाली आवाज़. मगर इसका स्पीकर और इयरपीस (जिसे कॉल करते टाइम कान में लगाते हैं) ज़रूरत से थोड़ी धीमी आवाज़ फेंकते हैं. Realme X7 Pro को चलाने के बाद स्पीकर की आवाज़ का फ़र्क साफ़ पता चलता है.
रियलमी 8 प्रो रिव्यू का निचोड़
इसकी मैट फिनिश हाथ में अच्छा फ़ील होती है. (फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)
रियलमी 8 प्रो की बढ़िया चीजों में शामिल है- इसकी परफॉरमेंस, सॉफ्टवेयर एक्सपीरियंस, गेमिंग, बैटरी बैकअप और चार्जिंग स्पीड. इसका डिजाइन और स्क्रीन भी सही हैं. मगर इन्हें और बेहतर किया जा सकता था. फ़ोन की बैक से इतनी बड़ी 'DARE TO LEAP' ब्रांडिंग हटाकर और स्क्रीन में रिफ्रेश रेट को थोड़ा बढ़ाकर. 108 मेगापिक्सल वाले मेन कैमरा में ज़्यादातर चीजें सही हैं. मगर इसकी परफॉरमेंस में सुधार मुमकिन है. फ़ोन में जिन चीजों ने निराश किया, उनमें शामिल हैं अल्ट्रावाइड लेंस, मैक्रो लेंस और स्पीकर.
आप इन अच्छाई और कमियों के आधार पर इस चीज़ का फ़ैसला कर सकते हैं कि आपको रियलमी 8 प्रो लेना चाहिए कि नहीं. इस फ़ोन का रेडमी नोट 10 प्रो मैक्स से सीधा मुकाबला है. दोनों फ़ोन लगभग बराबर ही हैं. बस रेडमी के फ़ोन में फीचर थोड़े अच्छे हैं. लेकिन जहां रेडमी का 6GB रैम मॉडल 19,999 रुपए का है, वहीं रियलमी का 8GB रैम मॉडल 17,999 रुपए का है. हमारी नज़र में अपनी क़ीमत के हिसाब से रियलमी 8 प्रो भी सही डील है.
वीडियो: ये बेंचमार्क ऐप्स क्या हैं जो आपके फ़ोन की ताक़त नाप कर बताते हैं?