बसपा से बीजेपी में आए बाजपेई
उम्मीदवारों की अगर बात करें, तो बीजेपी के हर्षवर्धन बाजपेई पहले बसपा में थे. बसपा के ही टिकट पर उन्होंने 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. तब उन्हें कांग्रेस के अनुग्रह नाराणय सिंह ने हराया था. हर्षवर्धन के पिता अशोक बाजपेई ने इंदिरा कांग्रेस के टिकट पर 1980 में इलाहाबाद उत्तर सीट का विधानसभा चुनाव जीता था. चुनाव से पहले खबरें थीं कि हर्षवर्धन बाजपेई सपा के संपर्क में थे. वहीं कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह एक दिग्गज नेता हैं. इलाहाबाद उत्तर सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं. सबसे पहले लोक दल के टिकट पर 1985 का चुनाव जीता, फिर 1989 में जनता दल के विधायक बने. 1991 से लेकर 2007 तक इस सीट पर बीजेपी के नरेंद्र कुमार सिंह गौर का दबदबा रहा. 2007 के विधानसभा चुनाव में अनुग्रह नारायण सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर एक बार फिर से इस सीट पर जीत हासिल की. 2012 का भी चुनाव जीता. इलाहाबाद उत्तर विधानसभा सीट को हमेशा से बौद्धिक और जागरूक मतदाताओं की सीट माना जाता है. इस बार इस सीट पर रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दों का बोलबाला है. पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के हर्षवर्धन बाजपेई को लगभग 90 हजार वोट मिले थे. उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार अनुग्रह नारायण सिंह को लगभग 35 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया था. वहीं बसपा के अमित श्रीवास्तव लगभग 24 हजार वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.वीडियो- अखिलेश यादव ने UP चुनाव में EVM धांधली के जो आरोप लगाए उनमें कितना दम है?
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