योगी को वापस मठ भेजने की बात कहने वाले ओमप्रकाश राजभर की सीट पर क्या हुआ?

11:38 PM Mar 10, 2022 |
Advertisement
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजीपुर (Ghazipur) जिले की जहूराबाद विधानसभा सीट (Zahoorabad Assembly Seat) पर ओम प्रकाश राजभर ने दोबारा चुनाव जीता है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी के कालीचरण राजभर को 18 हज़ार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है. इस सीट पर बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश सिंह को चुनाव में उतारा था. 2017 में ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी तो ओमप्रकाश राजभर पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री बने. लेकिन बीजेपी के साथ राजभर की ज्यादा दिन बनी नहीं और दो साल बाद ही मई 2019 में उनकी मंत्रिमंडल से विदाई हो गई. मंत्री रहते हुए ओमप्रकाश राजभर अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानों की वजह से खूब चर्चा में रहे थे. पांच साल की विधायकी के बाद अब एक बार फिर से ओमप्रकाश राजभर जहूराबाद से चुनाव मैदान में उतरे. पिछली बार बीजेपी के साथ गठबंधन में थे तो इस बार समाजवादी पार्टी गठबंधन का हिस्सा बनकर.

इस बार कौन-कौन था मैदान में?

जहूराबाद सीट पर ओमप्रकाश राजभर के सामने बीजेपी ने दो बार के विधायक कालीचरण राजभर को टिकट दिया. कालीचरण राजभर बसपा के टिकट पर 2002 और 2007 में जहूराबाद से चुनाव जीत चुके हैं. 2012 और 2017 में भी बसपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया लेकिन 2012 में वे सपा की शादाब फातिमा और 2017 में ओमप्रकाश राजभर से चुनाव हार गए. जिसके बाद कालीचरण पहले सपा और फिर भाजपा में चले गए. बसपा ने पूर्व घोषित प्रत्याशी बुझारत राजभर का टिकट काटकर सपा सरकार में राज्यमंत्री रहीं शादाब फातिमा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. कांग्रेस के टिकट पर यहां से ज्ञान प्रकाश सिंह मुन्ना चुनाव मैदान में थे.

2017 में क्या रहा था परिणाम?

2017 में बीजेपी-सुभासपा गठबंधन से ओमप्रकाश राजभर चुनाव मैदान में थे. उन्होंने बसपा के कालीचरण राजभर को 18,081 वोटों के अंतर से हराया था. अंतिम परिणाम कुछ तरह से थे- ओमप्रकाश राजभर (SBSP)- 86,583 कालीचरण राजभर (BSP)- 68502 महेंद्र चौहान (SP)-64574

क्या है जहूराबाद का इतिहास-भूगोल?

जहूराबाद विधानसभा सीट के राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो 1991 में जनता दल के सुरेंद्र सिंह, 1993 में बसपा के इश्तियाक अंसारी, 1996 में भाजपा के गणेश राजभर विधायक निर्वाचित हुए. 2002 और 2007 में बसपा के कालीचरण राजभर लगातार दो चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. लेकिन 2012 में समाजवादी पार्टी की शादाब फातिमा के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सुभासपा से चुनाव लड़ रहे ओमप्रकाश राजभर इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे. 2017 में ओमप्रकाश राजभर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े और पहली विधानसभा पहुंचे.
वीडियो:विधायकों की सम्पत्ति को लेकर इस रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे!
Advertisement
Advertisement
Next