ग्रोवर ने क्यों दी 'गाली'?
बीती 5 जनवरी को एक अज्ञात ट्विटर यूजर ने कथित रूप से BharatPe के फाउंडर अशनीर ग्रोवर और कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो लीक कर दिया. इसमें ग्रोवर उस कर्मचारी को डांटते और गाली देते सुनाई देते हैं. बातचीत सुनकर ऐसा लगता है कि वह नायका के आईपीओ में शेयर हासिल नहीं कर पाने से नाराज हैं. अगले दिन ग्रोवर ने ट्वीट करके कहा कि यह रिकॉर्डिंग फर्जी है. कॉलर एक 'स्कैमस्टर' है और वह उनसे 2.40 लाख डॉलर के बिटकॉइन ऐंठने की कोशिश कर रहा था. हालांकि बाद में उन्होंने अपना यह ट्वीट डिलीट भी कर दिया.इस ऑडियो के लीक होने के बाद से ही यह बात सामने आई कि ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी ने 30 अक्टूबर, 2021 को कोटक महिंद्रा को नोटिस भेजा था. इसमें कोटक वेल्थ मैनेजमेंट की सीईओ ओशर्या दास, कोटक महिंद्रा बैंक की ग्रुप प्रेसिडेंट (कंज्यूमर बैंकिंग) शांति एकमबरम और कॉरपोरेट, इंस्टीट्यूशन एंड इनवेस्टमेंट बैंकिंग के हेड केवीएस मणियन को संबोधित किया गया है.
नोटिस के पीछे क्या है?
नोटिस से साफ है कि ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी, ब्यूटी फर्म नायका (Nykaa) के आईपीओ में करीब 500 करोड़ रुपये निवेश करना चाहते थे. लेकिन शेयर पाने से वंचित रहने के बाद उन्हें लगा कि बैंक ने ऐन मौके पर फाइनेंसिंग से इनकार कर उन्हें चपत लगा दी. नोटिस में 500 करोड़ रुपये के शेयरों को सब्सक्राइब करने से होने वाले संभावित फायदे पर जो पलीता लगा, उसकी क्षतिपूर्ति मांगी गई है. साथ ही आवेदन और लागत पर खर्च हुए 1 लाख रुपये भी चुकाने को कहा गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुतबिक ग्रोवर और उनकी पत्नी की तरफ से रेजस्ट्रीट लॉ एडवाइजर्स के पार्टनर और फाउंडर सुमित अग्रवाल ने यह नोटिस भेजा था. इसमें आरोप लगाया गया है कि कोटक ने अंतिम समय में आईपीओ की फाइनेंसिंग से इनकार कर दिया था.हाथ से क्यों निकले शेयर?
नोटिस के मुताबिक ऐन वक्त पर कोटक की फाइनेंसिंग से इनकार करने से ग्रोवर एक बड़े इनवेस्टमेंट अवसर से वंचित हो गए. जबकि इसके बारे में उन्होंने कोटक को आईपीओ लॉन्च होने से करीब एक महीना पहले ही बता दिया था. नोटिस में कहा गया है कि अगर बैंक ने पहले ही यह बता दिया होता कि वह फाइनेंसिंग नहीं कर पाएगा तो ग्रोवर दूसरे बैंकों या फाइनेंसर्स से संपर्क कर सकते थे. इसमें दावा किया गया है कि बहुत से फाइनेंसर्स ग्रोवर के लिए पैसे लगाने को तैयार थे. लेकिन बैंक की ओर से आखिरी समय में हाथ खड़े करने के चलते उन्हें यह बड़ा नुकसान झेलना पड़ा. Advertisement
नायका की शानदार लिस्टिंग का जश्न मनाते कंपनी के अधिकारी. साथ में हैं सीईओ फाल्गुनी नायर (साभार: आजतक)
क्यों रहा Nykaa का मलाल?
Nykaa की पेरेंट कंपनी FSN ई-कॉमर्स वेंचर, पिछले साल अपने आईपीओ से धमाकेदार रिटर्न दिलाने वाली कंपनियों में शामिल रही. कंपनी करीब 80 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुई थी. मार्केट से 5352 करोड़ रुपये उगाहने के मकसद से नायका का आईपीओ 28 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच खुला था. इसका इश्यू प्राइस 1125 रुपये था, लेकिन यह 79.38 फीसदी ऊपर 2001 रुपये पर लिस्ट हुई.यही नहीं, मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में कंपनी एक लाख करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गई है. आईपीओ पहले दो दिन में ही कई गुना सब्सक्राइब हो गया था. इसे मर्चेंट बैंकर्स और संस्थागत निवेशकों का खूब समर्थन मिला था. ऐसे में बड़ा मुनाफा चूक जाने पर किसी भी निवेशक के लिए यह हाथ मलने जैसी बात थी.
कोटक ने क्या कहा है?
कोटक महिंद्रा बैंक ने ग्रोवर और उनकी पत्नी की ओर से नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है. साथ ही कहा है कि वह ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कोटक ने इसके लिए लॉ फर्म खेतान को हायर किया है. बैंक ने एक बयान जारी कर कहा-''हमें नोटिस मिला है. हम इसका उचित समय पर जवाब देंगे. हमारे कर्मचारी के साथ जो अभद्र व्यवहार हुआ और जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हुआ, हम इस पर भी आपत्ति दर्ज कराएंगे. हम यह कन्फर्म करना चाहेंगे कि कोटक बैंक की ओर से किसी भी तरह का उल्लंघन या वादाखिलाफी नहीं की गई.''ग्रोवर के नोटिस में एक बात गौर करने वाली है. इसमें लिखा है कि कोटक बैंक ने यह भी कहा था कि वह किसी व्यक्ति (Individual) के लिए फाइनेंसिंग नहीं करना चाहता. हालांकि ग्रोवर के मुताबिक बैंक ने ऐसा भारतपे के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सुहैल समीर के लिए कहा था. नोटिस से यह बात भी सामने आई है कि ग्रोवर ने जोमैटो और कारट्रेड के आईपीओ में 100-100 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया था. इसकी फाइनेंसिंग कोटक महिंद्रा बैंक ने ही की थी.
कौन हैं ग्रोवर, कैसे चमके?
अशनीर ग्रोवर ने शाश्वत नकरानी के साथ मिलकर 2018 में BharatPe की स्थापना की थी. भारतपे दुकानदारों को पेटीएम, फोनपे, गूगल पे, भीम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज जैसे पेमेंट ऐप के लिए सिंगल इंटरफेस उपलब्ध कराती है. साथ ही यह अपने मर्चेंट पार्टनर्स को क्रेडिट भी मुहैया कराती है. देश में डिजिटल पेमेंट की बढ़ती मांग के बीच यह कंपनी देखते ही देखते यूनिकॉर्न बन गई. यानी इसकी मार्केट वैल्यू 1 अरब डॉलर को पार कर गई.भारतपे ने भी बैंकिंग कारोबार में उतरने की पहल की है. इसने 2021 में सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ जॉइंट वेंचर में संकटग्रस्त पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) को हासिल किया था. इस जॉइंट वेंचर को बीते अक्टूबर में रिजर्व बैंक (आरबीआई) से स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिल गया. यह साफ नहीं है कि क्या ग्रोवर और कोटक के बीच किसी भावी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा को लेकर कोई खटास थी. उदय कोटक की अगुआई वाला कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर HDFC Bank और ICICI Bank के बाद देश का तीसरा बड़ा प्राइवेट बैंक है.
वीडियोः क्या है उदय कोटक के इंटरव्यू की छिपी हुई बात?