12वीं के रिजल्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए CBSE के हलफनामे में क्या है?

05:50 PM Jun 21, 2021 | तनुश्री
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12वीं के रिजल्ट को लेकर CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है. नए हलफनामे के अनुसार, CBSE ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 12वीं कक्षा के मूल्यांकन मानदंड यानी इवैन्यूएशन क्राइटेरिया पर एक विवाद समाधान समिति बनाने के लिए सहमति व्यक्त की है. इस समिति का उद्देश्य छात्रों को प्रदान किए जा रहे अंकों पर उनकी शिकायतों का समाधान करना होगा. CBSE ने अपने हलफनामे में कहा कि 12वीं का रिजल्ट 31 जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा.

क्या है बोर्ड का मार्क्स जोड़ने का फॉर्मूला?

पिछले दिनों CBSE ने 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन का 30:30:40 फॉर्मूला बताया था. इस फॉर्मूला के मुताबिक छात्रों को 30 प्रतिशत अंक 10वीं के अंकों के आधार पर, 30 प्रतिशत अंक 11वीं के परिणाम के आधार पर और 40 प्रतिशत अंक 12वीं के प्री-बोर्ड/इंटरनल असेसमेंट के आधार पर दिए जाएंगे. बोर्ड इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल कर 12वीं का रिजल्ट 31 जुलाई तक जारी कर देगा.

अगर छात्र अपने रिजल्ट से अंसतुष्ट हैं तो क्या करें?

अगर विद्यार्थी अपने परीक्षा के परिणामों से अंसतुष्ट हैं तो उन्हें शारीरिक तौर पर परीक्षा में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा. इन परीक्षाओं का आयोजन 15 अगस्त, 2021 से 15 सितंबर, 2021 के बीच ऑफलाइन तौर पर किया जाएगा. हालांकि ये परीक्षाएं ऐच्छिक है. पर जो लोग परीक्षा देंगे, उनका फाइनल रिजल्ट लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर बनाया जाएगा, 30:30:40 फॉर्मूला के आधार पर नहीं. इसके लिए परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. जल्द ही बोर्ड इस बारे में ज्यादा जानकारी शेयर कर सकता है.

आईटी सिस्टम और हेल्प डेस्क करेगी रिजल्ट बनाने में स्कूलों की मदद

CBSE ने कुछ दिन पहले बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को लेटर लिखकर बताया था कि 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को तैयार करने के लिए एक आईटी सिस्टम डेवलप किया जा रहा है. इसके अलावा एक हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी, जो स्कूलों को रिजल्ट बनाने में मदद करेगी. इसका इस्तेमाल कर कम समय में रिजल्ट तैयार किया जा सकेगा.

CBSE की 12वीं की परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो CBSE की योजना और छात्रों की ओर से दाखिल फिजिकल इम्तिहान की याचिका का बिंदुवार अध्ययन करेगा. याचिकाकर्ता यूपी पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि इच्छुक छात्रों को डबल मास्क के साथ इम्तिहान देने की इजाजत मिलनी चाहिए. सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि छात्रों के पूर्व प्राप्तांक का आधार कैसे होगा? बारहवीं के इम्तिहान और नतीजे काफी अहम होते हैं, इसमें ऐसे फार्मूला सही नहीं हो सकते, इससे भविष्य में केस मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि वो दोनों हलफनामों में उठाए गए मुद्दों, सवालों और सुझावों का बिंदुवार अध्ययन करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश लिखाते समय जिक्र किया कि सुनवाई के दौरान हमें ज्ञात हुआ है कि कई और याचिकाएं CBSE की स्कीम को विभिन्न पहलुओं पर चुनौती देने के लिए दाखिल की गई हैं, लेकिन रजिस्ट्री ने अब तक उनको हमारे सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया है. अटॉर्नी जनरल से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने CBSE की स्कीम पर सैद्धांतिक सहमति ज़रूर दी है लेकिन उसमें बदलाव और फाइनल स्वरूप हम बाकी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ही देंगे, सुप्रीम कोर्ट ने CBSE को कहा कि हमने आपकी स्कीम पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति दी है, लेकिन कुछ याचिकाओं में बोर्ड परीक्षा को रद्द करने को चुनौती भी दी गई है. सुप्रीम कोर्ट मंगलवार दो बजे इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
विडियो- CBSE बारहवीं के रिजल्ट्स में मार्क्स देने का 30 30 40 फॉर्मूला क्या है?
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