"संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कहा गया है कि विवादित इलाक़े का समाधान UN की निगरानी में जनमत संग्रह से होगा. भारत कश्मीर में मानवाधिकार का भी उल्लंघन कर रहा है. मुझे खेद है कि इस पर दुनिया का रुख़ भेदभावपूर्ण है."इस पर स्नेहा ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कहा कि –
“ये पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान के नेता ने UN जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मेरे देश के ख़िलाफ़ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए किया है. पाकिस्तानी नेता इससे अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां आतंकी खुले घूमते हैं. जबकि आम नागरिक, ख़ासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ अत्याचार किया जाता है.”
“जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण भाग भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे. इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं. हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने की अपील करते हैं.”स्नेहा ने कहा कि पाकिस्तान ख़ुद आग लगाता है, फिर ख़ुद को फ़ायर ब्रिगेड के तौर पर प्रस्तुत करता है. ने जिस धमकदारी के साथ UN में अपनी बात रखी, उसकी जमकर तारीफ़ हो रही है. ट्विटर पर यूज़र्स ने लिखा कि उन्होंने देश को गर्व का अनुभव कराया है.
कौन हैं स्नेहा दुबे?
स्नेहा दुबे 2012 बैच की महिला अधिकारी हैं. उन्होंने पहले प्रयास में ही UPSC में सफलता प्राप्त की थी. इससे पहले उनकी शुरुआती पढ़ाई गोवा से हुई थी. फिर पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से पढ़ाई की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए और एमफिल किया. UPSC में सेलेक्शन के बाद अंतरराष्ट्रीय मामलों में रुचि के चलते स्नेहा ने भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का फैसला किया. उनके घर से इससे पहले कोई भी सिविल सर्विसेज़ में नहीं रहा है. IFS बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई और इसके बाद 2014 में उन्हें भारतीय दूतावास, मैड्रिड में भी भेजा गया. इससे पहले 2017 में भारत की प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने भी UN में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर फटकारा था. तब ईनम की स्पीच भी काफी सुर्ख़ियों में रही थी. ईनम ने पाकिस्तान को 'टेररिस्तान' तक कह दिया था.कैसे बनी एयर इंडिया की पायलट ज़ोया अग्रवाल UN में जेनरेशन इक्वलिटी की प्रवक्ता?
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