मामला क्या है?
पिछले साल सितंबर में हुई REET परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था. इस परीक्षा के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर पर यह आरोप है कि उन्होंने जयपुर में शिक्षा संकुल से रामकृपाल मीणा को पेपर उपलब्ध करवाया था. अधिकारियों के मुताबिक प्रदीप को पता था कि रामकृपाल मीणा प्राइवेट कॉलेज चलाते हैं. इसके बावजूद उन्होंने मीणा को परीक्षा संचालन समिति में रखा था. इस मामले में पहले रामकृपाल की गिरफ्तारी हुई, उसी की निशानदेही पर पाराशर को गिरफ्तार किया गया. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक रामकृपाल मीणा ने पूछताछ के दौरान SOG को कई अहम जानकारियां दीं. रामकृपाल के मुताबिक पेपर लीक करवाने वाले ज्यादातर अधिकारी राजीव गांधी स्टडी सर्कल संस्था से जुड़े हैं. पाराशर और धर्मपाल जरौली भी इसी संस्था का हिस्सा हैं. इसके साथ ही सीकर का एक बड़ा नेता भी इसमें शामिल है. उसी नेता ने एक कोचिंग सेंटर में REET का पेपर सेट करवाया था. राज्य सरकार ने पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट के रिटायर जज विजय कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई है, जो 45 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट देगी.बड़े स्तर पर हुई धांधलेबाजी
26 सितंबर 2021 को राजस्थान में REET की परीक्षा आयोजित की गई थी. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में इसका पेपर लीक हुआ. इस परीक्षा में करीब 16.5 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होनी थी, लेकिन कुछ लोगों के पास पेपर सुबह साढ़े आठ बजे ही पहुंच चुका था. सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी में पुलिस ने चार ऐसी महिलाओं को पकड़ा, जिनके पास परीक्षा से पहले ही पेपर आ चुका था. इसी तरह बीकानेर में भी कुछ छात्रों ने डेढ़ करोड़ रुपए में सौदा किया था. पेपर में चीटिंग करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वाली चप्पलें भी बेची गईं. पुलिस के मुताबिक एक चप्पल की कीमत तकरीबन सात लाख रुपये थी. REET पेपर लीक मामले में अब तक 100 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा अधिकारियों और शिक्षकों को सस्पेंड किया जा चुका है.वीडियो: राजस्थान में REET, सब इंस्पेक्टर के बाद अब ये पेपर हुआ लीक!
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