"मुझे आज जानकारी मिली है कि कीव से आ रहे एक भारतीय छात्र को गोली लगी और उसे फिर बीच रास्ते से ही वापस भेज दिया गया. हम कम से कम नुकसान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं."
"आज जिस मुख्य मामले पर हमने बात की, वो है लोगों की जान बचाना. वो नागरिक जो सैन्य झड़पों के बीच फंसे हुए हैं. रूस उन नागरिकों से आग्रह करता है कि वो ह्यूमैनेटेरियन कॉरिडोर्स का इस्तेमाल करें."वहीं, यूक्रेन का कहना है कि रूस उसके रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है और उसके हमलों में अबतक कम से कम 350 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है. वहीं रूस का कहना है कि वो रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बना रहा है.
'6 हजार भारतीयों को निकाला'
यूक्रेन में जब रूस की 'विशेष सैन्य कार्रवाई' शुरू हुई थी उस वक्त वहां कम से 20 हजार भारतीय मौजूद थे. इनमें से एक बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि भारत की तरफ से पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से अबतक कुल 18 हजार भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं. बागची ने ये भी बताया कि यूक्रेन में फंसे भारतीयो को वापस लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा के तहत 30 फ्लाइट चलाई जा रही हैं और अबतक 6,400 भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाया जा चुका है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने गुरूवार, 3 मार्च को यह दावा किया कि यूक्रेन ने तीन हजार भारतीयों को बंधक बनाकर रखा है. इससे पहले भी रूस की तरफ से इस तरह का दावा किया गया था. जिसके बाद भारत की तरफ से कहा गया था कि उसे अपने नागरिकों को बंधक बनाए जाने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. वहीं, इस मामले पर यूक्रेन की तरफ से कहा गया था कि अगर रूस उसके शहरों के ऊपर हमला रोक दे तो वो भारतीय छात्रों को सुरक्षित जगहों पर भेज देगा.वीडियो- 'पोलैंड बॉर्डर पर सैकड़ों भारतीय छात्रों को पीटा गया', बेलारूस ने किया दावा तो यूक्रेन का आया जवाब
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