"यूक्रेन के कॉलेजों में पढ़ रहे हजारों युवाओं, छात्रों को एक दिन से ज्यादा बंधक बनाकर रखा गया... खारकीव में रेलवे स्टेशन पर 3,000 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को रखा गया. और वे (यूक्रेनी सेना) अब भी उन्हें वहां रखे हुए हैं. इनमें 576 लोग सूमी में भी हैं."पुतिन ने यूक्रेनी सेना पर आरोप लगाते हुए आगे कहा,
"नियो नाजियों ने खारकीव छोड़कर जाने की कोशिश कर रहे चीनी छात्रों पर ओपन फायरिंग की और उनमें दो घायल भी हो गए. सैकड़ों विदेशी इन क्षेत्रों से निकलना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा रही है. वे उन्हें कैद कर रहे हैं, उनको राहत दिए जाने में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं...हमारी सेना ने लोगों को निकालने के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया है और उन्हें ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी दे रही है. ताकि यूक्रेन के और बाहरी देशों के नागरिक सुरक्षित दूसरी जगह पहुंच सकें, लेकिन वे ऐसा होने नहीं दे रहे हैं."
भारत ने रूस के दावों को किया था खारिज
इससे पहले बुधवार, 2 मार्च को भी रूस ने दावा किया था कि खारकीव में यूक्रेनी सेना ने भारतीयों छात्रों को "बंधक बना लिया" है और वे उनका इस्तेमाल "ह्यूमन शील्ड" के तौर पर कर रहे हैं. भारत में रूसी दूतावास ने ट्विटर पर लिखा था,"यूक्रेनी सेना इन छात्रों को रूस की तरफ जाने से रोक रहे हैं. बंधक बनाए गए छात्रों को यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर के जरिए बाहर जाने को कहा जा रहा है. छात्रों को उन इलाकों से जाने को कहा जा रहा है, जहां हालात काफी खराब हैं."
"यूक्रेन में भारतीय दूतावास लगातार भारतीय नागरिकों के संपर्क में है. हमें पता चला कि यूक्रेन प्रशासन के सहयोग से कल (बुधवार) खारकीव से कई छात्र बाहर निकल पाए. हमारे पास वहां पर किसी छात्र को बंधक बनाकर रखे जाने की कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली है...हमारी प्राथमिकता छात्रों को सुरक्षित तरीके से बाहर ले जाना है."रूस के इन दावों पर यूक्रेन ने भी जवाब दिया था. गुरूवार को यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा,
"अगर रूस हमला बंद करता है तो यूक्रेन सरकार इन छात्रों को दूसरी जगहों पर भेजने को तैयार है. हमले के बीच इन छात्रों को निकालना खतरनाक है. हम भारत, पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों की सरकारों से अपील करते हैं कि वे रूस से हमला बंद करने को कहें. यूक्रेन सरकार विदेशी छात्रों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है."
वीडियो- तारीख: जब रूस ने 17वीं सदी में कर दी थी यूक्रेन पर कब्जे की शुरूआत
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