यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र बोले, 'ये हमारा आखिरी वीडियो, कुछ हुआ तो सरकार जिम्मेदार'

05:27 PM Mar 05, 2022 |
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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बाहर निकालने के लिए भारत सरकार की तरफ से ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों के बॉर्डर पर पहुंच गए छात्रों को देश वापस लाने की बात सरकार की तरफ से कही जा रही है. इस बीच यूक्रेन के शहर सूमी से एक ऐसा वीडिया सामने आया है, जिसने सभी की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

क्या है वीडियो में?

दरअसल, सोशल मीडिया पर अलग-अलग संस्थानों से जुड़े कुछ पत्रकारों ने एक वीडियो ट्वीट किया है. सूमी से आए इस वीडियो में छात्र बता रहे हैं कि वो पैदल ही बॉर्डर की तरह जा रहे हैं और उन्हें भारत सरकार या एंबेसी की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. वीडियो में एक छात्रा कहती है,
"हम सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्र हैं. आज युद्ध का 10वां दिन है. हमें जानकारी मिली है कि रूस ने आज यूक्रेन के मारिया पोल और वोलनोवखा में सीज़फायर का ऐलान किया है. मारिया पोल सूमी से 600 किलोमीटर दूर है. सुबह से यहां लगातार गोलीबारी, बमबारी और गलियों में लड़ाई की आवाज़ें आ रही हैं. हम डरे हुए हैं. हमने बहुत इंतजार किया, लेकिन अब और नहीं. हम अपनी जिंदगी रिस्क में डाल रहे हैं. हम बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं. अगर हमें कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार और यूक्रेन में भारतीय एंबेसी की होगी. अगर हममें से किसी को भी कोई नुकसान पहुंचता है तो मिशन गंगा को पूरी तरफ से फेल माना जाएगा."
  वीडियो में छात्रा की दूसरी साथी कहती है,
"स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्रों का ये आखिरी वीडियो है. हम अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं और बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं. आप हमारे लिए प्रार्थना करें. सरकार से गुजारिश है कि हमें यहां से निकलने में मदद करे."

विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

वीडियो के आखिर में सभी छात्र भारत माता के जयकारे लगाते हैं. छात्रों के इस गुट में करीब 50 के आसपास छात्र दिखाई देते हैं. जिनकी परेशानी, डर, दुविधा, समस्याएं एक साथ इस वीडियो में देखे जा सकते हैं.वीडियो सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय हरकत में आया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि भारत सरकार ने रूस और यूक्रेन से सीज़फायर कर छात्रों को निकालने के लिए कहा है. अरिंदम बागची की तरफ से कहा गया,
"हम यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर चिंतित हैं. हमने रूस और यूक्रेन सरकार से हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित रास्ता बनाने के लिए तुरंत युद्धविराम करने की मांग की है."
  विदेश मंत्रालय ने छात्रों से जान जोखिम में डाल कर बाहर निकलने से बचने के लिए भी कहा है. अरिंदम बागची ने कहा,
"छात्रों को हमारी सलाह है कि सावधानी बरतें और किसी सुरक्षित जगह में रहें. अनावश्यक जोखिम ना उठाएं. मंत्रालय और हमारे दूतावास छात्रों के साथ लगातार संपर्क में हैं."
ऐसा नहीं है कि भारत सरकार की तरफ से छात्रों को वापस लाने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया है. तीन दिन पहले, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया था कि यूक्रेन में भारत के 20 हज़ार लोग रह रहे थे. उसमें से तक़रीबन 12 हज़ार अब तक यूक्रेन छोड़ चुके हैं. बाकियों को वापस लाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन युद्ध वाले जिन इलाकों में छात्र फंसे हैं, उन्हें निकालना सरकार के लिए भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में लगातार 10 दिन से छात्र फंसे हुए हैं और उनके पास खाने-पीने और जरूरत के सामानों की भी किल्लत हो गई है. इसी वजह से सूमी में फंसे छात्रों का सब्र का बांध आज टूट गया.
वीडियो: रूस-यूक्रेन युद्ध: भारतीय छात्रों के लिए सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, जानें क्या है खास
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