क्या है मामला?
इंडिया टुडे से जुड़े सतेन्द्र चौहान की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा अमृतसर के खासा गांव में स्थित बीएसएफ कैंप में हुआ. बीएसएफ मेस में कथित तौर पर फायरिंग करने वाले कॉन्स्टेबल की पहचान महाराष्ट्र के रहने वाले सटेप्पा के रूप में हुई है. इस हादसे के बारे में एक पुलिस अधिकारी ने बताया,"ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इस घटना में 6 जवान घायल हो गए हैं, जबकि 5 की मौत हो गई है. घायलों में एक की हालत नाजुक है. घटना बीएसएफ़ हेड क्वार्टर 144 बीएन, खासा की है. सिपाही सटेप्पा ने मेस के अंदर गोली चला दी, जिसमें 5 जवानों की मौत हो गई, जिनमें सटेप्पा भी शामिल है. 6 जवान घायल हैं और एक की हालत गंभीर है. मामले की जांच के लिए आदेश दे दिए गए हैं."सभी घायलों को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना में मरने वाले जवानों में हेड कॉन्स्टेबल डीएस तोरसाकार, हेड कॉन्स्टेबल बलजिंदर कुमार, कॉन्स्टेबल रतन चांद भी शामिल हैं. पुलिस ने भी मामले की छानबीन शुरू कर दी है. इधर इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक बीएसएफ की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. हालांकि, बताया जा रहा है कि कथित तौर पर हमला करने वाला जवान अपने काम के घंटों को लेकर नाराज था. उससे ज्यादा ड्यूटी ली जा रही थी. इसी बात को लेकर शनिवार को सटेप्पा की बीएसएफ के ही एक बड़े अधिकारी से बहस भी हुई थी, लेकिन उसे राहत कोई नहीं मिली. घटना वाले दिन सटेप्पा ड्यूटी पर तैनात था, सुबह करीब सवा 10 बजे उसने मेस के अंदर घुसकर कथित तौर पर ताबड़तोड़ गोलियां चलना शुरू कर दिया. गोलियां चलने की आवाज सुनकर मेस के अंदर भगदड़ मच गई. इस दौरान करीब 10 जवानों को गोलियां लगी, जिनमें से 4 की मौके पर ही मौत हो गई. सटेप्पा ने खुद भी गोली मारकर आत्म हत्या कर ली. यह पूरा घटनाक्रम 6 मार्च, सुबह करीब सवा दस बजे का है. करीब 11 बजे पांच जवानों का मृत घोषित कर दिया गया. बीएसएफ के जिस कैंप में ये हादसा हुआ, वो सबसे व्यस्त कैंपों में से एक है. साथ ही साथ भारत-पाकिस्तान के बीच इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट की जिम्मेदारी भी निभाता है और बीटिंग रिट्रीट समारोह की तैयारियों में भी योगदान देता है.
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