कर्नाटक: 'हिजाब फैसला' देने वाले जज को जान से मारने की धमकी, मिलेगी Y कैटेगरी सिक्योरिटी

12:50 PM Mar 20, 2022 |
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हिजाब विवाद पर फैसला देने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी को जान से मारने की धमकी मिली है. धमकी देने वाले एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है. इस मामले को लेकर वकील उमापति एस ने शनिवार, 19 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास एक शिकायत दर्ज कराई. तमिलनाडु पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे व्हाट्सऐप पर एक वीडियो मिला, जिसमें एक व्यक्ति झारखंड के एक जज
की कथित हत्या का ज़िक्र करते हुए मुख्य न्यायाधीश अवस्थी को जान से मारने की धमकी दे रहा था.
शिकायतकर्ता ने कहा,
“वीडियो में व्यक्ति कह रहा है कि उसे पता है कि न्यायाधीश अवस्थी टहलने के लिए कहां जाते हैं. इसके अलावा, धमकी वाले वीडियो में वह व्यक्ति न्यायाधीश अवस्थी की परिवार के साथ उडुपी मठ की यात्रा के बारे में भी बात कर रहा था. वह अदालत के फैसले के बारे में बहुत ही अश्लील भाषा में बात कर रहा था."
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि वीडियो संभवतः तमिलनाडु के मदुरै में शूट किया गया था.
इसी मामले ने एक और वकील सुधा कटवा ने कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 (1), 505 (1) (सी), 505 (1) (बी), 153 ए, 109, 504 के तहत केस दर्ज किया गया है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और काजी एम जैबुन्निसा की तीन सदस्यीय बेंच ने हिजाब मामले में फैसला सुनाया था. कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब इस्लाम का एक जरूरी हिस्सा नहीं है. अदालत ने 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार के उस आदेश को भी बरकरार रखा, जिसमें छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अनिवार्य ड्रेस का पालन करने के लिए कहा गया था.

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं माना.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में कोवई रहमतुल्लाह और जमाल मोहम्मद उस्मानी नाम के शख्स हैं.

जजों को मिलेगी 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा

इधर कर्नाटक सरकार ने रविवार 20 मार्च को, हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले मुख्य न्यायाधीश सहित तीन जजों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला लिया है. यह फैसला जजों को मारने की धमकी दिए जाने के बाद आया है. वहीं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मुद्दे पर विपक्ष को "फर्जी धर्मनिरपेक्ष" कहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने जजों को मिली धमकी की घटना की निंदा नहीं की.
इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को हिजाब मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 15 मार्च को अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है. छात्र या छात्रा इसके लिए इनकार नहीं कर सकते हैं. फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.

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