क्या है पूरा मामला
सपा प्रत्याशी डॉ. कफील खान ने 27 मार्च की रात साढ़े 9 बजे कुछ वीडियो ट्वीट किए और लिखा,"देवरिया में क्षेत्रीय भ्रमण कर रहा था कि देखा ट्रक ने एक औरत को टक्कर मार दी है. देवरिया सदर अस्पताल ले गया पर खून अधिक बह चुका था और तुरंत ऑपरेशन की ज़रूरत थी. प्राथमिक उपचार के बाद गोरखपुर रेफ़र करना पड़ा, अभी उनको भेज ही रहा था कि मिश्राजी की मां गम्भीर हालत में आ गई."
"बहुत दुखी हूं कल जिनको गोरखपुर रेफ़र किया था उनका इंतकाल हो गया, मिश्राजी की मां जिस 108 एम्बुलेंस से लायी गयी थी उसका ऑक्सिजन सिलेंडर ख़ाली था, सदर हॉस्पिटल देवरिया में ना अंबु बैग था,ना लेरिंगोस्कोप था,ना ईटी ट्यूब ,ना जीवन रक्षक औषधि. मिश्राजी की मां का भी देहांत हो गया."
जांच के लिए बनाई गई कमेटी
कफील के ट्वीट के बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल देखे को मिली. देवरिया डीएम ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के बर्खास्त डॉ. कफील के इमरजेंसी में जाकर इलाज करने की घटना को गंभीर माना. सीडीओ ने बताया कि मामले की जांच के लिए त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, इस कमेटी में एडीएम प्रशासन, चिकित्सा अधीक्षक और एसीएमओ शामिल हैं. वहीं, पुलिस अधीक्षक डॉ. श्रीपति मिश्रा का कहना है कि एम्बुलेंस के ड्राइवर प्रकाश पटेल की तहरीर पर सरकारी काम में बाधा डालने पर डॉ. कफील के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.कौन हैं डॉ. कफील खान?
2017 में सुर्खियों में आए डॉ कफील खान चाइल्ड स्पेस्लिस्ट हैं. कफील को गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किया गया था. कई महीनों तक जेल में भी बंद रहे थे. इस बार समाजवादी पार्टी ने कफील खान को देवरिया-कुशीनगर स्थानीय निकाय सीट से विधानपरिषद सदस्य का प्रत्याशी बनाया है.वीडियो:डॉ. कफील खान पर चल रहे आपराधिक मामले रद्द करते हुए कोर्ट ने कही बड़ी बात
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