बाजवा ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिवसीय इस्लामाबाद सिक्योरिटी डायलॉग के आखिरी दिन बाजवा ने कहा,"चाहे खाड़ी मुल्कों की बात करें या दुनिया के किसी और हिस्से की, दुनिया की एक तिहाई आबादी किसी ना किसी संघर्ष में घिरी है. यह ज़रूरी है कि हम अपने क्षेत्र को टकराव की लपटों से दूर रखें. भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा तनाव भी हमारे लिए चिंता का सबब है. हम चाहते हैं कि इसका समाधान बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए हो क्योंकि ये पाकिस्तान के लिए भी काफी जरूरी है. इससे इन तीनों देशों के करीब तीन अरब लोगों को शांति और समृद्धि मिलेगी."यही नहीं बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर विवाद सहित सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति का इस्तेमाल करने में विश्वास रखता है और अगर भारत ऐसा करने के लिए सहमत होता है, तो वो इस मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है. अपने भाषण में बाजवा ने कहा कि अब वो समय आ गया है, जब इस इलाके के नेताओं को अपने राजनीतिक और भावनात्मक पूर्वाग्रहों को किनारे कर इतिहास की बेड़ियां तोड़ते हुए लोगों की समृद्धि के बारे में सोचना चाहिए.
नागरिकों की सुरक्षा सबसे पहले
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष ने आगे कहा कि पाकिस्तान की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति उसके नागरिकों की सुरक्षा, सुरक्षा, गरिमा और समृद्धि को केंद्र में रखना है. पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने आतंकवाद को हराने के लिए असंख्य बलिदान दिए हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का खतरा अभी भी बना हुआ है.वीडियो:इमरान खान और पाकिस्तान आर्मी के प्यार-तकरार की पूरी कहानी
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