जम्मू-कश्मीर: 24 घंटे में 4 हमले, कश्मीरी पंडित को मारी 3 गोलियां, 1 जवान शहीद

09:43 AM Apr 05, 2022 |
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पेशे से मेडिकल स्टोर संचालक कश्मीरी पंडित सोनू कुमार बलजी ने कश्मीर से पंडितों के विस्थापन के दौरान भी घाटी नहीं छोड़ी थी. वह पिछले 30 साल से कश्मीर में ही रह रहे हैं. सोमवार, 4 अप्रैल की शाम को दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के चित्रागाम इलाके में आतंकवादियों ने सोनू कुमार बलजी पर फायरिंग कर दी. इस हमले में बलजी को तीन गोलियां लगीं. गंभीर हालत में उन्हें श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. इस घटना के अलावा कश्‍मीर घाटी (Kashmir Valley) में सोमवार को 24 घंटे के अंदर-अंदर 3 और जगहों पर आतंकी हमले (Terror Attack) हुए. इनमें 1 जवान शहीद हो गया, जबकि एक जवान जख्‍मी है. अन्य दो हमलों में 4 मजदूर घायल हो गए. आजतक से जुड़े अशरफ वानी के मुताबिक आतंकियों ने ये हमले कश्‍मीर के श्रीनगर और पुलवामा जिले में किए. एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन हमलों के बाद पुलिस और सेना ने इलाकों को घेर लिया है और सघन चेकिंग की जा रही है.

लाल चौक पर हमला

आजतक से मिली जानकारी के मुताब‍िक, सोमवार को श्रीनगर स्थित लाल चौक के मैसूमा में अचानक कुछ आतंकियों ने वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर दिया. इस हमले में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए. घायलों को फौरन अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान एक जवान ने दम तोड़ दिया. इसके अलावा पुलवामा में दो अलग-अलग जगहों पर आतंकवादी हमले हुए. इनमें 4 बाहरी मजदूर घायल हो गए. आजतक के मुताबिक पुलवामा जिले के लिटर इलाके में आतंकवादियों ने दो मजदूरों पर गोलियां चलाईं और दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, ये दोनों ही पंजाब के रहने वाले हैं. इनकी पहचान सुरिंदर सिंह और धीरज दत्‍त के रूप में हुई है. इसके बाद पुलवामा के लजुरा इलाके में आतंकियों ने एक और हमला किया, जिसमें उन्होंने 2 बिहारी मजदूरों (पिता-पुत्र) को गोलियों से भून दिया. दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. इनकी पहचान 46 वर्षीय जोखू चौधरी और उनका 23 वर्षीय पुत्र पतिलेश्वर चौधरी के रूप में हुई है.

लोगों को भगाने का एजेंडा: एसपी वैद्य

आजतक के अशरफ वानी के मुताबिक कश्मीर में हुए हमलों को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा,
'यह हार्ड कोर इस्लामिक एजेंडा है, ताकि पूरी तरह से कश्मीरी पंडितों का घाटी से पलायन कराया जा सके, यानी बचे-खुचे कश्मीरी पंडित और जो लोग अन्य राज्यों से वहां आए हैं उन्हें भगाया जाए.'
एसपी वैद्य ने आगे कहा,
'धारा 370 हटाने के बाद भी अगर पंडितों को हम घाटी में नही बसा पाए तो यह बहुत बड़ी विफलता सिद्ध होगी. केंद्र और राज्य सरकार को एक सोच-समझकर एक मास्टर प्लान बनाना चाहिए, ताकि कश्मीरी पंडितों को वहां बसाया जा सके.'
उधर, इस मामले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा कि एक बार फिर डर का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे कश्मीरी पंडित घाटी में वापस न आ सकें. उनके मुताबिक आतंकी अब अपने इस मकसद में कामयाब नहीं हो पाएंगे.
वीडियो देखें | राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक ने कश्मीर को देश की सबसे भ्रष्ट जगह क्यों बोला?
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