ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर, शहरों के स्टेडियम और सार्वजनिक पार्कों में आपको सुबह-शाम कुछ लड़के दौड़ते मिल जाएंगे. पसीने से लथपथ, पैरों में अमूमन सस्ते जूते या कभी-कभी वो भी नहीं. इनमें से ज्यादातर की उम्र 20 साल से कम होती है. कहते हैं, जूते हल्के होने चाहिए. क्यों दौड़ रहे हैं पूछो, तो बताते हैं आर्मी में भर्ती (Army Rally Bharti) की तैयारी कर रहे हैं.
ये एक सामान्य दृश्य है. लेकिन फिल्म मेकर विनोद कापड़ी (Vinod Kapri) को नोएडा (Noida) की सड़कों पर दौड़ते मिले प्रदीप मेहरा (Pradeep Mehra) की कहानी ख़ास है. प्रदीप का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट होने के बाद से वायरल है. लोग उनकी मेहनत को सलाम कर रहे हैं.
प्रदीप से जो बात हुई उसका वीडियो 20 मार्च 2022 को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए विनोद ने लिखा,
This is pure gold. नोएडा की सड़क पर कल रात 12 बजे मुझे ये लड़का कंधे पर बैग टांगें बहुत तेज़ दौड़ता नज़र आया. मैंने सोचा किसी परेशानी में होगा, लिफ़्ट देनी चाहिए. बार-बार लिफ़्ट का ऑफ़र किया पर इसने मना कर दिया. वजह सुनेंगे तो आपको इस बच्चे से प्यार हो जाएगा.'
प्रदीप की उम्र 19 साल की. आर्मी की तैयारी कर रहे हैं. और उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. नोएडा में अपने बड़े भाई के साथ रहते हैं. प्रदीप की मां बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं.
रात के 12 बजे बैग टांगकर क्यों दौड़े जा रहे हैं? इस पर प्रदीप बताते हैं कि वो नोएडा के सेक्टर-16 स्थित मैक्डॉनल्ड्स (McDonald's) के आउटलेट में काम करते हैं. सुबह 8 बजे से शिफ्ट होती है. उसके पहले खाना भी बनाना होता है, इसलिए सुबह दौड़ने का वक़्त नहीं मिलता. इसलिए रात को शिफ्ट पूरी होने के बाद घर वापस जाते वक़्त प्रदीप नोएडा सेक्टर 16 से लेकर बरोला तक 10 किलोमीटर दौड़ते हैं.
बता दें कि भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट शुरुआती और सबसे जरूरी चरण होता है. जिसमें अच्छी दौड़ के अलावा और भी कई चीजें देखी जाती हैं. इसके बाद मेडिकल टेस्ट और फिर एक लिखित परीक्षा होती है, सब कुछ सही हुआ तो ही सेना में नौकरी मिलती है. और कोविड के दौरान सेना के अलग-अलग ट्रेड्स के लिए भर्ती प्रक्रिया बाधित भी रही हैं.
प्रदीप का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने प्रदीप की सराहना की. सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने लिखा,
'उसका जोश सराहनीय है. योग्यता के आधार पर भर्ती परीक्षा पास करने में उसकी मदद के लिए मैंने कुमाऊं रेजिमेंट के कर्नल, ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा कालिता से बात की है. वे उसकी ट्रेनिंग के लिए जो भी जरूरी है कर रहे हैं, ताकि उसे रेजिमेंट में नियुक्ति मिल सके.'
कई लोगों ने भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. कहा कि बेरोजगार युवा आर्मी और पुलिस की भर्ती के लिए सड़कों पर दसियों किलोमीटर दौड़ते हैं, लेकिन भर्तियां सालों-साल नहीं निकलतीं.
इसके बाद विनोद ने एक और ट्वीट किया. कहा कि मैं प्रदीप मेहरा से लगातार संपर्क की कोशिश कर रहा हूं. उसे मैं देश की शुभकामनाएं देना चाह रहा था. वो अपने काम में व्यस्त है. उसे ये भी नहीं पता कि उसका वीडियो वायरल हो चुका है. और फिर विनोद मैक्डॉनल्ड्स के बाहर प्रदीप से दोबारा मिले, ट्वीट करके बताया कि स्कूल रिकार्ड्स में प्रदीप का असली नाम पुष्कर मेहरा है.
विनोद ने प्रदीप को बताया कि तुम्हारा वीडियो वायरल हो गया है. देशभर से लाखों लोग तुम्हारी मेहनत की सराहना कर रहे हैं, विनोद ने पूछा कि आर्मी वालों ने तुम्हारा नंबर मांगा है, क्या दे दे दूं? इस पर प्रदीप कहते हैं कि दे दीजिए.
प्रदीप ये भी बताते हैं कि कुछ लोग कह रहे हैं कि इसे कश्मीर में दौड़ाओ. वहां जाकर दौड़ना भूल जाएगा. खैर ट्रोल्स का क्या है? उनका काम यही है, करने दीजिए. लेकिन प्रदीप से जब पूछा गया कि देश के लोगों से क्या कहना चाहते हो? तो प्रदीप का बड़ा आसान और स्पष्ट सा जवाब था. प्रदीप बोले,
'मेहनत के आगे दुनिया झुकती है बस, मेहनत करो तो बाकी सब ठीक हो जाता है.’
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