"महिला पीलीभीत की रहने वाली है. पति की मौत के बाद वो वहीं चली गई थी. महिला के जेठ का बेटा अंतिम संस्कार की विधियों के लिए पिछले महीने पीलीभीत गया था. इस दौरान उसने कई मौकों पर उसका यौन शोषण किया."पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक, विक्टिम ने इस बारे में किसी को नहीं बताया और वो अपने घर चला गया. इसके बाद महिला लगातार उसे धमका रही थी. SI रीता चौहान ने बताया कि महिला 30 मार्च को उधम सिंह नगर आई. 2 अप्रैल को एक बार फिर वह लड़के का यौन शोषण करने की कोशिश कर रही थी. तब विक्टिम की मां ने उसे देख लिया. इसके बाद लड़के ने पूरी बात अपनी मां को बता दी. इसके बाद नाबालिग के माता-पिता ने महिला के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी. मामला IPC की धारा 270 और POCSO ऐक्ट की धारा 5 और 6 के तहत दर्ज किया गया है. POCSO ऐक्ट 18 साल से कम उम्र के लड़कों और लड़कियों को यौन शोषण से बचाता है. ये एक जेंडर न्यूट्रल ऐक्ट है. इसकी धारा पांच के मुताबिक, किसी नाबालिग लड़के से बार-बार पेनिट्रेटिव सेक्स करना, किसी रिश्तेदार के द्वारा पेनिट्रेटिव सेक्स करना अपराध के दायरे में आता है. वहीं POCSO की धारा 6 के मुताबिक, किसी बच्चे के साथ पेनिट्रेटिव यौन हिंसा करने पर उसे कम से कम 10 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद की सज़ा दी जाती है.
IPC की धारा 270 क्या है?
किसी गंभीर बीमारी को फैलाने या ऐसा कोई काम जिसकी वजह से किसी की जान को ख़तरा हो, ऐसे मामले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 270 के अंदर आते हैं. धारा 270 आईपीसी के चैप्टर 14 में आती है, जिसमें जनता के स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुख, शिष्टाचार और नैतिकता से जुड़े अपराध शामिल होते हैं. दोषी पाए जाने पर 2 साल की सज़ा या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है.सेक्स क्राइम के मामलों में अदालतों की 5 चौंकाने वाली टिप्पणियां
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