Bollywood Actresses की ये हाज़िरजवाबी सुन फ़ैन हो जाएंगे!

06:25 PM Feb 03, 2022 |
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मेरी बेटी कल्पना चावला बनेगी, शकुंतला देवी बनेगी, इंदिरा गांधी बनेगी, पीटी उषा बनेगी. वैसे तो हमारे बचपन में मम्मी पापा के बेटियों के बड़ा बनने को लेकर ख़ास सपने होते नहीं थे. फिर भी ये कुछ नाम हैं जो मां-बाप फिर भी ले लेते थे. बेटी को लेकर तो सपना यही होता है कि एक दिन इसकी एक अच्छे से लड़के से शादी हो जाए. हालांकि आजकल यंग पेरेंट्स अलग हैं. वो बेटियों के लिए सपने देखते हैं. लेकिन इन सपनों में एक्ट्रेस शामिल हो, ऐसा शायद ही होता हो. हमारी बेटी एक्ट्रेस थोड़े न बनेगी.
मिडिल क्लास परिवार आज भी यही मानसिकता रखते हैं कि एक्ट्रेस का काम स्किन शो है, ठुमक कर नाचना और प्रड्यूसर के साथ सोना है. वो इंटेलीजेंट होंगी, टैलेंटेड होंगी, सक्सेसफुल बिजनेसवुमन भी होंगी ऐसा आज भी लोग नहीं सोचते. एक्ट्रेसेज वाली बात मेरे दिमाग में आई ट्विंकल खन्ना की वजह से. जो खुद अब एक्टिंग नहीं करतीं. लेकिन अपने विट, ह्यूमर और हाज़िरजवाबी से उन्होंने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि वो सिर्फ एक खूबसूरत चेहरा नहीं हैं. या वो सिर्फ अक्षय कुमार की पत्नी कहलाने के लिए नहीं हैं. उनकी आइडेंटिटी स्ट्रॉन्ग और इंडिपेंडेंट है.
 

करीना की बात पर क्या बोलीं  ट्विंकल

'ट्वीक इंडिया' नाम के यूट्यूब चैनल पर करीना कपूर खान और ट्विंकल खन्ना के बीच बड़ी इंटरेस्टिंग बातचीत हुई है.  इसी बातचीत के बीच में करीना ने कहा कि अक्षय ने मुझे स्कूल यूनिफॉर्म में भी देखा है और फिर मेरे साथ काम भी किया है. इससे पता लगता है वो कितने अमेजिंग हैं. ट्विंकल ने तुरंत करीना का विरोध करते हुए हैं, असल में ऐसा नहीं है. इससे बस ये पता चलता है कि मर्दों के करियर इस इंडस्ट्री में लंबे चलते हैं, वहीं औरतों के करियर छोटे होते हैं. करीना ने फिर कहा कि उनके जैसी एक्ट्रेस अब इस ट्रेंड को बदल रही हैं.

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'ट्वीक इंडिया' चैनल पर बात करती करीना और ट्विनकल

बातचीत लंबी है. लेकिन इस बात से आप इंप्रेस हो जाएंगे. ट्विंकल चाहतीं तो अपने पति का नाम सुनकर बस मुस्कुरा भर देतीं लेकिन उन्होंने ये मौका नहीं छोड़ा और इंडस्ट्री की इस बड़ी कमी पर कमेंट किया. ट्विंकल के इस कमेंट के बाद मुझे कई सारे वाकये याद आए जब एक्ट्रेसेज ने शानदार प्रेसेंस ऑफ़ माइंड दिखाकर ये साबित किया कि वो कोई चुपचाप रहने वाली गुड़िया नहीं हैं. वो एक सोचने समझने वाली इंसान हैं और आप उनसे कोई बेवकूफाना बातें नहीं कह सकते. ऐसे ही कुछ वाकये आपको बताती हूं.

वुमन करिअर को लेकर क्या बोलीं एक्ट्रेसेस

राधिका आप्टे से एक इंटरव्यू में पूछा गया- आपके करियर में बहुत बोल रोल्स और सीन्स रहे हैं. क्या फेमस होने के लिए कंट्रोवर्सी करना जरूरी है? इसके जवाब में राधिका ने कहा,
"क्या आपने मेरा क्लिप नहीं देखा? आपने वो क्लिप देखा और दूसरों को दिखाया होगा. आप जैसे लोग ही नॉर्मल चीजों को कॉन्ट्रोवर्सी बनाते हैं. मैं एक आर्टिस्ट हूं और वो सब करूंगी जो एक रोल के लिए जरूरी होगा. अगर आप अपनी छोटी सी दुनिया से बाहर निकलेंगे और और देखेंगे कि वर्ल्ड सिनेमा में किस तरह का काम कितनी सफलता से हो रहा है तो आप किसी से भी ऐसा बेवकूफ़ाना सवाल नहीं पूछेंगे. और हाँ, कल आपको एक नग्न शरीर देखने का मन करे तो मेरे वीडियो मत खोजना, खुद को शीशे में देख लेना."


प्रियंका चोपड़ा ने कहा आदमी से कोई नहीं पूछता कि 'करियर कैसे मैनेज करते हो?'

प्रियंका चोपड़ा ने भी एक बार एक व्यक्ति को खूब लताड़ लगाई थी. ग्लोबल एजुकेशन एंड स्किल्स फोरम के एक कार्यक्रम में वो गेस्ट थीं. किसी ने उनसे पूछा, लड़का अगर लड़की को छेड़े और लड़की थप्पड़ मार दे, तो लड़की को हीरो क्यों बनाया जाता है? क्या ये लड़के का अब्यूज नहीं है? प्रियंका पहले तो मुस्कुराईं. फिर कहा कि,
"लगता है आपके लिए मुझे बेसिक से शुरू करना पड़ेगा. फेमिनिजम का अर्थ ये होता है कि पुरुषों और औरतों को इक्वल ऑपरचुनिटीज मिलें. ये नहीं होता कि अगर लड़का 100 किलो उठा रहा है तो लड़की भी 100 किलो उठाकर दिखाए. कुदरत ने हमारे शरीर अलग बनाए हैं. फेमिनिजम का अर्थ होता है कि दिमागी रूप से महिला और पुरुष में भेद नहीं होना चाहिए. जब पुरुष 50 साल का है और तीन बच्चों का बाप है तब उससे कोई नहीं पूछता कि आप कैसे मैनेज करते हो. मैं मां और एक कंपनी की CEO, दोनों हो सकती हूं. और हां, रही बात लड़की को छेड़ने वाले लड़के की, तो शायद उसे थप्पड़ मिलना ही चाहिए."
 

जब विद्या और सनी लिओनी से पूछे गए ऑब्जेक्टीफ़ाइंग सवाल 

कुछ साल पहले एक बड़े पत्रकार ने सनी लियोनी का इंटरव्यू लिया था. जब उनकी फिल्म 'मस्तिजादे' आने वाली थी. उस वक़्त इंटरव्यू लेने वाले बड़े पत्रकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी अपने सवालों से सनी को शर्मिंदा महसूस करवाने के लिए.  उस वक़्त सनी ने मुस्कुराकर उनके हर सवाल का जवाब इतने कॉन्फिडेंस से दिया, सो शायद हर एक्ट्रेस ही नहीं, हर लड़की को इंस्पायर करे.
सबसे पहले सनी से पूछा गया कि आपके साथ बड़े मेल एक्टर्स काम नहीं करना चाहते. क्या आपको इससे फर्क नहीं पड़ता. सनी ने मुस्कुराकर कहा - 'नहीं पड़ता '.
फिर उनसे पूछा गया क्या आमिर आपके साथ काम करना चाहेंगी. तो उन्होंने जवाब दिया-
'ये तो वो ही बता सकते हैं. और अगर ना भी करना चाहें तो इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि मुझे उनकी फ़िल्में देखना पसंद है.'
और अंततः जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका पास्ट उन्हें परेशान करता है. तो उन्होंने बहुत कूल होकर कहा -
'मुझे तो नहीं आपको ही परेशान करता है. आप लोग ही बार- बार ये बात उठाते हैं कि मैं एडल्ट एक्ट्रेस थी. मैं तो कभी नहीं उठाती.' 
तमाम घटिया सवालों का कॉन्फिडेंस से जवाब देने के बाद लास्ट में सनी ने ये भी कहा कि आप कहें तो मैं ये इंटरव्यू छोड़कर चली जाऊं. पढ़े लिखे पत्रकार भी औरतों के मामले में कितने बेवकूफाना हो सकते हैं, और केवल सुंदर शक्ल और शरीर माने जानी वाली एक्ट्रेस भी एक समझदार इंसान होती है, ये इंटरव्यू इस बात सबसे बड़ा उदाहरण था.


सनी लिओनी और विद्या बालन ने पत्रकारों के मीन और जजमेंटल सवालों का तगड़ा जवाब दिया

अब आते हैं विद्या बालन पर, जिनकी एक्टिंग का लोहा लोग बहुत पहले ही मान चुके हैं. जब वो अपनी फिल्म  'तुम्हारी सुलू' प्रमोट कर रही थीं, तब एक रिपोर्टर ने  उनसे पूछा,
"हमने आपकी जितनी भी फ़िल्में देखी हैं, सब वीमेन सेंट्रिक हैं. आगे चलकर वीमेन सेंट्रिक फिल्मों में ही नज़र आएंगी या आपने वेट लॉस के बारे में भी सोचा है?"
ज़ाहिर है, विद्या इस सवाल से भौंचक्की रह गईं. उन्होंने पलटकर रिपोर्टर से पूछा कि
"वीमेन सेंट्रिक फिल्मों और वेट लॉस में क्या कनेक्शन है?"
तो रिपोर्टर ने जवाब दिया कि ग्लैमरस रोल्स के लिए वेट तो घटाना ही पड़ेगा. सके जवाब में विद्या ने कहा,
"मैं जो काम कर रही हूं, उससे बहुत खुश हूं. आप लोगों का नज़रिया बदल जाए तो बहुत अच्छा होगा." 

मल्लिका शेरावत को भी किया था टारगेट

 
ऐसा ही एक वाकया मल्लिका शेरावत के साथ हुआ था. वो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में थीं. एक रिपोर्टर ने उनसे कहा- मल्लिका आपने एक बार कहा था इंडिया रिग्रेसिव और डिप्रेसिंग है. यानी दकियानूसी और पिछड़ी सोच से जकड़ा हुआ है. फिर आप यहां क्यों रहती हैं? मल्लिका ने जवाब दिया-
"मुझे लगता है आपको सवाल पूछने के पहले अपना होमवर्क कर लेना चाहिए था. भारती समाज औरतों के बारे में पिछड़ी सोच रखता है. इसका प्रूफ है रोज़ होने वाली भ्रूण हत्या, गैंगरेप और ऑनर किलिंग की हेडलाइन्स से भरे हुए होते हैं. इंडिया में औरतों की दशा ख़राब है, ये मैं मानती हूं और इस स्टेटमेंट से पीछे नहीं हटूंगी.


इंडिया में औरतों की रीग्रेसीव स्थिति पर जवाब देती हुई मल्लिका शेरावत

इसपर रिपोर्टर ने कहा कि आप विदेश में भारत का नाम ख़राब कर रही हैं. तो मल्लिका ने कहा,
 "तो क्या एक औरत होकर मैं देश में औरतों के हालात के बारे में झूठ बोल दूं?"
 
कई बार लोगों को लगता है कि एक्ट्रेस है तो क्या, इसे क्या ही आता होगा. शक्ल और शरीर के दम पर पैसा कमा रही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है, ये बात अगर आप अबतक नहीं समझे हैं तो आपको अपना दिमाग खोलने की ज़रुरत है. एक लंबे समय तक एक्ट्रेसेज के लिए अच्छे रोल्स नहीं लिखे गए. ना ही उन्हें हीरो जितना महत्व, न ही उतने डायलॉग और न ही उतना स्क्रीन प्रेसेंस मिला. लेकिन जैसा कि करीना ने कहा, ये ट्रेंड बदल रहा है. इस बदलते ट्रेंड के साथ हम सब भी बदलते चलें, तो हमारे लिए ही अच्छा होगा.
क्या राय है आपकी? मुझे कमेंट सेक्शन में बताएं.

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