अपॉइंटमेंट होते ही विवाद
प्रोफेसर शांतिश्री की अपॉइंटमेंट का नोटिफिकेशन जारी होते ही उनके नाम से बने एक ट्विटर हैंडल के पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने लगे. अकाउंट का हैंडल @SantishreeD था. और बायो में लिखा था- प्रोफेसर, एकेडमिक और रिसर्चर. बायो में लोकेशन भी पुणे की डाली हुई थी. जहां अब तक प्रोफेसर शांतिश्री पोस्टेड थीं. हालांकि, अकाउंट वेरिफाइड नहीं था, इस वजह से इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है कि वो प्रोफेसर शांतिश्री का आधिकारिक अकाउंट था. उस अकाउंट से किए गए ट्वीट आपत्तिजनक और इस्लामोफोबिक थे. फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के कोफाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर ने उस अकाउंट से किए गए कई ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट शेयर किया है.'वहाबी इन्फ्लुएंस की वजह से सुन्नी इस्लाम कट्टरपंथी है. इसे मॉडर्निटी, सेक्युलरिज्म और गैर-मुस्लिमों के साथ शांति से रहने में समस्या है.' 'इन मानसिक रूप से बीमार जिहादियों के साथ वही करो जो चीन करता है.' (चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के साथ ज्यादतियों को लेकर लगातार खबरें आती हैं.) 'मैं मानती हूं कि गांधी और गोडसे दोनों ने गीता पढ़ी, उस पर विश्वास किया और दोनों ने उससे अलग-अलग सीख ली. गोडसे को लगा कि कदम उठाना ज़रूरी है तो उसने यूनाइटेड इंडिया के लिए समाधान के तौर पर महात्मा गांधी की हत्या कर दी.'इस अकाउंट से किए गए कुछ ट्वीट्स महिला विरोधी भी थे. शाहीन बाग प्रोटेस्ट के दौरान जब '500 रुपये में प्रोटेस्टर' वाले आरोप लगे थे तब एक बाइक के पीछे बैठी दो मुस्लिम औरतों की तस्वीर को कोट ट्वीट करते हुए इस अकाउंट से लिखा गया था,
"पेड प्रोटेस्ट के लिए शाहीन बाग जाती हुई."शाहीन बाग प्रोटेस्ट को लेकर इस अकाउंट से 'प्लीज़ वेकेट इल्लीगल जिहादीज़'जैसे ट्वीट भी किए गए थे. किसान आंदोलन में शामिल किसानों के लिए दलाल, पैरासाइट, अनचाहे लोग जैसे शब्दों का इस्तेमाल इस अकाउंट से किया गया था. एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने भी इस अकाउंट से किए गए कुछ ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट पोस्ट किए हैं. स्क्रीनशॉट्स के साथ योगेंद्र यादव ने तंज कसा,
"JNU की नई VC का परिचय- साफ तौर पर ये जेएनयू के स्टूडेंट्स और फैकल्टी की स्कॉलरशिप के लिए रोल मॉडल हैं."
"ये लोग पिछड़े हुए नेता हैं जो प्र भू (प्रशांत भूषण) और यो या (योगेंद्र यादव) के नेतृत्व में चुनाव नहीं जीत सकते. इनके नसीब में फेल होना ही लिखा है, क्योंकि ये मुट्ठीभर माइनॉरिटी शांति से काम कर रही लोकातांत्रिक मेजॉरिटी को ब्लैकमेल कर रही है."स्क्रीनशॉट्स सामने आने के बाद से ही VC of JNU ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. लोग प्रोफेसर शांतिश्री की आलोचना कर रहे हैं. लिख रहे हैं कि उन्हें जेएनयू की पहली महिला वीसी के तौर पर देखने की बजाए उनकी भाषा देखनी चाहिए. उन पर इस्लाम और किसान विरोधी होने के आरोप लग रहे हैं. वीसी की नियुक्ति और वीसी बनने की क्वालिफिकेशन को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. हालांकि, अब @SantishreeD अकाउंट डिलीट कर दिया गया है.
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