Bollywood ने Romance के नाम पर जिस घटिया toxic masculinity को बढ़ावा दिया वो क्या है?

11:44 PM Mar 25, 2022 |
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रोमैंटिक लड़का कैसा होता है? जो आपकी तारीफ करे, आपके बगल में सोकर उठे तो आपको प्यार भरी नज़रों से देखे, कैंडल लाइट डिनर पर ले जाए, आप करवाचौथ का व्रत रखें तो वो भी दिनभर भूखा रह जाए. है ना? रोमैंस को हम ऐसे ही समझते हैं. जानते हैं क्यों? क्योंकि हमारी फिल्मों ने हमें ऐसा ही सिखाया है.
 हमारा देश रोमैंस का मारा है.फिल्मों में लड़के क्या-क्या नहीं करते, टेडी बेयर, फूलों के गुलदस्ते लाना, लड़की के लिए सुन्दर गीत गाना, घर-परिवार, समाज से लड़ जाना, खुद भी मार खाना और दूसरों को भी पीट देना. लेकिन रियल लाइफ में लड़के ऐसे होते हैं क्या. नहीं होते, और ना ही हों, तो ही बेहतर. क्योंकि फिल्मों में ये सब काम करने वाले लड़के इन्हीं फिल्मों में बहुत टॉक्सिक भी होते हैं. कंट्रोलिंग, पजेसिव, अग्रेसिव, अब्यूजिव.. सबकुछ.
मेरे पास ऐसे ही कुछ मेल किरदारों की लिस्ट है. जो सुपरहिट फिल्मों में हीरो रहे. वो फ़िल्में ग्रेट कहलाईं. वो किरदार ग्रेट कहलाए. उन किरदारों को बार बार याद किया गया और एक्टर्स के करियर में सबसे बड़ा किरदार माना गया. मगर जब इन फिल्मों को आज पीछे मुड़कर देखते हैं, तो हम पाते हैं कि असल में ये किरदार टॉक्सिक थे और हमें ऐसे लड़के नहीं चाहिए. बिलकुल नहीं चाहिए. इनफैक्ट ये आपकी लाइफ में हों तो शायद लड़कों से आका भरोसा ही उठ जाए.
1. शोले का क्रीपी वीरू, धर्मेन्द्र का  कैरेक्टर!

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'शोले' फ़िल्म का दृश्य (सौजन्य : फ़िल्म )

तो शुरू करते हैं एक क्लासिक से. एक ऐसी फिल जिसे मैंने ही सौ बार देखा होगा. लेकिन हर बार ये नोटिस किया कि शोले फिल्म में धर्मेन्द्र का कैरेक्टर बहुत ज्यादा क्रीपी था. पहले ही सीन में बसंती को देखकर वीरू के चेहरे का रंग ही बदल जाता है. तांगे में बसंती से चिपककर बैठ गया और उससे फ़्लर्ट करने लगा. दूसरी मुलाकात
में वो बसंती को पिस्तौल चलाना सिखा रहा है. और उस बहाने उसको जितने घटित तरीके से छू सकता है, छूता है, बल्कि लिपट जाता है. उसके बाद गांव की उस भोली-भाली बसंती को भगवान बनकर मैनिपुलेट करता है. और जब कोई हथकंडा काम नहीं आता तो सुसाइड की एक्टिंग करके प्रेशर बनाता है. रियल लाइफ में ऐसा लड़का मिल जाए जो आपको रिलेशनशिप के लिए फ़ोर्स करे, तो आप उसे हीरो तो डेफिनेटली नहीं बनाओगे.
2. 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का राज


दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे फ़िल्म का दृश्य (सौजन्य- फ़िल्म )

सुपरस्टार शाहरुख़ खान की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे'. आप सोचो फिल्म में शाहरुख़ और काजोल ने एक दूसरे को पहली बार देखा है. लिटरली पहली बार. दोनों अपने दोस्तों से अलग हो चुके हैं और संयोग ऐसा कि एक ही ट्रेन पकड़ने के लिए भाग रहे हैं. राज पहले चढ़ गया और सिमरन को भागता देख मुस्कुराता है, बाल सेट करता है, फिर अपना हाथ बढ़ाता है उसकी मदद के लिए. जैसे तैसे ट्रेन में चढ़ने के बाद उसके हाथ में सिमरन की ब्रा आ गयी है जो उसके बैग से गिर गई है. तो वो उसको चुपचाप कहीं रखने की जगह लिटरली सिमरन के चेहरे पर डाल रहा है. "ऐसा लगता है, पहले आपको कहीं देखा है" दुनिया की सबसे घटिया पिकअप लाइन बोलकर सिमरन से सटता जा रहा है, उसके ऊपर खुद को गिराए जा रहा है. उसके पेट में घुसे जा रहा है. फिर एक पार्टी में वो सिमरन को हरास करने के लिए पूरा एक गाना गाकर डांस कर लेता है. फिर सॉरी बोलने के नाम पर मज़ाक करता है. उसे रोड ट्रिप के लिए मजबूर करता है. रात को उसे शराब पिलाता है. सुबह उसको ये यकीन दिलवाता है उन दोनों ने सेक्स कर लिया है. और अगली सुबह खुद को घटिया लड़का समझने के लिए सिमरन को ही डांट लगाता है. ये किस दुनिया में होता है ब्रो?
3. 'तेरे नाम' का राधे


'तेरे नाम' फ़िल्म का दृश्य (सौजन्य - फ़िल्म )

अब आते हैं एक और क्लासिक, तेरे नाम पर. ये राधे के प्रेम के प्रेम में आप ये मत भूल जाइएगा कि न सिर्फ राधे अपने कॉलेज का गुंडा था, बल्कि स्टॉकर था. राधे भैया किसी को भी उठा सकते थे. लड़की प्यार के लिए ना कर दे तो उसके मंगेतर को अब्यूज कर सकते थे. लड़की को किडनैप कर सकते थे. जबरन लड़की को प्यार के लिए मजबूर कर सकते थे. लेकिन वो राधे भैया था, इसलिए वो कूल थे.
4. रांझणा का कुंदन


'रांझणा' फिल्म का सीन, जहां कुंदन ज़बरन ज़ोया का हाथ पकड़ता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बात जबरन प्यार करवाने की हो रही है तो रांझणा फिल्म का इकर हो ही जाना चाहिए. इस फिल्म ने तमिल एक्टर धनुष को हिंदी बेल्ट में बेहद पॉपुलर कर दिया. लेकिन फिल्म में क्या था? जोया यानी सोनम कपूर के हज़ार बार मना करने के बावजूद कुंदन उसके पीछे आता था. देखता तो वो जोया को बड़े प्यार से था. इम्प्रेस करने के लिए क्या कुछ न करता. लेकिन ये तब फनी नहीं रह जाता जब जोया से हां कहलवाने के लिए वो अपनी कलाई काट लेता है. जोया के हंसने-बतियाने को वो प्यार का हिंट मान लेता है. और उसका दोस्त उसको मशवरा भी देता है- कि लड़की का इतना पीछा करो कि थककर हां बोल दे. आप बताइये, ये क्राइम को बढ़ावा देना नहीं तो और क्या है?
5. 'रहना है तेरे दिल में' से मैडी का


'रहना है तेरे दिल में' का दृश्य (सौजन्य - फ़िल्म)

अगला नाम है 'रहना है तेरे दिल में' फिल्म से मैडी का .लोग आज भी उसे क्यूट लवरब्यॉय की तरह याद करते हैं. पर फिल्म में उसका करैक्टर कोई क्यूट लवर बॉय का नहीं बल्कि टॉक्सिक था, जो बारिश में नाचती लड़की को देख प्यार में पड़ जाता है, दोस्त की शादी में उसका पीछा करता है, उसका मंगेतर होने का झूठा नाटक करता है और जो लड़की का असली मंगेतर होता है उसे पीटता है. वो एक ऐसा व्यक्ति था जो झूठ बोलकर लड़की के करीब जाता है और जब लड़की को  उसकी सच्चाई पता चलती है, वो उसपर रियेक्ट करती है तो उल्टा उसी पर नाराज़ होता है.

6. आशिकी- 2 का  राहुल
 


फ़िल्म आशिकी 2

आदित्य रॉय कपूर यानी राहुल का करैक्टर इस पूरी फिल्म में बहुत सडु सा था. दारू की लत में धुत, खुद को बर्बाद कर देने की ज़िद और आरोही, जो फिल्म की हीरोइन थी उसके लिए सब कुछ तय करने वाला. आरोही क्या चाहती है इस बात से उसे कोई मतलब नहीं. आरोही को गाने की दुनिया में टॉप पर देखना उसकी इच्छा थी, जबकि आरोही को राहुल से प्रेम था. उसे राहुल से प्यार कर के, उसकी केयर कर के खुशी मिलती थी. उसने महसूस किया कि सिंगिंग करियर में अच्छा कर के, आगे बढ़ कर भी ख़ुशी नहीं मिल रही. राहुल अगर खुद को सुधारने की ओर काम करता, अपनी ज़िन्दगी बेहतर करने पर फोकस करता तो उसे ज़्यादा खुशी मिलती, और आखिर में राहुल ये सब करने का वादा भी करता है. कहता है कि वो शराब पीना छोड़ देगा, जिम जाएगा, एक डिसिप्लिन लाइफ जिएगा पर अपनी कमज़ोरी के कारण ये सब नहीं कर पाता और स्युसाइड कर अपनी जान दे देता है. नाम के मुताबिक ये फिल्म प्यार पर होनी थी, पर ये शराब के नशे में धुत्त लड़के की महानता को दिखाने वाली फिल्म साबित हुई.
 7. कबीर सिंह का कबीर


‘कबीर सिंह’ के इसी सीन में शाहिद का किरदार यानी कबीर सिंह अपनी प्रेमिका को थप्पड़ मारकर और बेइज्ज़ती करके चला जाता है.

अब ये कोई सरप्राइज वाली बात नहीं है. मूवी रिलीज़ होने के बाद भी इसपर खूब बवाल हुआ था और कई लोगों ने कबीर सिंह के प्रोब्लेमैटिक करैक्टर पर आपत्ति जताई थी.
अर्जुन रेड्डी के हिंदी रीमेक कबीर सिंह में कबीर का किरदार एक सनकी, सेक्सिस्ट और उग्र मर्द का है. वो कैरेक्टर जो गुस्सा आने किसी को जान से भी मार सकता है. बात-बात पर थप्पड़ मार देता है. घटिया बातें करता है. सेक्स के लिए धमकाता है. मरने के कगार तक नशा करता है. यहां तक की कबीर फिल्म की हीरोइन प्रीती को जब थप्पड़ मारता है, उसे भी जस्टिफाई किया जाता है. इस फिल्म के डायरेक्टर संदीप वंगा रेड्डी ने एक इंटरव्यू में कहा था,
"जब आप सच्चे प्यार में होते हैं. एकदम डूबकर प्यार करते हैं, तो उसमें बहुत ही ज्यादा ईमानदारी होती है. और अगर आपके पास एक-दूसरे को थप्पड़ मारने की आजादी नहीं है, तो मुझे वहां कोई प्यार-व्यार नहीं दिखाई देता."
एक सीन में कबीर सिंह चाकू की नोक पर लड़की के कपड़े उतरवाता है, पहली मुलकात के बाद हीरोइन को अपनी प्रॉपर्टी बताता है और  मूवी हॉल में जनता इसपर तालियां पीटती है. फिल्म में हर ऐसी सिचुएशन को हीरोइज्म वाले अंदाज में दिखाया गया और लोगों ने भी इसपर खूब सीटियां बजाई.
इतना ही नही, इस फिल्म में हीरोइन यानी प्रीती का करैक्टर भी उतना ही प्रोब्लेमैटिक है. पूरी फिल्म में वो बेचारी सी, डरी-सहमी सी रहती है. मर्जी के बिना छुए जाने पर विरोध नहीं करती. बदसलूकी के लिए दो शब्द नहीं कह पाती है. सिर्फ रोती है और अपने होने पर सवाल करती है.
और ऐसा ही मामला है पुष्पा के साथ. एक साथ पांच भाषाओं में ये फिल्म रिलीज़ हुई. फिल्म के कुछ सीन घिना देने वाले हैं. जैसे पुष्पा जो हीरो है, उसका ये कहना कि पैसे लेकर चुम्मा दे दो. लड़की पास आने को मना करे तो नाराज़ हो जाओ. ऐसे काम हीरो के हैं तो विलेन के कैसे होंगे, ये सोचना मुश्किल नहीं है.
कबीर सिंह की प्रीती की ही तरह फिल्म में श्रीवल्ली का चित्रण एक शक्तिहीन, कन्फ्यूज लड़की का है. जो विलेन से अपना शोषण करवाने को तैयार बैठी है. वो तो भला हो हीरो का जो उसे बचा लेगा.

काश हम कह सकते कि ये सब तो फ़िल्में हैं, फ़िल्में में जो होता है वो रियल थोड़े न होता है. लेकिन ऐसा नहीं है. फिल्मों से हम लगातार सीखते हैं. चाहे फैशन हो, शादी हो या रोमैंस हो,  सिनेमा जबसे है, तबसे इन आइडियाज को हमारे लिए परिभाषित यानी डिफाइन कर रहा है. आप कहोगे कि हर चीज में तुम्हें दिक्कत मिल जाती है. लेकिन मेरे दोस्त, इन छोटी छोटी दिक्कतों को आइडेंटीफे करके, उनके बारे में बात करके ही तो हम जेंडर इशूज पर डिस्कशन को आगे बढ़ाएंगे.
क्या राय है आपकी? मुझे कमेंट सेक्शन में बताएं.

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