"आज जब हम फीमेल सेंट्रिक फिल्मों की बात करते हैं तो उसमें केवल वो औरतें नहीं होतीं जो विक्टिम हैं या बदला लेती हैं. आज की फीमेल कैरेक्टर्स आम औरतें होती हैं, वो पर्दे पर वही करती हैं जो सामान्य जीवन में एक औरत करती हैं. वो काम पर जाती हैं, हाउसवाइफ हैं. अलग-अलग पेशे में हैं. स्पोर्ट्स पर्सन हैं. ये बहुत अच्छा है, क्योंकि आपको कई तरह के रोल करने को मिलते हैं... लेखक अब आधुनिक संवेदनशीलता के साथ स्क्रिप्ट लिखते हैं, न कि पितृसत्तात्मक सोच के आधार पर."माधुरी की आने वाली वेब सीरीज़ फेम गेम का पोस्टर. ऑफस्क्रीन भी कमाल कर रही हैं औरतें माधुरी को इस बात की खुशी है कि अब ऑडियंस भी स्क्रीन पर औरतों को देखने के अपने नज़रिए को बदल रही है. साथ ही उन्होंने इस बात पर खुशी ज़ाहिर की कि अब फिल्म के सेट पर महिलाएं ज्यादा दिखती हैं. माधुरी ने कहा,
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“ मुझे याद है जब मैंने काम करना शुरू किया था, तब सेट पर या तो को- स्टार्स आती थीं या हेयर स्टाइल करने वाली लड़कियां. इसके अलावा और किसी भी डिपार्टमेंट में और कोई महिला नहीं होती थी. पर आज जब मैं सेट पर जाती हूं तो महिलाएं चारो तरफ़ रहती हैं. असिस्टेंट डायरेक्टर्स, कैमरापर्सन, राइटर, डायरेक्टर और फोटोग्राफर्स. इसके पहले यह हायरार्की थी कि सिर्फ़ आदमी ही मेकअप कर सकते हैं और औरतें सिर्फ बाल बना सकती हैं. यह सब अब बदल चुका है."माधुरी दीक्षित ने साल 1984 में फिल्म अबोध से अपने करियर की शुरुआत की थी. साल 2022 में वो OTT डेब्यू करने जा रही हैं. बड़े पर्दे पर उनकी आखिरी फिल्म 2019 में आई मल्टीस्टारर 'कलंक' थी.
सरोज खान की मौत पर माधुरी दीक्षित ने अपने सोशल मीडिया पर क्या लिखा?