Budget 2022 में महिलाओं के लिए क्या है?

04:01 PM Feb 01, 2022 |
Advertisement
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का यूनियन बजट पेश किया. इसके बाद सब अपने-अपने हिस्से खोजने लगे. किसको क्या मिला, क्या बढ़ा, क्या घटा वगैरा-वगैरा. महिलाओं का भी जिक्र हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में महिलाओं के लिए भी घोषणाएं की हैं. एक नजर उन पर भी डाल लेते हैं. बजट 2022-23 में महिला और बाल कल्याण मंत्रालय के लिए 25,172 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. ये पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले तीन पर्सेंट ज्यादा है. इस बारे में वित्त मंत्री ने संसद में कहा,
"देश के उज्जवल भविष्य में नारी शक्ति की भूमिका अहम है. अमृत काल के दौरान महिलाओं के विकास के लिए हमारी सरकार ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की स्कीमों को नया और व्यापक रूप दिया है. इसी के तहत हाल में मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को शुरू किया गया था."
8 मार्च 2021 को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के लिए चल रही तमाम योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा था. मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति. अब ये स्कीमें क्या हैं, कब शुरू हुई थीं, ये भी जान लीजिए.

मिशन शक्ति

मिशन शक्ति का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देना है ताकि वर्क फोर्स में उनकी भागीदारी बढ़े. मिशन शक्ति के लिए इस साल के बजट में 3,184 करोड़ रुपये दिए गए हैं. 2021-22 के सत्र में इस स्कीम को 3,109 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. मिशन शक्ति 2001 में बीजू पटनायक सरकार ने उड़ीसा में लागू की थी. स्कीम की सफलता के बाद उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों ने भी इसे लागू किया था.

मिशन वात्सल्य

महाराष्ट्र सरकार की योजना है. उन महिलाओं के लिए जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण अपने पति को खोया था. इस मिशन के अंतर्गत 18 बेनिफिशियरी स्कीम्स हैं. महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने मिशन वात्सल्य को लेकर कहा था,
"परिवार के इकलौते कमाने वाले की मौत हो जाए, तो परिवार की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. ख़ासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के ग़रीब और वंचित वर्गों से आने वाली महिलाएं. इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को लाभ योजनाएं और सेवाएं दी जाएंगी."

पोषण 2.0

सरकार ने 18 दिसंबर 2017 को कुपोषण की समस्या पर केंद्रित पोषण अभियान शुरू किया था. इसे पहले राष्ट्रीय पोषण मिशन के नाम से जाना जाता था. स्कीम में सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया था. योजना का मक़सद 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ब्रेस्टफीडिंग मांओं के पोषण स्तर में सुधार लाना है. बजट में सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के लिए 20,263 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. सक्षम आंगनवाड़ी का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी है. इसका बुनियादी ढांचा बेहतर है और बच्चों के विकास के लिए सुधरा हुआ माहौल मुहैया कराती है. वित्त मंत्री ने बताया कि योजना के तहत दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा.
क्रिप्टो करंसी पर 30% टैक्स का मतलब जान लीजिए? 
Advertisement
Advertisement
Next