साल 2009 के जनवरी महीने में अमेरिका की नताली सुलेमान ने एक साथ आठ बच्चों को जन्म दिया. जिस तरह दो या तीन बच्चों के एक साथ पैदा होने को ट्विन्स और ट्रिपलेट्स कहते हैं, वैसे ही आठ बच्चों के एक साथ जन्म को ऑक्टोप्लेट्स कहते हैं. इसी के साथ नताली दुनियाभर में ऑक्टोमॉम के नाम से फेमस हो गई थीं. इतने बच्चों के एक साथ जन्म होने के अधिकतर मामलों में बच्चे जिंदा नहीं रह पाते, लेकिन नताली खुशकिस्मत रहीं.
उनके आठों बच्चे बड़े हो चुके हैं, स्वस्थ हैं और नताली अपने भरे-पूरे परिवार के साथ खुश हैं.
नताली के बहाने हम आपको दुनियाभर की उन चुनिंदा मांओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने पांच-छ: या उससे भी ज्यादा बच्चों को एक साथ जन्म दिया. इनमें से एक मां भारत की भी है. पर पहले नताली की कहानी:-
रिकॉर्ड्स के मुताबिक नताली से पहले 1998 में नाइजीरियाई मूल की अमेरिकी महिला केम चुकू ने एक साथ आठ बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन उनमें से एक बच्चे की मौत हो गई थी. तो केम को ऑक्टोमॉम का तमगा नहीं मिला.
नताली के मामले में जब लोगों को ये पता चला कि वो बेरोजगार हैं और इसके बावजूद उन्होंने IVF तकनीक से आठ बच्चों को जन्म दिया है, तो लोग खूब नाराज हुए.
लोगों का गुस्सा तब और बढ़ गया, जब उन्हें पता चला कि नताली पहले से छ: बच्चों की मां हैं. उनके घर के सामने प्रोटेस्ट होता था. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें कोसते थे. पहले उनका नाम नादिया डेनिस सुलेमान था, पर अपनी इमेज को बदलने के लिए उन्होंने अपना नाम नताली सुलेमान कर लिया. 2012 में NBC टुडे को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बच्चों को पालने के लिए वो लोगों की मदद पर निर्भर थीं. नताली के पिता एडवर्ड सुलेमान ईरानी सेना में थे.
IVF तकनीक से कैसे पैदा होते हैं बच्चे
इस तकनीक में पुरुष के स्पर्म और महिला के एग्स का लैब में फ्यूजन कराया जाता है और फिर इसे महिला के गर्भ में रख दिया जाता है. इसके बाद का प्रॉसेस नॉर्मल और नेचुरल होता है. पहले भ्रूण डेवलप होता है, फिर करीब नौ महीने में बच्चे का जन्म होता है. अगर महिला के गर्भ में एक से ज्यादा फ्यूजन रखे गए हैं, तो ज्यादा बच्चों का जन्म होगा. लेकिन जब ये संख्या 4-5 हो जाती है, तो बच्चों के जल्दी मरने का खतरा होता है.
नताली ने क्यों यूज की थी IVF तकनीक
नताली ने 1996 में मारको गिटीरेज से शादी की थी. तब वो 20 साल की थीं. दोनों को जब नेचुरली बच्चा पैदा करने में दिक्कत आई, तो 1997 में नताली ने IVF ट्रीटमेंट शुरू कराया. हालांकि मारको इसके हक में नहीं थे. 2000 में नताली और मारको अलग हो गए. 2006 में मारको ने तलाक की अर्जी दी, जो 2008 में अप्रूव हो गई. नताली का इलाज पहले से चल रहा था और तलाक के बाद उन्होंने IVF से बच्चे पैदा करने का फैसला लिया. डॉक्टर्स ने उनके लिए 12 फ्यूजन तैयार किए थे, जिनमें से चार खराब हो गए और बचे हुए आठ से बच्चों का जन्म हुआ.
मारको
बच्चे पैदा होने के बाद बदतर हो गई थी जिंदगी
आठ बच्चों की मां बनकर नताली बहुत खुश थीं, लेकिन बच्चों को पालना मुश्किल हो रहा था. मां बनने के बाद वो दवाओं की आदी हो गईं, जो उनके और उनके बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा था. ये उनकी फैमिली लाइफ पर असर डाल रहा था. घर के बाहर तो उन्हें पहले से हत्या की धमकियां मिल रही थीं. बच्चों की मेज तक खाना पहुंचाने और उनकी छत बरकरार रखने के लिए नताली को कई अलग-अलग काम करने पड़े.
परिवार बचाए रखने के लिए नताली ने अडल्ट फिल्मों में काम किया और स्ट्रिपर भी बनीं. हालांकि, कुछ सालों के बाद उन्होंने ये पेशे छोड़ दिए थे. जिम जाना शुरू किया. खुद की सेहत सुधारी, ताकि बच्चों की जिंदगी सुधर सके. वो कई एंटरटेन्मेंट प्रोग्राम्स में दिखीं और अपने बच्चों के साथ फोटोशूट कराए, जिनके एवज में उन्हें पैसे मिलते थे. मार्च 2012 में नताली ने ब्रिटिश मैगजीन 'क्लोजर' के लिए सेमीन्यूड फोटोशूट कराया था. वो पीपल मैग्जीन और ओप्रा विन्फ्रे के शो में भी दिखीं. फरवरी 2009 से वो कई टीवी शोज में आ चुकी हैं और आज उनकी पहचान मीडिया पर्सनैलिटी की है.
ओप्रा विन्फ्रे के शो में नताली
जो काम संभाल रहे थे, उन्हीं ने ठग लिया
नताली के मुताबिक उन्होंने अपना काम संभालने के लिए जो मैनेजर रखा था, उसने उन्हें धोखा दिया. नताली का मैनेजर बार-बार सरकार से उनकी शिकायत की धमकी दे रहा था. ऐसा होता, तो नताली अपने बच्चे खो सकती थीं. वो चुप रहीं और उनका मैनेजर 6 महीने तक उनका बैंक अकाउंट इस्तेमाल करता रहा. इसके अलावा उसने नताली के 50 हजार डॉलर हड़प लिए. तब नताली के बच्चे छोटे थे और वो रिस्क नहीं ले सकती थीं. अब जबकि उनके बच्चे बड़े हो चुके हैं और नताली की जिंदगी पटरी पर आ चुकी है, तो सब ठीक है. बच्चे नताली के बेहद करीब हैं और घर में उनकी मदद करते हैं.
नताली
तो एक मां के गर्भ में आखिर कितने बच्चे आ सकते हैं
साइंस कहता है कि इसकी कोई तय सीमा नहीं है. अभी तक एक गर्भ में सबसे ज्यादा बच्चों की संख्या 15 बताई जाती है. ये मामला 1971 का है, जब अमेरिका में डॉक्टर जेनेरो मॉन्टेनीनो ने दावा किया कि उन्होंने 35 साल की एक महिला के गर्भ से 15 भ्रूण निकाले. जीवित बच्चों की डिलीवरी के मामले में ये आंकड़ा नौ का है. 1971 में ही ऑस्ट्रेलिया में 29 साल की एक महिला ने नौ बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन उन सभी की मौत हो गई थी.
एक दावा डीकैप्लेट्स यानी 10 बच्चों के जन्म का भी है. बताते हैं कि 1946 में ब्राजील में एक महिला ने 10 बच्चों को जन्म दिया था. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी. नताली के अलावा सबसे ज्यादा बच्चों के पैदा होने और उनके जिंदा रहने का आंकड़ा सात का है. 1997 में ब्रिटेन के लोवा में एक महिला ने सात बच्चों को जन्म दिया था और वो सभी जीवित रहे. 1997 के इस केस के बाद से दो बार और ऐसा हो चुका है. हालांकि, पांच या उससे ज्यादा बच्चों के जन्म के अधिकतर मामलों में सारे बच्चे कुछ ही दिनों में मर जाते हैं. इसके उदाहरण सबसे ज्यादा हैं.
एक साथ पैदा होने वाले पांच बच्चों के पेरेंट्स
पर साइंस के पास कुछ जवाब भी हैं
हालांकि, एक गर्भ में कितने बच्चे आ सकते हैं, ये उनके वजन और आकार पर भी निर्भर करता है. आमतौर पर अगर गर्भ में बच्चों का वजन 12 पाउंड तक हो जाता है, तो लेबर पेन होने लगता है. गर्भ में बच्चे जितने ज्यादा होंगे, लेबर पेन उतनी ही जल्दी शुरू हो जाएगा. समय के हिसाब से देखें, तो गर्भ में एक बच्चा होने पर 40 सप्ताह के बाद दर्द शुरू हो सकता है. ट्विन्स में 37, ट्रिपलेट्स में 34 सप्ताह लगते हैं. अगर बच्चे और ज्यादा हुए, तो समय इसी हिसाब से कम होता जाता है. नताली के गर्भ में आठ बच्चे थे और उन्हें 30 सप्ताह लगे, जो संख्या के लिहाज से बहुत बेहतर है.
भारत में एक मां दे चुकी है पांच बच्चों को जन्म
मई 2015 में पंजाब के संगरूर जिले में एक मां ने एक साथ पांच बच्चों को जन्म दिया था. भारत में ये अपनी तरह का पहला मामला था. पैदा होने वाली सारी बच्चियां थीं. 32 साल की कुलदीप कौर ने जब अल्ट्रासाउंड कराया था, तो उसमें चार ही बच्चे दिखे थे. ये बच्चियां सात महीने की प्री-मेच्योर डिलीवरी से हुई थीं. कुलदीप और उनके पति सुखपाल सिंह की दो बेटियां पहले से थीं. इन पांचों में हर बच्ची का वजन 850 ग्राम था.
हॉस्पिटल में कुलदीप की बच्चियां
सूरत के हॉस्पिटल में एक साथ पैदा हुए थे 11 बच्चे, पर एक मां से नहीं
2011 में सूरत के 21st सेंचुरी हॉस्पिटल में 30 महिलाएं IVF ट्रीटमेंट से मां बनी थीं. इनमें से 11 मांएं चाहती थीं कि उनका बच्चा 11 नवंबर, 2011 यानी 11-11-11 को पैदा हो. इनमें सबसे उम्रदराज महिला 43 साल की थी. तो 11-11-11 को जब इस हॉस्पिटल में 11 बच्चों का जन्म हुआ, तो ये खबर बनी. लेकिन कुछ जगहों पर इसे ऐसे प्रचारित किया गया, जैसे एक ही महिला ने 11 बच्चों को जन्म दिया.
सूरत के हॉस्पिटल में 11-11-11 को पैदा हुए 11 बच्चे
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