उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Election Results 2022) के अंतिम नतीजे आने शुरू हो गए हैं. प्रदेश में बीजेपी (BJP) की सरकार दोबारा बनना तय है. लेकिन मेरठ जिले की सरधना विधानसभा से BJP प्रत्याशी संगीत सोम की हार हुई है. नजदीकी लड़ाई में उन्हें सपा (SP) प्रत्याशी अतुल प्रधान ने हरा दिया है. तीसरे नंबर पर रहे BSP के संजीव धामा सपा-बीजेपी के इस आमने-सामने के मुकाबले के आस-पास भी नहीं पहुंचे.
सरधना मेरठ जिले की सबसे चर्चित विधानसभा सीट कही जाती है. देश का सबसे मशहूर सेंट जोसेफ चर्च यहीं है. ये इलाका सूत का बड़ा उत्पादक रहा है. यहां कई तरह के बाग़ देखने को मिल जाएंगे. प्राचीन शिवमंदिर भी सरधना की बड़ी पहचान है. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में भी सरधना विधानसभा खासी चर्चा में रही.
संगीत सोम ने साल 2009 में सपा के सिंबल पर मुजफ्फरनगर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए. इसके बाद सपा छोड़कर संगीत BJP में शामिल हुए. उसके टिकट पर सरधना से 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव लड़े. दोनों बार जीते. इस दौरान संगीत सोम पर 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे भड़काने के आरोप भी लगे थे. हालांकि, सबूत न मिलने पर स्पेशल कोर्ट ने 2021 में केस बंद कर दिया था.
वहीं सपा के अतुल प्रधान ने मेरठ की छात्र राजनीति से सियासत में कदम रखा था. वे समाजवादी पार्टी की स्टूडेंट विंग के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके पहले अतुल को 2012 और 2017 के चुनावों में संगीत सिंह सोम के खिलाफ़ हार का सामना करना पड़ा था.
चुनावी इतिहास की बात करें तो सरधना में हमेशा BJP और कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत मिलती रही है. पिछले दो चुनावों से यहां बीजेपी का दबदबा है. 2012 के चुनाव में BJP की टिकट पर लड़े संगीत सोम ने RLD के हाजी मोहम्मद याकूब कुरैशी को करीब 12 हजार वोटों से हराया था. 2017 में संगीत सोम फिर विधायक बने थे. उन्होंने सपा के टिकट पर लड़े अतुल प्रधान को हराया था. तब जीत का अंतर 21 हजार वोटों से भी ज्यादा था. गौरतलब है कि सपा को अब तक सरधना में जीत नसीब नहीं हुई थी.
अनुमानों के मुताबिक़ सरधना में करीब 90 हजार मुस्लिम, 60 से 65 हजार क्षत्रिय, करीब 50 हजार जाट, 45 हजार दलित और करीब 30 से 35 हजार गुर्जर वोटर हैं. 10 फरवरी को सरधना में 67.33 फ़ीसद मतदान हुआ था. ये 2017 के मुकाबले करीब 4 फ़ीसद कम है.
मुद्दे और विवाद
आवारा पशुओं का मुद्दा इस बार पूरे यूपी चुनाव में छाया रहा. सूबे के कई जिले के लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं. किसान इससे काफी ज्यादा परेशान हैं. उनकी फसलों को आवारा मवेशी बर्बाद कर देते हैं. इसके अलावा किसानों के लिए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बड़ा मुद्दा है.
विवादों की बात करें तो 10 फरवरी को हुई वोटिंग के दौरान विधायक संगीत सोम पर एक अधिकारी को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक संगीत सोम ने कथित धीमी वोटिंग को लेकर अधिकारी से सवाल किए थे. अधिकारी ने कहा था कि सब सामान्य गति से चल रहा है. आरोप है कि इस पर संगीत सोम भड़क गए और अधिकारी को थप्पड़ मार दिया. जिसके बाद संगीत सोम पर FIR भी दर्ज की गई थी.
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