उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election Results 2022) के नतीज़े आ चुके हैं. जिनमें BJP को बड़ी जीत मिली है. मथुरा (Mathura) विधानसभा सीट से BJP प्रत्याशी और योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है.
श्रीकांत शर्मा ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 1 लाख 9 हजार 803 वोटों से हराया है. जबकि सपा के देवेंद्र अग्रवाल चौथे नंबर पर चले गए हैं. श्रीकांत शर्मा को करीब 1 लाख, 59 हजार वोट मिले हैं जबकि प्रदीप माथुर को करीब 49,000 वोट मिले हैं. तीसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी एसके शर्मा को 31 हज़ार 551 वोट मिले हैं.
मथुरा के इतिहास की बात करें तो अयोध्या की तरह इस शहर का भी धार्मिक महत्व है, जिस पर राजनीति होती आई है. मान्यताओं के अनुसार, मथुरा सप्त पुरियों में से एक है. श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मथुरा ही माना जाता है. दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित मथुरा शहर यहां की क्रूड ऑयल रेफ़ाइनरी और पेड़ों के लिए मशहूर है.
राजनीति की बात करें तो मथुरा विधानसभा 1956 में पास हुए Delimitation of Parliamentary and Assembly Constituencies Order के तहत बनाई गई थी. इसके बाद 1957 में पहला चुनाव हुआ. यहां अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा बार विजयी रही है. उसने नौ बार जीत हासिल की है. उसके बाद बीजेपी का नंबर आता है, जिसने यहां पांच चुनाव जीते. एक बार जनता पार्टी और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की है. इस सीट से कांग्रेस के प्रदीप माथुर सर्वाधिक 4 बार विधायक रहे हैं. BSP, RLD और SP के उम्मीदवारों को इससे पहले भी मथुरा में कभी जीत नहीं मिली है.
इस सीट पर वोटों का गणित भी जान लीजिए. 2017 की मतदाता सूची के मुताबिक इस सीट पर कुल 4 लाख 25 हजार 748 वोटर थे. इनमें 51.2 फीसदी पुरुष और 48.7 फीसदी महिला मतदाता हैं. मथुरा में ब्राह्मण मतदाता सबसे ज्यादा हैं. उनकी संख्या करीब 90 हजार है. दूसरे नंबर पर वैश्य मतदाता हैं. फिर मुस्लिम, दलित, जाट, कायस्थ, बघेल जाति के वोटर आते हैं. लेकिन ब्राह्मण और वैश्य वोटर यहां निर्णायक माने जाते हैं. 10 फरवरी को यहां हुए मतदान का प्रतिशत 57.3 रहा था जो साल 2017 के मुक़ाबले करीब 2 फ़ीसद कम है.
इस चुनाव मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के स्थान का विवाद बड़ा सियासी मुद्दा रहा. कई कोर्ट केस भी चल रहे हैं. BJP की कैम्पेनिंग के दौरान कहा गया कि अयोध्या में मंदिर निर्माण जारी है अब मथुरा की बारी है. हालांकि जब केशव प्रसाद मौर्य से इस बारे में पूछा गया तो बोले थे कि मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं है.
वहीं जनता के लिए महंगाई और बेरोजगारी अहम मुद्दा रही. इस वजह से चुनाव प्रचार के दौरान BJP प्रत्याशी श्रीकांत शर्मा को क्षेत्रीय लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा था. उनके खिलाफ़ नारे लगाए गए थे. इसके अलावा मथुरा में यमुना नदी की सफ़ाई और बंदरों की बड़ी संख्या भी चुनावी मुद्दे रहे हैं. इतना ही नहीं, भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता एसके शर्मा ने मथुरा में पार्टी छोड़ दी. बसपा में शामिल हो गए. क्षेत्र में चर्चा हो गई कि एसके शर्मा जमकर श्रीकांत शर्मा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लेकिन ऐसा हालिया चुनावी नतीजों में होता नहीं दिख रहा.
अब बात पिछले चुनावों की. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर विजयी हुए श्रीकांत शर्मा को एक लाख 43 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 42 हजार लोगों ने वोट किया था. वहीं 31 हजार से अधिक वोटों के साथ बसपा प्रत्याशी योगेश कुमार तीसरे स्थान पर थे. चौथे स्थान पर रहे RLD के अशोक अग्रवाल को 29 हजार से ज्यादा वोट मिले थे.
वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदीप माथुर ने करीब साढ़े 54 हजार वोट हासिल करते हुए मथुरा सीट जीती थी. तब बीजेपी की तरफ से लड़े देवेंद्र कुमार शर्मा को लगभग 54 हजार वोट मिले थे. दोनों के कांटे का मुकाबला हुआ था.
पिछला वीडियो देखें: बीजेपी रुझानों में बहुमत की ओर, रवि किशन ने कही तगड़ी बात