Advertisement
Punjab Exit Polls Chart
लगभग सभी एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है. वहीं सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस दूसरे स्थान पर खिसकती नजर आ रही है. शिरोमणि अकाली दल और बसपा का गठबंधन तीसरे स्थान पर रह सकता है. वहीं बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के गठबंधन को कुछ खास फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय पोल ने पंजाब में आम आदमी पार्टी को 76 से 90, कांग्रेस को 19 से 31, बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस गठबंधन को एक से 4 और शिरोमणि अकाली दल-बसपा के गठबंधन को 7 से 11 सीटें मिलने का अनुमान जताया है. अगर ये एग्जिट पोल सही साबित हो जाता है, तो पंजाब में भारी बहुमत से आम आदमी पार्टी की सरकार बन जाएगी.
चतुष्कोणीय मुकाबला
पंजाब विधानसभा में कुल 117 सीटें हैं. बहुमत के लिए 59 सीटों के जादुई आंकड़े की जरूरत है. 20 फरवरी को राज्य में मतदान हुआ था. चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य के लगभग 72 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला.पंजाब में इस बार मुकाबला चतुष्कोणीय है. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के सामने आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन और बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस गठबंधन चुनौती पेश कर रहे हैं.
कांग्रेस की तरफ से राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ही इस पद का चेहरा बनाया गया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने भगवंत सिंह मान को इस काबिल समझा है. बीजेपी और पंजाब लोक कांग्रेस के गठबंधन ने सीएम पद के चेहरे का ऐलान नहीं किया. इस गठबंध में कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल हैं, जो कांग्रेस पार्टी की तरफ से पंजाब के सीएम की भूमिका निभा चुके हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह अब पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन की तरफ से सुखबीर सिंह बादल को सीएम के तौर पर पेश किया गया है. सुखबीर सिंह बादल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं जो बीजेपी के परंपरागत सहयोगी रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के चलते उनकी पार्टी ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था.
विधानसभा चुनाव 2017 और 2012 के नतीजे क्या थे?
पिछले यानी साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं. वहीं अपने पहले ही चुनाव में सबको चौंकाते हुए आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी के गठबंधन ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी और राज्य के मुख्य विपक्षी गठबंधन का दर्जा हासिल किया था. इस गठबंधन में आम आदमी पार्टी ने 20 और लोक इंसाफ पार्टी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी. सत्ता में रहे शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन को महज 18 सीटें मिली थीं. शिरोमणि अकाली दल ने 15 और बीजेपी ने 3 सीटें जीती थीं.(बाएं से दाएं) अमित शाह, अरविंद केजरीवाल और चरणजीत सिंह चन्नी. (सांकेतिक फोटो- पीटीआई)
वहीं अगर साल 2012 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन ने 68 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें से 56 सीटें शिरोमणि अकाली दल ने जीती थीं, वहीं 12 सीटें बीजेपी की झोली में गई थीं. कांग्रेस पार्टी को 46 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
पिछले लोकसभा चुनावों की स्थिति
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 13 में से 8 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के एनडीए गठबंधन ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी. दोनों की झोली में दो-दो सीटें गई थीं. वहीं आम आदमी पार्टी ने एक सीट पर बाजी मारी थी.वीडियो- नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम मजीठिया वाली सीट का क्या है हाल?