UP Election Result: झांसी में बीजेपी का 'चौका', बबीना में बड़े अंतर से मिली जीत

10:58 PM Mar 10, 2022 |
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उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बीजेपी ने सभी चार विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की. जिले की चार विधानसभा सीटों में एक महत्वपूर्ण सीट बबीना भी है. बीजेपी इस सीट पर लगातार दूसरी बार जीती है. बबीना से बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा ने एक बार फिर सपा के यशपाल यादव को हराया. पारीछा ने 44,529 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. बबीना विधानसभा सीट पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को वोटिंग हुई थी. पारीछा को कुल 1,18,343 वोट मिले. वहीं यशपाल यादव भी 73,814 वोट जुटाने में सफल रहे. हालांकि उन्हें लगातार दूसरी बार यहां से हार मिली है. पिछले चुनाव में बीजेपी को 24 साल बाद इस सीट पर जीत मिली थी. बीजेपी के राजीव सिंह पारीछा ने 42 फीसदी वोट लाकर समाजवादी पार्टी को मात दी थी. सपा के यशपाल यादव को करीब 17 हजार वोटों से हार मिली थी. यशपाल यादव बुंदेलखंड में सपा के कद्दावर नेता चंद्रपाल सिंह यादव के बेटे हैं. वहीं पूर्व विधायक और बहुजन समाज पार्टी (BSP) नेता कृष्ण पाल सिंह राजपूत तीसरे स्थान पर रहे थे. 2017 से पहले लगातार दो बार (2012 और 2007 चुनाव) ये सीट बहुजन समाज पार्टी के हिस्से आई थी. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच इस सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. बसपा के कृष्ण पाल सिंह राजपूत करीब 7 हजार वोटों से जीत गए थे. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के चंद्रपाल सिंह यादव रहे थे. वहीं बीजेपी के श्याम सुंदर सिंह परीछा तीसरे नंबर पर थे. कांग्रेस यहां आखिरी बार साल 1985 में जीत दर्ज कर पाई थी.

बबीना में बुनियादी सुविधाओं का इंतजार

बुंदेलखंड इलाके का यह शहर सेना की छावनी के लिए जाना जाता है. 1967 से पहले बबीना ललितपुर विधानसभा का हिस्सा हुआ करती थी. 1967 में अलग बबीना विधानसभा सीट पर पहली बार वोटिंग हुई थी और कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. 2017 विधानसभा चुनाव के मुताबिक, यहां सवा तीन लाख से ज्यादा वोटर्स हैं. इस सीट पर दलित और ओबीसी वोटों की काफी अहमियत है. क्षेत्र में लोधी राजपूत, यादव, कुशवाहा, कुर्मी मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है. वहीं अनुसूचित जाति की आबादी भी करीब 25 फीसदी है. बबीना में पीने का पानी और सिंचाई आज भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है. सपा नेता यशपाल यादव ने चुनाव से पहले आरोप लगाया था कि हर घर नल के तहत पाइप तो लग गया, लेकिन इलाके में पानी अब भी नहीं पहुंच पाया है. उन्होंने कहा था कि यहां के किसान आज भी सिंचाई की समस्या से जूझ रहे हैं और किसी भी तालाब का मुआयना कीजिए तो पता चलेगा उसमें पानी नहीं है. क्षेत्र की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है, ऐसे में आज भी वे साफ पानी और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं.
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