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बिहार शरीफ में ट्रेन रोकते छात्र.
इस प्रदर्शन में दो तरह के छात्र शामिल हैं. पहले RRB NTPC की परीक्षा देने वाले और दूसरे RRB Group D की परीक्षा देने वाले. हम बात कर रहे हैं ग्रुप डी की वैकेंसी पर. आखिर ऐसा क्या हुआ जो 24 जनवरी को आए नोटिफिकेशन के बाद ये छात्र रेल रोकने पर भी आमादा हो गए.
क्या है पूरा मामला?
23 फरवरी 2019 को RRB एक नोटिफिकेशन जारी करता है, जिसमें ग्रुड डी के लिए कुल 1,03,769 वैकेंसी निकाली जाती हैं. ग्रुप डी में असिस्टेंट (वर्कशॉप), असिस्टेंट ब्रिज, प्वाइंट्समैन, ट्रैक मेन्टेनर जैसे पद थे. अलग अलग रेलवे जोन में पोस्ट्स की संख्या अलग अलग थी. नोटिफिकेशन के मुताबिक एक परीक्षा ली जानी थी, जो पास होंगे उनका फिज़िकल टेस्ट होना था. फिज़िकल टेस्ट पास करने वालों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा और उसके बाद नौकरी दी जाएगी. नोटिफिकेशन के मुताबिक परीक्षा सितंबर और अक्टूबर 2019 में पूरी हो जाएगी. छात्रों ने फॉर्म भरा और तैयारी शुरू की. करीब तीन साल बीत गए लेकिन छात्रों का इंतजार खत्म ही नहीं हुआ. इस बीच नोटिफिकेशन में अमेंडमेंट्स तो आए लेकिन परीक्षा की तारीख नहीं आई.फिर आई तारीख 24 जनवरी 2022. एक और नोटिफिकेशन आया. जिसने छात्रों की नींद उड़ा दी. नए नोटिफिकेशन के मुताबिक अब एक नहीं दो परीक्षाएं होंगी. पहली परीक्षा CBT 1 (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) के बाद CBT 2 होगा. जो CBT 1 में पास होंगे वो CBT 2 दे पाएंगे. उसके बाद जो CBT 2 में पास होंगे वो फिज़िकल टेस्ट दे पाएंगे. और जो फिज़िकल टेस्ट में पास होंगे उनको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा. यही बना छात्रों के प्रदर्शन की जड़.
RRB द्वारा जारी किया गया नया नोटिफिकेशन.
लेकिन इस पूरी कहानी में एक बड़ा मुद्दा और है. नए नोटिफिकेशन के मुताबिक CBT 2 के लिए वैकेंसी से कुल 15 गुणा ज्यादा छात्रों को बुलाया जाएगा. यानी CBT 1 में कुल वैकेंसी से 15 गुणा छात्रों को पास किया जाएगा. इसके बाद CBT 2 और फिज़िकल टेस्ट के बाद कुल उतने ही छात्रों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा. जितनी वैकेंसी है. यानी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाए छात्रों और वैकेंसी का रेशियो 1:1 रहेगा. जबकि 2019 में आए नोटिफिकेशन में कहा गया था कि ये रेशियो 1:1.05 रहेगा. यानी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए वैकेंसी से 5 प्रतिशत ज्यादा छात्रों को बुलाया जाएगा.
सरकार द्वारा जारी किया गया नया नोटिफिकेशन.
क्या कहते हैं छात्र और शिक्षक?
प्रयागराज के छात्र अविनाश बताते हैं,"डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन अक्सर ऐसा होता है कि कई छात्रों के डॉक्यूमेंट सही ना होने की वजह से उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है. ऐसे में जब वैकेंसी और छात्रों का रेशियो 1:1 होगा तो जाहिर तौर पर सीटें खाली रह जाएंगी."परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र राजन कहते हैं,
"3 साल से छात्र परीक्षा का इंतजार कर रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि परीक्षा देंगे और पास होकर नौकरी लग जाएगी. लेकिन परीक्षा तो हुई नहीं. और अचानक आए दो परीक्षाओं के नोटिफिकेशन ने छात्रों का मनोबल तोड़ दिया है."नाम ना छापने की शर्त पर छात्रों को तैयारी कराने वाले एक शिक्षक कहते हैं,
"ये परीक्षा ग्रुप डी के लिए कराई जा रही है. ग्रुप डी में वो नौकरियां निकलती हैं जिनमें ज्यादातर फिज़िकल वर्क यानी फील्ड पर मेहनत का काम होता है. इसीलिए इस परीक्षा में फिज़िकल टेस्ट भी लिया जाता है. इस परीक्षा में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों ने छात्र शामिल होते हैं. ऐसे में ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्रों से दो परीक्षा लेने का कोई औचित्य नहीं है."इधर छात्रों के लगातार प्रदर्शन के बाद रेलवे मिनिस्ट्री ने आज नोटिफिकेशन जारी कर के परीक्षा को रद्द कर दिया है. सरकार ने एक इस पूरे मामले पर 5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई जो इस मामले की जांच करेगी. इस कमेटी में रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एक्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर दीपक पीटर चेयरमैन हैं. सरकार ने कहा है कि छात्र 16 फरवरी 2022 तक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. और 4 मार्च 2022 तक कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी.
वीडियो- RRB NTPC रिजल्ट को लेकर युवाओं द्वारा ट्रेनें रोकने, रेलवे पटरियों को जाम करने की घटनाएं सामने आईं