FIFA ने लगाया रूस पर बैन, अब फुटबॉल वर्ल्ड कप का क्या होगा?

03:34 PM Mar 01, 2022 |
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खेलकूद में इंट्रेस्ट होगा तो अब तक आप जान गए होंगे कि FIFA और UEFA ने रूस को सस्पेंड कर दिया है. अर्थात अब रूस की फुटबॉल टीम या रूस के फुटबॉल क्लब्स वर्ल्ड और यूरोप लेवल की किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाएंगे. अब इस फैसले के बाद फुटबॉल प्रेमियों के बीच दो-तीन मुख्य सवाल घूम रहे हैं. और दी लल्लनटॉप अब उन्हीं सवालों के जवाब आसान भाषा में देने की कोशिश करेगा.

# Russia का क्या?

सबसे पहला सवाल तो यही है कि अब रशिया का क्या? इसके लिए आपको शुरू से समझाते हैं. 24 मार्च को होने वाले फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर्स के लिए रूस को पोलैंड से खेलना था. और पोलैंड किसी भी कीमत पर रूस से नहीं खेलना चाहता. और इसके लिए वे फीफा के फरमान की अनदेखी भी करने के लिए तैयार थे. फीफा ने सोमवार, 28 फरवरी को एक बयान जारी कर रूस को खेलने की परमिशन दे दी थी. फीफा ने कहा था,
'रूस की जमीन पर कोई भी इंटरनेशन कंपटिशन नहीं खेला जाएगा. रूस के 'होम' मैच बिना दर्शकों के न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे. रूस का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम्स रूस की जगह 'फुटबॉल यूनियन ऑफ रशिया' के नाम से खेलेंगी.'
साथ ही फीफा ने रूस के झंडे और राष्ट्रगान के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी. और फीफा के इस बयान पर पोलैंड ने कड़ी आपत्ति जताई थी. पोलिश फुटबॉल असोसिएशन के प्रेसिडेंट सेज़ारी कुलेसा ने ट्वीट कर कहा था,
'फीफा का आज का निर्णय हमारे लिए अस्वीकार्य है. यूक्रेन में जंग के हालात में, हम ऐसे खेल में इंट्रेस्टेड नहीं हैं. हमारी पोजीशन में कोई बदलाव नहीं है. पोलैंड की नेशनल टीम प्ले-ऑफ मैच में रूस के खिलाफ नहीं खेलेगी, भले ही रूस की टीम का नाम कुछ भी हो.'
पोलिश FA ने एक ऑफिशल बयान जारी कर अपना स्टैंड और साफ किया. उन्होंने लिखा,
'क़तर 2022 वर्ल्ड कप की रेस में आगे बढ़ने के लिए रूस के खिलाफ प्ले-ऑफ मैच मैच खेलने की कोई संभावना नहीं दिखती. हमें इस बात से कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि रूस के फुटबॉलर्स वाली इस टीम का नाम क्या है और मैच कहां पर हो रहा है.'
आम हालात में अगर कोई टीम अपना मैच खेलने से मना करती है तो सामने वाली टीम को 3-0 से विजेता घोषित कर दिया जाता है. UEFA एडिटोरियल पर मौजूद फीफा वर्ल्ड कप 2022के नियमों के मुताबिक,
'कोई भी असोसिएशन जो मैच खेलने से मना करती है, या फिर उसके चलते कोई मैच नहीं हो पाता है. तो FIFA उस असोसिएशन से हर्जाना मांग सकता है. यह हर्जाना फीफा के साथ होस्ट असोसिएशन या कोई अन्य असोसिएशन, जो मैच में भाग ले रही है उसे हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए मांगा जाएगा. साथ ही ऐसा करने वाली असोसिएशन फीफा से किसी तरह के वित्तीय पारिश्रमिक पर दावा भी नहीं कर सकती.'
यानी पोलैंड ने तमाम रिस्क लेते हुए फीफा की ख़िलाफ़त की. पोलैंड को इस मामले में खूब समर्थन भी मिला. चेक रिपब्लिक, स्वीडन, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड ने भी रूस के खिलाफ खेलने से साफ मना कर दिया था. और इसी समर्थन से बने दबाव के बाद फीफा ने भारतीय समयानुसार सोमवार की शाम को ही नया बयान जारी किया. फीफा और UEFA ने इस साझा बयान में कहा,
'FIFA और UEFA ने आज एकसाथ मिलकर फैसला किया है कि सभी रशियन टीम्स, फिर चाहे वो नेशनल हों या क्लब टीम्स, अगले आदेश तक FIFA और UEFA कंपटिशन से सस्पेंड की जाती हैं. यह फैसले ब्यूरो ऑफ द FIFA काउंसिल और द एग्जिक्यूटिव कमिटी ऑफ UEFA, यानी ऐसे अर्जेंट मुद्दों पर फैसले लेने वाली दोनों संस्थाओं की सबसे हाईएस्ट बॉडी ने लिए हैं. यहां फुटबॉल पूरी तरह से यूनाइटेड और यूक्रेन के प्रभावित लोगों के साथ है. दोनों (FIFA & UEFA) प्रेसिडेंट्स को उम्मीद है कि यूक्रेन के हालात तेजी से और महत्वपूर्ण तरीके से सुधरेंगे और फुटबॉल एक बार फिर से लोगों में शांति फैलाने का जरिया बनेगा.'
यानी अब एक बात साफ है कि अभी के हालात में रूस की फुटबॉल टीम क़तर वर्ल्ड कप नहीं खेल पाएगी. लेकिन क्या इस सस्पेंशन से पहले वो क़तर जा ही रहे थे? क्या उनका वर्ल्ड कप खेलना पक्का ही था? आगे बढ़ते हुए इन दो सवालों के जवाब जानते हैं.

# FIFA World Cup का क्या?

जैसा कि हम सब जानते हैं, फीफा वर्ल्ड कप 2022 इस साल के अंत में क़तर में होना है. और 32 टीम्स वाले इस वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफायर्स चल रहे हैं. अभी तक हुए 800 क्वॉलिफायर मैच के बाद कुल 210 में से 15 टीम क्वॉलिफाई कर चुकी हैं. यानी अभी 17 टीम्स के लिए जगह बची है. रूस चूंकि यूरोप में आता है इसलिए अब फोकस यूरोप पर करते हैं. फीफा वर्ल्ड कप के लिए यूरोप को 13 स्लॉट्स मिलते हैं. यानी यहां से कुल 13 टीम्स वर्ल्ड कप में खेल सकती हैं. इनमें से 10 टीम्स ऑलरेडी क्वॉलिफाई कर चुकी हैं. अब बचे तीन स्लॉट्स के लिए 12 टीम्स में टक्कर है. इनमें रूस और यूक्रेन के साथ इटली, वेल्स, टर्की, स्वीडन, पुर्तगाल, पोलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, नॉर्थ मैसेडोनिया और स्कॉटलैंड शामिल हैं. रूस और पोलैंड के बीच सस्पेंड हुए मुकाबले में जीतने वाली टीम अगले राउंड में जाती. जहां उसे स्वीडन और चेक रिपब्लिक के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से भिड़ना रहता. यानी रूस को क़तर में खेलने के लिए कम से कम दो मैच और जीतने ही होते. और वो मैच जीतने के बाद रूस की टीम वर्ल्ड कप में पहुंचती. अब रूस के सस्पेंशन के बाद देखने वाली बात होगी कि पोलैंड का क्या होगा? अगर पोलैंड को वॉकओवर मिला तो वह सिर्फ एक मैच जीतकर क़तर का टिकट ले सकते हैं. और पोलैंड के अलावा बाकी की दो टीम्स भी जल्दी ही डिसाइड हो जाएंगी. यानी वर्ल्ड कप में यूरोप का क़ोटा पूरा होना ही है. और समस्या बस यूरोप के क़ोटे में दिख रही थी. ऐसे में वर्ल्ड कप पर कोई संकट नहीं दिख रहा. बात अगर क्लब्स की करें तो स्पार्टक मॉस्को अब यूरोपा लीग राउंड ऑफ-16 में नहीं खेल पाएगी. ऐसे में यहां उनके खिलाफ खेलने वाली टीम RB लाइपज़िग को बिना खेले अगले राउंड में एंट्री मिल जाएगी. इस फैसले से पहले UEFA ने रूस से अपने प्रीमियर टूर्नामेंट चैंपियंस लीग के फाइनल की मेजबानी छीनी थी. सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाले इस फाइनल को पेरिस शिफ्ट कर दिया गया था. ये भी जानने लायक है कि पॉलिटिकल कारणों के चलते रशियन स्पोर्ट्स को अक्सर नुकसान होता है. टोक्यो ओलंपिक्स के दौरान भी रशियन एथलीट्स को अपने देश के झंडे और राष्ट्रगान के बिना ही खेलना पड़ा था. सरकार द्वारा प्रायोजित डोपिंग मामलों के चलते रूस के 335 एथलीट्स ने Tokyo2020 में रशियन ओलंपिक्स कमिटी (ROC) के नाम से भाग लिया था. यह इसलिए हुआ क्योंकि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने रूस को चार साल के लिए प्रतिबंधित कर रखा था. यानी तमाम स्पोर्टिंग बॉडीज ऑलमोस्ट हमेशा से रूस पर सख्त रही हैं. लेकिन क्या उनका ये रवैया बाकी देशों के साथ भी रहता है? हम कुछ उदाहरण देते हैं, फैसला आप खुद लीजिएगा.
  • इंटरनेशनल ओलंपिक्स कमिटी के चीफ थॉमस बाख बीजिंग विंटर ओलंपिक्स के आयोजन से बहुत खुश थे. जबकि चीन की नीतियां और उइगर मुसलमानों की हालत दुनिया जानती है.
  • इंग्लैंड की प्रीमियर लीग और फुटबॉल असोसिएशन के देखते ही देखते सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की मिल्कियत वाले पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड ने न्यूकासल यूनाइटेड को खरीद लिया. सलमान वही शख्स हैं जिन्होंने निर्वासित सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का आदेश दिया था.
  • क़तर में हो रहे वर्ल्ड कप को FIFA ने ही अप्रूव किया था. और वहां से लेबर राइट वॉइलेशन की ना जाने कितनी शिकायतें हर रोज आती हैं. इस वर्ल्ड कप की तैयारी में जाने कितने लोग मर गए. एरिक कैंटना समेत कई दिग्गजों ने इस वर्ल्ड कप को खूनी वर्ल्ड कप तक बताकर बहिष्कार की बात कही है. लेकिन फीफा के कान पर जूं भी नहीं रेंगती.

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