नेतानगरी के इस एपिसोड में सौरभ द्विवेदी द्वारा विशेषज्ञों के साथ पहलवानों के विरोध, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद से शरद पवार के इस्तीफे और एनसीपी की राजनीति पर विशेषज्ञों से चर्चा की.
अप्रैल माह के अंत से पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. वे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे और जेल की मांग कर रहे हैं. पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की, उसके बाद दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज करने को तैयार हुई. अब जनवरी के उलट पहलवानों के विरोध में कई राजनेता भी शामिल हो रहे हैं. एपिसोड में द इंडियन एक्सप्रेस के मिहिर वसावदा, वरिष्ठ खेल पत्रकार हरपाल सिंह बेदी, कुश्ती प्रशिक्षक और द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर प्रसाद बिश्नोई और पूर्व राष्ट्रीय कोच और ध्यानचंद अवार्डी ज्ञान सिंह के साथ जानिए क्या पहलवान के विरोध के पीछे कोई राजनीति है और आखिर बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच असली खींचतान क्या है.
नेतानगरी के इस पॉडकास्ट में इंडिया टुडे राजदीप सरदेसाई और साहिल जोशी के साथ द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के सुधीर सूर्यवंशी और लोकशाही मराठी के कमलेश सुतार की बातचीत में सुनिए शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का अपने फैसले को वापस लेने पर हुई चर्चा. पवार ने तीन दिन पहले पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की थी. इसके बाद से एनसीपी के कई नेता उनसे फैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे। 2 मई को अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद पार्टी ने शरद पवार का इस्तीफा क्यों नामंजूर किया और इस्तीफे के इस पूरे मामले के पीछे की राजनीति क्या है.
नेतानगरी के इस एपिसोड के अंत में फुर्सत की सलाह देते हुए सौरभ द्विवेदी भरत सुंदेरेसन की 'महेंद्र सिंह धोनी - एक अबूझ पहेली' और लेखक सत्य व्यास की 'मीना मेरे आगे' किताब पढ़ने सलाह दी. इसके अलावा एक वेब सीरीज 'डिप्लोमैट' देखने की सिफारिश भी करते हैं.