देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. केंद्र सरकार ने सोमवार 1 अगस्त को बताया कि 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में कुल डेढ़ लाख करोड़ रुपये की बोली लगाई गई. केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि मुकेश अंबानी की रिलांयस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने सबसे अधिक 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाई. वहीं अडानी समूह ने भी स्पेक्ट्रम की खरीद के लिए 212 करोड़ रुपये की बोली लगाई जो पूरी नीलामी के एक फीसदी से भी कम है. 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया 7 दिनों में पूरी हुई.
कब तक शुरू होगी 5G सर्विस?
रिलांयस जियो के बाद नीलामी में भारती एयरटेल दूसरी सबसे बड़ी कंपनी रही. कुल नीलामी में 58.65 फीसदी हिस्सेदारी रिलायंस जियो की रही. अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये के 5G स्पेक्ट्रम को खरीदा है. वहीं वोडाफोन-आइडिया ने 18784 करोड़ रुपये की बोली लगाई. प्रक्रिया को लेकर अश्विनी वैष्णव ने बताया,
"नीलामी पूरी हो गई है और 12 अगस्त तक मंजूरी, स्पेक्ट्रम आवंटन और एडवांस पेमेंट की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. ऐसा लगता है कि अक्टूबर तक देश में 5G सर्विस शुरू हो जाएगी."
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगले 2-3 सालों में देश भर में 5G नेटवर्क का अच्छा विस्तार हो जाएगा. नीलामी में शामिल कंपनियों को कुल स्पेक्ट्रम का 71 फीसदी बेचा गया है. इससे सरकार को 1 लाख 50 हजार 173 करोड़ रुपये मिलेंगे. नीलामी में 72 गीगा हर्ट्ज स्पेक्ट्रम पर बोली लगाई गई थी. स्पेक्ट्रम की खरीद के बाद अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर उन कंपनियों का अधिकार होता है, जिसने उसके लिए पैसे दिए हैं. ये कंपनियां उसी फ्रीक्वेंसी के तहत ग्राहकों को सेवा देती है.
किन शहरों में शुरू होगी 5G सेवा?
सरकार ने कहा है कि अक्टूबर से 5G सर्विस शुरू हो जाएगी. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पूरे देश में यह सर्विस मिलने लगेगी. 5G की शुरुआत सबसे पहले देश के 13 शहरों में होने वाली है. इन शहरों में दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरू, मुंबई, कोलकाता, चंडीगढ़, जामनगर, अहमदाबाद, चैन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे, और गांधीनगर शामिल हैं. देश के दूसरे इलाकों में 5G नेटवर्क पहुंचने में अभी और समय लगेगा. अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि साल के अंत तक शहरों की संख्या बढ़कर 20 से 25 हो सकती है.
5G से क्या होगा फायदा?
5G शुरू होने से मौजूदा 4G के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेज गति से इंटरनेट सर्विस मिलेगी. जाहिर सी बात है, इंटरनेट की स्पीड बढ़ने से ऑनलाइन जितने काम हो रहे हैं वो आसान हो जाएंगे. रोबोटिक सर्विसेज में तेजी आने वाली है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का और अधिक विस्तार होगा.
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