The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

महंगी फ्लाइट टिकट देख लोगों के होश उड़े थे, सरकार ने क्या किया जो रेट घट गए?

दिल्ली से लेह, श्रीनगर, मुंबई, पुणे जाने वाली फ्लाइट्स का किराया 14 से 61 फीसदी सस्ता हुआ.

post-main-image
विमानन मंत्री ने कहा कि एयरलाइन कंपनियों को एक सीमा से ज्यादा किराया नहीं बढ़ाना चाहिए.

हवाई किराया देख सबकी बुद्धि हिली हुई थी. रेट अचानक इतने बढ़ गए थे कि लोगों को फिर ट्रेन प्यारी लगने लगी थी. नाराजगी सोशल मीडिया तक भी पहुंची. विपक्षी पार्टियों ने भी इसे मुद्दा बनाया. नतीजा सरकार की आंखें खुलीं. अब खबर है कि सरकारी दखल के बाद दिल्ली से कई बड़े रूटों पर 14 से 61 फीसदी तक किराया सस्ता हो गया है. एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 7 जून को कहा कि हवाई किरायों में बेतहाशा इजाफे के बाद 6 जून को मीटिंग हुई थी. जिसके बाद 7 जून को हवाई किरायों में अच्छी खासी कमी आई है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से श्रीनगर, लेह, पुणे और मुंबई जाने वाली फ्लाइट का किराया कम हो चुका है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर संतुष्टि भी जताई है.

मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से यात्री लगातार महंगे हवाई किराये को लेकर शिकायत कर रहे थे. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कंपनियों के साथ बैठक कर फटकार लगाई थी. सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधितक करते हुए कहा, 

‘मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली से श्रीनगर, लेह, पुणे और मुंबई वाले रूट पर हवाई किराया 14 से 61 फीसदी तक कम हो चुका है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन(DGCA) और मंत्रालय दोनों रोजाना हवाई किरायों पर नजर बनाए हुए हैं.’

उन्होंने कहा कि हवाई किराया तय करने का अधिकार कंपनियों के पास होता है. बिजनेस कैसा चल रहा है, वैश्विक बाजार कैसा है और हवाई तेल के दाम जैसी तमाम चीजों के आधार पर कंपनियां हवाई किराये को लेकर फैसला करती हैं. इंडिया में हवाई किराया सीजन-सीजन के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. किराया तय करने का एक पूरा एल्गोरिद्म है. अगर किसी रूट पर जाने वालों की मांग ज्यादा है, सीटें कम हैं और लागत भी कुछ खास कम नहीं हुई है तो उस स्थिति में किराया महंगा होना ही है.

उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों की भी समाज के प्रति कोई जिम्मेदारी होती है. एविएशन ही नहीं अन्य सेक्टर्स में भी किराया बढ़ाने की एक निश्चित सीमा होनी चाहिए. उन्होंने इस पूरे मामले में मंत्रालय की भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि मंत्रालय नियामक नहीं है. वह सिर्फ इंडस्ट्री के कामकाज को सुचारु बनाने का काम करता है. 

इससे पहले कई जगहों से शिकायत मिलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी. बैठक में एयरलाइंस से कहा गया कि उन्हें खुद से आंकलन करते रहना चाहिए कि किराया कहीं ज्यादा तो नहीं है. अगर है तो उसे वाजिब स्तर पर लाने का काम किया जाए. बीते दिनों उड़ीसा और मणिपुर में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं हुई हैं. ऐसे स्थितियों में तो हवाई किराये पर खास नजर रखनी चाहिए.

वीडियो: खर्चा पानी: एक और एयरलाइंस बंद होने वाली है!