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नई नौकरी, पैसा कम लेकिन ये चालाकी बहुत पैसे बचाएगी भी, बढ़ाएगी भी

कम सैलरी वाले ब्रांडेड कपड़ों में कमाई खपा रहे हैं. क्योंकि पैसा बचता ही नहीं है. लेकिन इन तरीकों से आप पैसों का पहाड़ खड़ा कर सकते हैं.

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नौकरी शुरू करने वाले लोग अपनी रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर तमाम विकल्पों में निवेश कर सकते हैं (फोटोः पीटीआई)

कम कमाई वाले लोग अक्सर ये सोच कर निवेश नहीं कर पाते कि इतने कम पैसे में क्या-क्या किया जाए? आधे से अधिक पैसे तो जरूरतें पूरी करने में खर्च हो जात हैं. बाकी जो पैसा बचता है, वह शौक पूरे करने में खर्च हो जाता है - ब्रांडेड कपड़े और महंगे फोन. इसलिए इस तरह के लोग बचत और निवेश जैसी चीजों में पड़ने की बजाय अपने शौक पूरे करने को ज्यादा तवज्जो देते हैं. लेकिन ये बातें भी सब पर लागू नहीं होती हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सैलरी कितनी भी हो बचत जरूर करनी चाहिए.

निवेश जरूरी क्यों है?

आज खाने-पीने की चीजें हों या पेट्रोल डीजल के दाम सभी चीजों के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं. इसलिए कमाई भी उसी रफ्तार से बढ़ना बेहद जरूरी है, जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है. फाइनेंस की दुनिया के धुरंधर लोग इस प्रक्रिया को वेल्थ क्रिएशन कहते हैं. यानी अपने पैसे का इस तरह मैनेजमेंट करना की उसमें इजाफा होता रहे. इसे ही निवेश यानी इनवेस्टमेंट भी कहते हैं. अगर सही तरीके से निवेश किया जाये तो आप इतने पैसे इकट्ठे कर सकते हैं कि कुछ ही सालों में नौकरी छोड़कर आराम से रिटायरमेंट लाइफ गुजार सकते हैं. अब ये कैसे संभव हो सकता है, जानते हैं. दरअसल जल्दी निवेश की आदत से कंपाउंड इंटरेस्ट का भरपूर फायदा मिलता है.

कंपाउंड इंटरेस्ट या चक्रवृद्धि ब्याज. और आसान भाषा में कहें तो ब्याज पर ब्याज. इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए एक आदमी ने हर महीने 500 रुपये निवेश करने का फैसला किया तो एक साल में वह आदमी 6000 रुपये का निवेश कर लेगा. अगर इस निवेश पर उसे 8 पर्सेंट का ब्याज मिले तो निवेश की कुल रकम बढ़कर 6480 रुपये हो जाएगी. यानी 6000 मूलधन और 480 रुपये ब्याज.

अगले साल उसने फिर 6000 रुपये जमा किए तो कुल जमा हो गया 6480+6000 यानी 12 हजार 480 रुपये. अब ब्याज 12000 रुपये नहीं बल्कि 12 हजार 480 रुपये पर मिलेगा. इस तरह से आप देख सकते हैं बिना कुछ किए उस आदमी पैसे बढ़ने शुरू हो गए. ऐसे में अगर कोई निवेशक कई सालों तक निवेश करना जारी रखे तो वह रिटायरमेंट या दूसरी जरूरतों के समय अच्छी खासी बचत कर सकता है.

कहां निवेश करने में है फायदा?

वैसे तो निवेश के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन निवेश का हर तरीका सब पर फिट नहीं बैठता है. इसलिए सबसे पहले अपने वित्तीय लक्ष्य बनाना जरूरी है. मान लीजिए आपको एक मंहगा मोबाइल फोन खरीदना है और आपके पास एकमुश्त पैसा नहीं है या आपको अगले साल कोई विदेश यात्रा करनी है या 4-5 साल बाद घर खरीदना है और इसके डाउनपेमेंट के लिए पैसे जुटाना हो.

इसमें कुछ जरूरतें शॉर्ट टर्म की हैं और कुछ लॉन्ग टर्म की है. कौन सा विकल्प आपके लिेए सही है इसका फैसला निवेश की रकम, उस पैसे से क्या खरीदना है, निवेश के पैसों की जरूरत कब पड़ेगी और रिस्क लेने की कितनी क्षमता है - इन सभी चीजों के आधार पर तय होगा. आइए जानते हैं कि निवेश के क्या-क्या विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश सुरक्षित

अगर आप कम रिस्क के साथ निवेश करना चाहते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट आपके लिए सबसे सुरक्षित विकल्प है. एफडी सालों से लोगों की पहली पसंद रहा है. जितने समय के लिए आप पैसे जमा करेंगे बैंक अपनी स्कीम के हिसाब से आपको उस पर ब्याज देगा. इस समय लगभग सभी बैंक 1 साल से 5 साल तक की जमा पर 9 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं.  

पीपीएफ खाता खुलवाएं

एफडी की तरह ही अगर आप अपने निवेश पर ज्यादा रिस्क लेने के मूड में नहीं, तो आप पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) अकाउंट खुलवा सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट देश के ज्यादातर सरकारी और निजी बैंकों में खुलवाने की सुविधा मिलती है. इसके अलावा देशभर में फैले कई पोस्ट ऑफिसों में भी पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है. पीपीएफ खाते में कम से कम 500 रुपये हर महीने निवेश का विकल्प उपलब्ध है. इस समय पीपीएफ पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. हालांकि, याद रहे पीएफ से पैसे निकालने की कुछ शर्तें होती हैं. नियमों के मुताबिक 15 साल से पहले पीपीएफ से पूरा पैसा नहीं निकाल सकते हैं. वहीं 7 साल बाद पीपीएफ खाते से कुछ पैसा निकाला जा सकता है.

एकमुश्त पैसा नहीं तो आरडी बढ़िया विकल्प

अगर आपके पास मोटा पैसा एक साथ जमा करने के लिए नहीं है और आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा कर सकते हैं, तो रेकरिंग डिपॉजिट (RD) के विकल्प पर विचार कर सकते हैं. ये कमोबेश फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह होता है लेकिन पेमेंट एकमुश्त की जगह हर महीने जाती है. जब चाहें, तब निकासी भी कर सकते हैं. बैंक और पोस्ट ऑफिसों में रिकरिंग डिपाजिट की सुविधा मिलती है.

शेयर बाजार में जोखिम ज्यादा लेकिन बंपर रिटर्न

जो लोग रिस्की विकल्पों में निवेश कर सकते हैं उनके लिए सबसे पहला विकल्प है शेयर बाजार. शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी. कई ऐसी अच्छी कंपनियां हैं जिनके शेयर 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक में मिल रहे हैं. इनके शेयर खरीदकर भी आप पैसे लगा सकते हैं. शेयर बाजार एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक निफ्टी50 ने पिछले 20 सालों में (2002 से 2022 तक) से सालाना करीब 15 फीसदी और पिछले 10 सालों में करीब 12 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसलिए अगर आपके भीतर रिस्क लेने का माद्दा है तो शेयर बाजार में में भी पैसे लगा सकते हैं.

रोज-रोज की चिक चिक से बचने के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर

शेयर बाजार में पैसे लगाना कई लोगों के लिए उलझन का काम हो सकता है. दरअसल शेयर्स के दाम हर दिन घटते-बढ़ते हैं. अगर आपके पास समय का अभाव है, रोज शेयरों के दाम पर नजर नहीं रख सकते तो म्यूचुअल फंड आपके काम आ सकता है.  म्यूचुअल फंड भी शेयरों में पैसा लगाते हैं लेकिन इन फंड्स को अनुभवी विशेषज्ञ मैनेज करते हैं. इसलिए आपको हर दिन अपना सर खपाने की जरूरत नहीं होती. म्यूचुअल फंड में आप महीने-महीने पैसे जमा कर सकते हैं, जिसे फाइनेंस की भाषा में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) भी कहते हैं.

म्यूचुअल फंड भी कई तरह के होते हैं. कुछ फंड गोल्ड में निवेश करते हैं, कुछ शेयरों में, कुछ इंडेक्स में और कुछ बॉन्ड्स में. हर फंड ये बताता है कि उसका औसत सालाना रिटर्न कितना रहा है. अगर उस फंड में निवेश करते हैं, तो अन्य कितने खर्चे आ सकते हैं, औसत रिटर्न कितना रहा है, आदि. ऐसी सभी चीजों को अच्छे से समझ लें, तभी निवेश करें. फिक्स्ड इनवेस्ट के फाउंडर अक्षर शाह कहते हैं कि जो लोग हल्का-फुल्का रिस्क ले सकते हैं वो इंडेक्स फंड में पैसे लगा सकते हैं. इंडेक्स फंड कई बड़ी और मजबूत प्रदर्शन वाली कंपनियों के शेयरों का एक समूह होता है. निवेशक इंडेक्स फंड में पैसे लगाकर एक साथ कई कंपनियों में निवेश का फायदा उठा सकते हैं. अगर 5 सालों तक के लिए पैसे लगा सकते हैं तो ये विकल्प अच्छा साबित हो सकता है. इस पर एफडी के मुकाबले अच्छा रिटर्न मिल सकता है.

REIT से छोटा निवेश हो जाएगा बड़ा

अगर रियल एस्टेट में निवेश करने का सपना रहा है लेकिन ये सोचकर बचते रहे हैं कि मोटा पैसा हाथ में नहीं है तो आपके लिए REIT सबसे उपयुक्त विकल्प हो सकता है. REIT का मतलब होता है कि रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट. इसके जरिए आप रियल एस्टेट में कम पैसे लगाकर भी निवेश कर सकते हैं. ये ट्रस्ट निवेशकों के पैसों को कमर्शियल प्रॉपर्टीज में लगाते हैं. यह लॉन्ग टर्म निवेश के लिहाज से उपयुक्त विकल्प है.

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

ये तो हो गईं निवेश की बातें. लेकिन पहले ये सुनिश्चित कर लें कि आपका क्रेडिट कार्ड का कोई बकाया बिल बाकी तो नहीं है. अगर है तो सबसे पहले अपने बकाया बिल को चुकाएं, क्योंकि इस पर मोटा ब्याज लगता है. इसके अलावा इमरजेंसी फंड भी तैयार करें. जानकार सलाह देते हैं कि इमरजेंसी फंड के नाम पर करीबन 6 महीने की सैलरी के बराबर की रकम सुरक्षित जमा कर लें ताकि, किसी अनचाही स्थिति जैसे कि नौकरी चली जाने पर आपको फाइनेंशियली दिक्कत न उठानी पड़े. अगर ये चीजें निपटा ली हैं तो आप हर महीने एक निश्चित रकम के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं. 

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