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इस बैंक में पैसा लगाने वाले बर्बाद, अरबों रुपये डूब गए

शेयर मार्केट में तगड़ी गिरावट आई है.

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सांकेतिक फोटो. (फोटो: सोशल मीडिया)

क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) को भले ही UBS ने खरीदने की घोषणा की है, लेकिन एक ऐलान ने बैंक के करोड़ों निवेशकों हिला कर रख दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेडिट सुइस अपने एडिशनल टियर-1 बॉन्ड्स यानी एटी-1 बॉन्ड्स को राइट डाउन कर जीरो करेगा. बैंक ने यह फैसला स्विस रेगुलेटर फिनमा के आदेश पर लिया है. स्विस बैंक के इस फैसले से निवेशक भयंकर गुस्से में हैं. इन बॉन्ड्स की कुल कीमत करीब 1 लाख 42 हजार 492 करोड़ रुपये है. इस तरह से देखा जाए तो निवेशकों के अरबों रुपये डूब जाएंगे.

आगे बढ़ने से पहले जानते हैं कि एटी-1 बॉन्ड क्या होते हैं. दरअसल, एडिशनल टियर-1 बॉन्ड ऐसे बॉन्ड होते हैं जिनका मैच्योरिटी पीरियड नहीं होता है. इन बॉन्ड पर ब्याज थोड़ा ज्यादा होता है. इन बॉन्ड्स को जारी करने वाले बैंक को वापस नहीं किया जा सकता है. साथ ही इसमें यह भी शर्त होती है कि अगर बैंक आर्थिक संकट में फंसा तो वह ब्याज भुगतान को रोक भी सकता है. 

क्योंकि एटी-1 बॉन्ड में ब्याज ज्यादा होता है, इसलिए कई निवेशक ज्यादा रिटर्न के चक्कर में रिस्क लेकर इसमें पैसा लगाते हैं. भारत में पहली बार इसी तरह का मामला यस बैंक के एटी-1 बॉन्ड में देखने को मिला था. यस बैंक के पूर्व प्रमोटर राणा कपूर का घोटाला सामने आने के बाद 2020 में यस बैंक डूबने के कगार पर आ गया था. उस समय बैंक को डूबने से बचाने के लिए RBI को आगे आना पड़ा था. रिजर्व बैंक ने यस बैंक की रीस्ट्रक्चरिंग का प्लान पेश कर यस बैंक के 8415 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड्स को राइट ऑफ कर दिया था.

स्विस रेगुलेटर फिनमा ने कहा कि इस फैसले से क्रेडिट सुइस को डूबने से बचाने के लिए निजी निवेशकों को भी कुछ परेशानी उठानी पड़ेगी. फिनमा के चेयरमैन मार्लीन एम्सटैड ने कहा है, 

"क्रेडिट सुइस को डूबने से बचाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है. लेकिन इस फैसले के चलते एटी-1 बॉन्ड में निवेश करने वाले लोगों के हाथ कुछ भी नहीं आएगा." 

हालांकि, शेयरहोल्डर्स जिन्हें बैंकरप्सी प्रोसेस के तहत प्रॉयरिटी बेसिस पर अपने पैसे मिलने हैं, उन्हें UBS की डील के तहत करीब 27 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे क्योंकि UBS क्रेडिट सुइस को खरीदने के एवज में इतनी रकम चुकाएगा.

शेयर मार्केट में गिरावट

UBS के CEO राल्फ हैमर्स ने कहा कि एटी-1 बॉन्ड्स को राइट डाउन करने का फैसला फिनमा ने लिया है इसलिए इसकी लायबिलिटी UBS बैंक पर नहीं होगी. इससे पहले यह खबर आई थी कि UBS के साथ डील होने पर शेयरहोल्डर्स को कुछ न कुछ मिलेगा. इससे एटी-1 बॉन्ड्स में कुछ मजबूती भी आई थी. इससे यह भी उम्मीद जगी थी कि बॉन्डहोल्डर्स के हितों का ख्याल रखा जाएगा. पिछले हफ्ते बॉन्ड की कीमतें बहुत गिर गई थीं. क्रेडिट सुइस की लगातार बिगड़ती हालत का असर बॉन्ड पर पड़ा था. इन्वेस्टर्स का कहना है कि स्विस रेगुलेटर के इस कदम से दूसरे बैंकों के लिए भी एटी-1 बॉन्ड्स के जरिये पूंजी जुटाना मुश्किल हो जाएगा.

वहीं,  आज स्विस बाजार खुलते ही क्रेडिट सुइस के शेयर 63 फीसदी तक लुढ़क गए. भारतीय समय के मुताबिक दोपहर तीन बजे के आसपास बैंक के शेयर 60 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. इसी तरह क्रेडिट सुइस को खरीदने की घोषणा करने वाले UBS के शेयर 9.61 फीसदी के साथ ट्रेड कर रहे थे. बैंकिंग संकट गहराने और मंदी की आशंका से शुक्रवार 17 मार्च को अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे. बैकिंग संकट के चलते आज घरेलू बाजार में भी भारी गिरावट दिखी. कारोबार के दौरान सेंसेक्स सोमवार 20 मार्च को करीब 360 अंक लुढ़ककर बंद हुआ. वहीं निफ्टी गिरकर 17,000 के स्तर पर आ गया.

इस गिरावट के चलते शेयर बाजार में आज निवेशकों को एक दिन में करीब 2 लाख करोड़ रुपये की चपत लग गई.  आपको बता दें कि यूरोपीय बैंक क्रेडिट सुइस को संकट से उबारने के लिए UBS सामने आया है. स्विस अधिकारियों ने कहा है कि UBS ने दुनियाभर के बैंकिंग सेक्टर में आई सुनामी को रोकने के प्रयास के तहत क्रेडिट सुइस के अधिग्रहण के लिए एक समझौता किया है. UBS ने ये फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब इस बैंक के दिवालिया होने से पूरी दुनिया के वित्तीय बाजारों को जोरदार झटका लग सकता है. क्रेडिट सुइस बैंक स्विटजरलैंड का दूसरा सबसे बड़ा और करीब 167 साल पुराना बैंक है.

वीडियो: खर्चा पानी: दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में शुमार क्रेडिट सुइस बैंक डूबा तो क्या होगा?