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गौतम अडानी दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट से बाहर, रातोंरात कैसे घटती है रईसों की संपत्ति?

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी के लिए बनी संकट. तीन दिन में गंवाए हजारों करोड़ रुपये. लेकिन ये हुआ कैसे?

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गौतम अडानी (फाइल फोटो)

अमेरिका की फॉरेंसिक इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों में फ्री फॉल जारी है. रिपोर्ट के चलते अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी की संपत्ति में भी भारी गिरावट आ चुकी है. आर्थिक जगत पर नजर रखने वाले प्लेटफॉर्म्स के मुताबिक जनवरी की शुरुआत से ही गौतम अडानी की संपत्ति में गिरावट हो रही थी. लेकिन पिछले तीन-चार दिनों में ये गिरावट नाटकीय रूप से बढ़ी है. रिपोर्टों के मुताबिक इस पूरे महीने गौतम अडानी की संपत्ति 36 अरब डॉलर यानी करीब 2.94 लाख करोड़ रुपये घट चुकी है. इनमें से करीब 2.78 लाख करोड़ का नुकसान बीते तीन दिनों में देखने को मिला. नतीजा ये हुआ कि इससे काफी समय तक दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी रहे गौतम अडानी अब दुनिया के 10 सबसे अमीर अरबपतियों की लिस्ट से भी बाहर हो चुके हैं.

अडानी के लिए संकट बनी हिंडनबर्ग रिपोर्ट

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स से पता चलता है कि गौतम अडानी अब 84.4 अरब डॉलर (करीब 6.90 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति के साथ अमीरों की सूची में 11वें स्थान पर आ गए हैं. इतना ही नहीं, दुनिया के शीर्ष 500 सबसे अमीर पुरुष और महिलाओं की सूची में गौतम अडानी इतना पैसा गंवाने वाले इकलौते आदमी हैं.

इससे पहले 2022 में गौतम अडानी की संपत्ति में करीब 40 अरब डॉलर (करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये) का उछाल आया था और वे दुनिया के इकलौते अरबपति थे जिनकी संपत्ति में एक साल में इतना बड़ा इजाफा हुआ था. अब ऐसा लगता है कि उन्होंने पिछले पूरे साल जितनी संपत्ति जोड़ी थी वह इस साल के पहले महीने में ही काफी हद तक साफ हो चुकी है. 

हालाँकि, कॉलेज ड्रॉपआउट गौतम अडानी अभी भी सबसे अमीर भारतीय हैं, क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी उनके एकदम नीचे 12 नंबर पर हैं. जब से अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले सप्ताह 32,000 शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की तब से लेकर अब तक अडानी समूह को अरबों का फटका लग चुका है. इससे गौतम अडानी को भी हर कारोबारी दिन अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है.  

हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर काफी कर्ज है. आसमान छूते वैल्यूएशन वाले इन शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया गया है, जिससे पूरे ग्रुप की वित्तीय स्थिति मुश्किल में पड़ सकती है. शॉर्ट टर्म में कंपनी को कैश फ्लो के मामले में दिक्कत हो सकती है. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर बहुत महंगे हैं. इनका वैल्यूएशन आसमान पर है. इसलिए फंडामेंटल एनालिसिस के हिसाब से इनमें 85 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ 4 बड़ी जांच हो चुकी हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी, करप्शन जैसे आरोप लगे थे.

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन कारोबारी सत्रों में अडानी ग्रुप को करीब 2.80 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, क्योंकि समूह की कंपनियों का करीब 25 फीसदी मार्केट कैप साफ हो चुका है.

कैसे घटती है अरबपतियों की संपत्ति?

अब जानते हैं कि रातोंरात अमीरों की संपत्ति कैसे स्वाहा हो जाती है. दरअसल जब भी कोई आदमी कंपनी बनाता है तो शुरुआत में कंपनी का मालिक या तो खुद होता है या एक-दो फाउंडर या प्रमोटर होते हैं. लेकिन ज्यादातर बड़ी कंपनियां अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए शेयर मार्केट से पैसा जुटाती हैं. इसके लिए कंपनियों को आईपीओ लाना पड़ता है. इस आईपीओ के जरिये कंपनी शेयर का भाव तय करती है और अपने शेयरों को शेयर मार्केट में सूचीबद्ध करा लेती है. इस तरह से कंपनी का एक या दो मालिक नहीं, बल्कि कंपनी में पैसा लगाने वाले कई मालिक हो जाते हैं क्योंकि इसमें कई बड़े और लाखों छोटे निवेशकों का पैसा लगा होता है. हालांकि आमतौर पर कंपनी में ज्यादा हिस्सेदारी या शेयर  मालिक के फाउंडर या प्रमोटर्स के होते हैं.

शेयर मार्केट में लिस्ट होने के बाद कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग होती है. इसलिए जब कंपनी के शेयर का भाव ऊपर नीचे जाता है तो कंपनी के मालिक की संपत्ति में भी घट-बढ़ होती है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कई निवेशकों ने अडानी के शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली की है. इस वजह से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर काफी गिर चुके हैं. इससे अडानी की निजी संपत्ति में भी नुकसान हुआ है. यानी सीधे तौर पर देखें तो अडानी की संपत्ति का सीधा वास्ता अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों पर निर्भर है. 

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